How HPV Vaccine Can Save Millions of Women from Cervical Cancer – A Simple Solution |

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आपने कभी सोचा है कि एक छोटे से वायरस का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? क्या आप जानते हैं कि भारत में हर साल लाखों महिलाओं की मौत एक ऐसे ही वायरस के कारण होती है, जो उन्हें गर्भाशय ग्रीवा कैंसर दे देता है? क्या आप जानते हैं कि इस कैंसर को रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं? जिसका इलाज बहुत मुश्किल है, लेकिन इसका बचाव बहुत ही आसान है। हां, हम बात कर रहे हैं गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की, जिसे HPV वैक्सीन से रोका जा सकता है। साथ ही क्या आप ये भी जानते हैं कि भारत में इस वैक्सीन का उपयोग कितना हो रहा है? क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार ने इस वैक्सीन को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय अभी तक क्यों नहीं लिया है?  अगर नहीं, तो आज हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, जिसे सर्वाइकल कैंसर भी कहते हैं, जो महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से में होने वाला एक प्रकार का कैंसर है। इसका मुख्य कारण मानव पेपिलोमा वायरस HPV है, जो यौन संपर्क के जरिए फैलता है। यह वायरस गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में परिवर्तन करके उन्हें कैंसर कोशिकाओं में बदल देता है। यह प्रक्रिया काफी धीमी होती है और कई सालों में होती है। इसलिए, अगर इसे समय रहते पहचान कर इलाज किया जाए, तो इसको रोका जा सकता है।

आपको बता दे कि, इसके लिए, दो तरह के उपाय हैं- एक तो वैक्सीनेशन, और दूसरा स्क्रीनिंग। वैक्सीनेशन का मतलब है कि HPV वैक्सीन को महिलाओं को दिया जाए, जो उन्हें HPV संक्रमण से बचाती है। यह वैक्सीन विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए लाभदायक है, जो अभी यौन सक्रिय नहीं हैं, या जिनका यौन जीवन अभी शुरू हुआ है। इसलिए, इसे 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों को देने की सलाह दी जाती है। यह वैक्सीन दो या तीन डोज में दी जाती है, जिसके बीच कुछ महीने का अंतर होता है।

इसके अलावा स्क्रीनिंग सबसे महत्वपूर्ण कदम है जिसका मतलब है कि गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं का परीक्षण किया जाए, जो कि पैप स्मीयर या HPV टेस्ट के जरिए होता है। इससे पता चलता है कि कोई असामान्यता तो नहीं है, जो कैंसर का लक्षण हो सकती है। इसे 21 से 65 साल की उम्र की महिलाओं को नियमित अंतराल पर कराना चाहिए, जो कि उनकी उम्र, जोखिम कारकों, और पिछले टेस्ट के परिणाम पर निर्भर करता है। अगर इस टेस्ट में कोई समस्या आती है, तो उसका तुरंत इलाज किया जाता है।  

इस तरह, वैक्सीनेशन और स्क्रीनिंग दोनों ही गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को रोकने के लिए जरूरी हैं। लेकिन क्या भारत में इन दोनों का पर्याप्त उपयोग हो रहा है? क्या भारत सरकार ने इस विषय पर कोई कदम उठाया है? आइए जानते हैं।

भारत में, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है, जो विश्व के कुल गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के मामलो में काफी योगदान करता है, जैसा कि भारत की सरकारी रिपोर्ट्स बताती हैं। HPV का प्रसार कम करने के लिए, भारत सरकार ने कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को देशभर में लागू करने की कोशिश की है, लेकिन इनका परिणाम अभी तक उतना प्रभावी नहीं रहा है।

अगर सरकारी आकड़ो की बात करे तो , भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। भारत में 15 वर्ष से अधिक उम्र की लगभग 60 करोड़ महिलाओं की आबादी है, जिन्हें सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा है।

आपको बता दे की ग्लोबोकैन द्वारा जारी 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी ने अनुमानित 1,23,907 नए गर्भाशय कैंसर मामलों और 77,348 मौतों की पुष्टि की थी। 

एचपीवी टीकाकरण को 28 जून 2022 को एनटीएजीआई ने युआईपी में प्रस्तावित करने की सलाह दी थी, जिसमें 9 से 14 वर्ष की आयु की किशोर महिलाओं के लिए एक कार्यक्रम जिसमे नौ वर्ष की आयु में नियमित रूप से स्क्रीनिंग की जाएगी, सुरु किया जाए।  

वैसे भारत में वैश्विक सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग 1/3 हिस्सा है । भारतीय महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से 2.5% संचित जीवनकाल जोखिम और 1.4% संचित मृत्यु जोखिम का सामना करना पड़ता है। वही सामान्य आबादी में लगभग 6.6% महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा एचपीवी संक्रमण होने का अनुमान है। भारत में लगभग 76.7% सर्वाइकल कैंसर मामलो के लिए एचपीवी सेरोटाइप 16 और 18 जिम्मेदार हैं। भारत में यौन संचारित रोगो की जाँच में 2-25% मामलो में मस्से पाए गए हैं, जो बहुत ही चिंताजनक डाटा है। 

वर्तमान में भारत में कई सर्वाइकल कैंसर अनुसंधान कार्यक्रम हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा स्थापित राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम, भारत में कैंसर के लिए निगरानी प्रणाली के रूप में कार्य करता है। यह कैंसर के मामलों के प्रकार और परिमाण के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों, विशेष कैंसर अस्पतालों और पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं का दौरा करके “सक्रिय” तरीके से डेटा एकत्र करता है। भारत में कैंसर रजिस्ट्री पूरे देश को सक्रिय रूप से कवर नहीं करती है बल्कि देश में स्थापित कुछ शहरी और ग्रामीण रजिस्ट्री से ही जानकारी एकत्र करती है।

