हृदय का ध्यान हर आयु में आवश्यक है। वर्तमान में युवाओं में हृदय रोग का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए इसकी आवश्यकता और भी अधिक हो गई है। हृदय जितना अधिक मजबूत और स्वस्थ होगा, जीवन उतना ही सरल और स्वास्थ्यवर्धक रहेगा। -Heart Checkup Forty Age
हृदय रोग के मिथक: यह धारणा लंबे समय से प्रचलित है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा दिल भी कमजोर होता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में युवाओं में हृदयाघात और स्ट्रोक के मामलों ने सभी को चौंका दिया है। अब यह केवल वृद्ध, कमजोर या बीमार व्यक्तियों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वस्थ और युवा लोगों के लिए भी एक गंभीर खतरा बन गया है।
चिकित्सक यह सुझाव देते हैं कि उचित आयु में हृदय की जांच कराने से इसके संभावित खतरों से बचा जा सकता है। इस संदर्भ में, आइए यह समझते हैं कि क्या युवा अवस्था में भी हृदय की जांच की चिंता करनी चाहिए।
Myth : बुजुर्गों और युवाओं में हार्ट अटैक का कारण एक जैसा ही होता है
तथ्य: सामान्यतः दिल की समस्याएं वृद्धावस्था में अधिक होती हैं, क्योंकि उम्र के साथ शरीर के अंगों की क्षमता कम होती जाती है और उन्हें कार्य करने में कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। जब दिल वृद्ध होता है, तो अन्य अंगों का भी उस पर दबाव पड़ता है, जिससे यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। वृद्धावस्था में हृदय रोग दिल के कमजोर और वृद्ध होने के कारण होता है, जबकि युवाओं में दिल समय से पहले ही कमजोर हो सकता है। इसके पीछे जीवनशैली, स्वास्थ्य संबंधी स्थितियाँ और पर्यावरणीय कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। -Heart Checkup Forty Age
Myth : 40 के बाद ही करानी चाहिए हार्ट की जांच
तथ्य: हमारे शरीर का मुख्य अंग दिल है। जब तक यह धड़कता है, तब तक जीवन की धारा प्रवाहित रहती है। इसकी महत्ता के साथ-साथ इसकी नाजुकता भी है। इसकी सेहत केवल 40 वर्ष की आयु के बाद ही नहीं, बल्कि किसी भी उम्र में प्रभावित हो सकती है। कार्डियो मेटाबोलिक इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर 5 में से 1 व्यक्ति जो हार्ट अटैक का शिकार होता है, उसकी उम्र 40 वर्ष से कम होती है। इसलिए, दिल के जोखिमों से बचने के लिए उम्र के बढ़ने का इंतजार नहीं करना चाहिए। कम उम्र में ही इसकी जांच कराकर हम दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।
Myth : 18 साल की उम्र में करा हार्ट की जांच करवा लेनी चाहिए
तथ्य: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को 18 से 20 वर्ष की आयु में अपने हृदय की जांच करानी चाहिए। लिपिड प्रोफाइल, जो कि कोलेस्ट्रॉल की जांच है, संभावित खतरों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। इसके अलावा, 40 वर्ष की आयु के बाद नियमित चेकअप कराना आवश्यक है, ताकि किसी भी जोखिम से बचा जा सके।
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