IAS naveen Tanwar: Paper solver became IAS prisoner, now court sentenced him to 3 years imprisonment

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Lower 01 –IAS officer Naveen Tanwar found guilty of taking the exam instead of someone else, will have to spend three years in prison.-IAS naveen Tanwar news

Lower 03 –Three years imprisonment to IAS who gave paper instead of others, know the full story 

Anchor Opening — नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS….आप सभी ने बॉलीवुड फिल्म 12TH फेल देखी होगी, जहां आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के संघर्ष और सफलता की कहानी को दिखाया गया है….लेकिन आज हम आपको एक ऐसे IAS अफसर के बारे में बताएंगे जिसको कोर्ट ने 3 साल की सजा दी है….इस शख्स का सपना IAS अफसर बनने का था, लेकिन यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी के दौरान उस गिरोह के जाल में फंस गया जो सरकारी परीक्षाओं में गड़बड़ी करता है….-IAS naveen Tanwar news

इस IAS ने किसी दूसरे की जगह एग्जाम देकर पक्की कर दी उसकी नौकरी, लेकिन जब मामला फंसा तो CBI के जाल में फंस गया ये IAS…ये सच्ची स्टोरी IAS IAS naveen Tanwar की है जिन्हें यूपी के गाजियाबाद जिले की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई है…नवीन फिलहाल हिमाचल प्रदेश कैडर में तैनात हैं…पिछले 10 महीने से चंबा जिले के अपर उपायुक्त यानि ADM पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं….नवीन के साथ ही इस मामले में 5 अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है...IAS naveen Tanwar सजा सुनाए जाने के समय सीबीआई कोर्ट में मौजूद नहीं थे….इस कारण इनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया है….

पेपर फ्रॉड का ये मामला साल 2014 की इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (IBPS) भर्ती परीक्षा का है….इस परीक्षा का एक सेंटर गाजियाबाद के आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भी था….इस सेंटर पर CBI  ने दो फर्जी परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक नोएडा निवासी IAS naveen Tanwar थे और दूसरे का नाम सावन कुमार था….नवीन को अमित सिंह और सावन को अजय पाल सिंह की जगह एग्जाम देने के लिए गिरफ्तार किया गया था….

इस मामले में 2 और लोग बिचौलिये की भूमिका में थे और उन्होंने ही अमित और अजय पाल के लिए सॉल्वर के तौर पर नवीन और सावन को तैयार किया था….बाद में ये सभी जमानत पर रिहा हो गए थे….इस दौरान नवीन खुद भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे….साल 2019 में उन्होंने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और IAS में चयन हुआ था…..इस केस में CBI ने मार्च, 2015 को चार्जशीट दाखिल की थी….

सितंबर, 2016 को कोर्ट ने अभियोजन के गवाहों और दस्तावेजी सबूतों का संज्ञान लेते हुए CBI की चार्जशीट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे…इसके बाद से सुनवाई चल रही थी….इसी दौरान नवीन UPSC की तैयारी में जुटे हुए थे….साल 2019 में नवीन ने UPSC Exam क्रैक कर लिया और वे IAS अफसर बन गए….ट्रेनिंग के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर अलॉट हुआ था….

कांगड़ा और चंबा में SDM रह चुके नवीन को 10 महीने पहले ही चंबा जिले की भरमौर तहसील में ADM/joint Project Director DRDA के पद पर तैनाती मिली थी….आप सोचिए एक ऐसा शख्स जब IAS अफसर के पद पर होता है, तो वो उसका कितना दुरुपयोग कर सकता है….पेपर फ्रॉड के मामले में मुख्य आरोपी होने के बावजूद कैसे IAS naveen Tanwar को UPSC के एक्ज़ाम में बैठने का मौका दिया गया…इस मामले की भी जांच होनी चाहिए और IAS रहते हुए IAS naveen Tanwar द्वारा सभी प्रशासनिक फैसलों की भी इंवेस्टिगेशन होनी चाहिए….ऐसी ही खास खबरों के लिए देखते रहिए AIRR NEWS……..

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