वैसे वैक्सीनेशन के मामले में, भारत में अभी तक कोई राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम नहीं है, जो लड़कियों को HPV वैक्सीन दे सके। हालांकि, कुछ राज्यों ने इस दिशा में सक्रिय कदम उठाए हैं। अरविन्द केजरीवाल सरकार वाली दिल्ली ने 2016 में 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें उच्च कवरेज दर हासिल की गई। पंजाब, सिक्किम, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, और महाराष्ट्र ने कुछ जिलों में स्कूली लड़कियों के लिए मुफ्त HPV टीकाकरण की घोषणा की है, जो पायलट प्रोग्रामों का हिस्सा हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मिजोरम में अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में 10 से 12 साल की लड़कियों के लिए मुफ्त HPV टीकाकरण शामिल किया है, जबकि योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कुछ जिलों में स्कूली लड़कियों के लिए मुफ्त HPV टीकाकरण की घोषणा की है, जो एक पायलट प्रोग्राम का हिस्सा है।

इसके अलावा, विश्व में HPV की वैक्सीन उपलब्ध हैं, जो वैश्विक बाजार में भी मौजूद हैं। ये वैक्सीन हैं- Cervarix और Gardasil। ये सभी HPV वैक्सीन 6, 11,16 , 18 , 31, 33, 45, 52, और 58 के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं, वही भारत की बात करे तो , यहाँ पर तीन वैक्सीन हैं, जिन्हे द्विधारी, चतुर्धारी, और नवधारी वर्गों में बाटा गया है। ये सभी HPV वैक्सीन 16 और 18 के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं, जो गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का सबसे आम कारण हैं। चतुर्धारी वैक्सीन के अलावा 6 और 11 के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करती है, जो दोनों लिंगों में जननांग के मस्से का सबसे आम कारण हैं। नवधारी वैक्सीन के अलावा 31, 33, 45, 52, और 58 के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करती है, जो कैंसर के उच्च जोखिम वाले HPV प्रकार हैं।

भारत में, द्विधारी वैक्सीन का नाम सर्वारिक्स है, जो ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन द्वारा बनाई गई है। चतुर्धारी वैक्सीन का नाम गार्डासिल है, जो मर्क द्वारा बनाई गई है। नवधारी वैक्सीन का नाम गार्डासिल-9 है, जो भी मर्क द्वारा बनाई गई है, लेकिन यह भारत में अभी तक लॉन्च नहीं हुई है। इन वैक्सीनों की कीमत लगभग 2000 से 3000 रुपये प्रति डोज के बीच है, जो कि आम जनता के लिए काफी महंगी है।

इसके बावजूद, भारत में HPV वैक्सीन के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता बढ़ने लगी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से बचाव के लिए लड़कियों के लिए वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने की घोषणा की है। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, “हमारी सरकार गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से बचाव के लिए 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देगी”।

इसके अनुसार, सभी 9 से 14 साल की लड़कियां अपने स्कूलों या नजदीकी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अगले तीन सालों में वैक्सीन प्राप्त करेंगी। इसके लिए, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा विकसित की गई चतुर्धारी वैक्सीन का उपयोग किया जाएगा, जिसका नाम सर्वावैक है। यह वैक्सीन HPV के चार प्रकारों – 16, 18, 6, और 11 – के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के मामलों और मौतों को कम करना है, जो वर्तमान में बहुत उच्च हैं। इसके अलावा, यह वैक्सीनेशन कार्यक्रम लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए एक निवेश के रूप में काम करेगा, जो उनके आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि HPV वैक्सीन के फायदे इसकी लागत से कहीं अधिक हैं, और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हैं। वे लोगों को इस वैक्सीन के बारे में जानकारी प्राप्त करने और इसका लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वे यह भी कहते हैं कि वैक्सीनेशन के साथ-साथ, स्क्रीनिंग और नियमित चेक-अप भी जरूरी हैं, क्योंकि वैक्सीन सभी HPV प्रकारों के खिलाफ सुरक्षा नहीं देती है।

आज की तारीख में, जब हम भारत के सर्वाइकल कैंसर के आंकड़ों को देखते हैं, हमें एक चिंताजनक स्थिति दिखाई देती है। लेकिन, उम्मीद अभी भी है। वैक्सीनेशन, जागरूकता, और उचित उपचार के माध्यम से, हम इस बीमारी को परास्त कर सकते हैं। भारत सरकार और राज्य सरकारों ने इस दिशा में कदम उठाए हैं, और आने वाले दिनों में, हम आशा कर सकते हैं कि हमारे प्रयास और अधिक सफल होंगे।

आइए, हम सब मिलकर इस लड़ाई में अपनी भागीदारी निभाएं, और भारत को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं। हमें याद रखना चाहिए कि हर एक टीका, हर एक जागरूकता अभियान, हर एक उपचार, और हर एक जीवन की सुरक्षा, हमें इस लक्ष्य की ओर एक कदम नजदीक ले जाता है। आइए, हम सब मिलकर इस लड़ाई में अपनी भागीदारी निभाएं, और भारत को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं।

बाकि अगर आपको यह वीडियो पसंद आया हो, तो कृपया इसे लाइक, शेयर और AIRR न्यूज़ को सब्सक्राइब जरूर करें। अगर आपके पास कोई सवाल या सुझाव हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें। हमारे चैनल पर आपको और भी ऐसी जानकारी वाली वीडियो मिलेंगी, जो आपके स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेंगी। अगली वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने आहार और व्यायाम से अपने शरीर को कैंसर से बचा सकते हैं। तो रहिए हमारे साथ,  नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़। 

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