In-depth Analysis of the Important Meeting between Mizoram’s Chief Minister Lalduhoma and Prime Minister Narendra Modi

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हाल ही में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा और PM NARENDRE MODI की एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई।  जिसमे भारत-म्यांमार सीमा से जुड़े मुद्दे भी शामिल थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लालदुहोमा ने अपनी इच्छा जाहिर की कि वे अखंड भारत का हिस्सा बनकर एक बड़ा मिजोरम बनाना चाहते हैं? उनका यह सपना है कि उत्तर पूर्वी भारत, म्यांमार, बांग्लादेश के चिटागोंग हिल ट्रैक्ट्स आदि के कुछ सटीक क्षेत्रों को शामिल करके एक बड़ा मिजोरम बनाया जाए। आज के इस वीडियो में हम इन्हीं सब मुद्दों को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि इस मुलाकात से यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों नेताओं के विचार इस मुद्दे पर काफी अलग हैं। तो चलिए शुरू करते हैं नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़-Important Meeting between Mizoram’s Chief Minister

2023 में हुए विधानसभा चुनाव में, लालदुहोमा की पार्टी, जोरम पीपुल्स मूवमेंट ZPM ने मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट MNF और कांग्रेस के बीच की पारंपरिक सत्ता पाने के स्वप्न को तोड़ दिया था। ZPM ने अपने आप को तीसरी शक्ति के रूप में स्थापित करके इस साल स्थापित पार्टियों के खिलाफ अन्तर्निहित असंतोष का फायदा उठाकर सरकार बनाई है।और इस हीट के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस मुलाकात में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें भारत-म्यांमार सीमा से जुड़े मुद्दे भी शामिल थे। प्रधानमंत्री ने लालदुहोमा की जीत पर उन्हें बधाई दी और उनके साथ काम करने की इच्छा जताई।

इस मुलाकात में लालदुहोमा ने म्यांमार के साथ चल रहे सीमा विवाद की परिस्थिति का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि यह परिस्थिति दोनों तरफ के लोगों के लिए अभी भी अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि मिजोरम में शरणार्थी बनकर आने वाले लोगों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

इस मुलाक़ात में लालदुहोमा ने अपनी इच्छा जाहिर की है, कि वे अखंड भारत का हिस्सा बनकर एक बड़ा मिजोरम बनाना चाहते हैं। उनका यह सपना है कि उत्तर पूर्वी भारत, म्यांमार, बांग्लादेश के चिटागोंग हिल ट्रैक्ट्स आदि के कुछ सटीक क्षेत्रों को शामिल करके एक बड़ा मिजोरम बनाया जाए। लालदुहोमा ने अपना रुख जताया कि भारत-म्यांमार सीमा के दोनों तरफ के लोग एक प्रशासन के अंतर्गत आना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को समझते हुए लालदुहोमा को यह सुझाव दिया कि वे एक अधिक संरचित इनर लाइन परमिट (ILP) प्रणाली के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करें।

लालदुहोमा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की और कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ लगाने की कोई भी योजना अस्वीकार्य होगी। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासकों ने ऐतिहासिक रूप से मिजोज को अलग कर दिया था, जब उन्होंने तब के भारत से बर्मा को अलग कर दिया था, और कहा कि मिजोज इस सीमा को स्वीकार नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और म्यांमार के बीच की 1643 किमी लंबी सीमा का कोई ठोस नक्शा नहीं है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच कई बार तनाव और झड़पें हुई हैं। इस सीमा पर एक और मुश्किल यह है कि इसके दोनों तरफ के लोग मिजो जाति के हैं, जो कि एक ऐतिहासिक रूप से एक ही संस्कृति, भाषा और धर्म के हैं। इन लोगों को ब्रिटिश शासन काल में भारत और बर्मा के बीच बांट दिया गया था, जिसके कारण वे एक दूसरे से अलग हो गए थे।

इस मुलाकात से यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों नेताओं के विचार इस मुद्दे पर काफी अलग हैं। जहां मुख्यमंत्री लालदुहोमा एक बड़ा मिजोरम बनाने का सपना देखते हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की अखंडता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।

तो, आज के इस वीडियो में हमने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा और PM NARENDRE MODI की हाल ही में हुई महत्वपूर्ण मुलाकात के बारे में चर्चा की। हमने देखा कि इन दोनों नेताओं के विचार भारत-म्यांमार सीमा मुद्दे पर कैसे अलग हैं। आशा करते हैं कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा। अगर आपको यह वीडियो पसंद आया हो तो कृपया इसे लाइक करें और AIRR न्यूज़ को सब्सक्राइब करना न भूलें। अगर आपके पास कोई सवाल या सुझाव हो, तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें। हम आपके सवालों का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

अगले वीडियो में हम फिर मिलेंगे नए और रोचक विषय के साथ। तब तक के लिए, धन्यवाद और नमस्कार।

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