हरियाणा में ‘लाल’ परिवारों की जंग: राज्य की राजनीति में प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर निभाते हैं भूमिका

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"Haryana's 'Red' Families war : Key Players in State Politics" "Haryana's 'Red' Families war : Key Players in State Politics" "Haryana's 'Red' Families war : Key Players in State Politics"
"Haryana's 'Red' Families war : Key Players in State Politics"

हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर लाल परिवारों के बीच मुकाबला तेज हो गया है। पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल, और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल और बंसी लाल के परिवारों के 13 सदस्य अक्टूबर 5 को होने वाले विधानसभा चुनावों में मैदान में हैं। देवी लाल के परिवार, विशेषकर चौटाला परिवार, INLD और JJP के माध्यम से राज्य की राजनीति में प्रभावी बना हुआ है। अभय चौटाला और दुष्यंत चौटाला प्रमुख उम्मीदवार हैं, जबकि उनके रिश्तेदार भी विभिन्न पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं। भजन लाल का परिवार कांग्रेस और BJP के टिकट पर चुनावी मैदान में है, जिसमें चंदर मोहन और भव्य बिश्नोई शामिल हैं। बंसी लाल के परिवार में श्रुति चौधरी (BJP) और अनिरुद्ध चौधरी (कांग्रेस) के बीच मुकाबला हो रहा है। ये परिवार पहले भी चुनावी मुकाबलों में आमने-सामने आ चुके हैं, और इस बार भी उनकी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका है।

हरियाणा की राजनीति के मंच पर एक बार फिर लाल परिवारों के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है। पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल और बंसी लाल के परिवारों के सदस्य राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में इन तीन प्रमुख परिवारों के 13 नेता चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से कुछ एक-दूसरे के खिलाफ भी मुकाबला कर रहे हैं।

देवी लाल का परिवार: चौटाला परिवार

देवी लाल का परिवार, जिसे चौटाला परिवार के नाम से जाना जाता है, हरियाणा की राजनीति में एक प्रमुख ताकत बना हुआ है। इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP), जिनका नेतृत्व देवी लाल के वंशज कर रहे हैं, आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

अभय चौटाला (INLD): 61 वर्षीय अभय चौटाला एलेनाबाद से फिर से चुनावी मैदान में हैं, जिस सीट पर वे 2010 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनकी लंबी राजनीतिक यात्रा और अनुभव उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं।

अर्जुन चौटाला (INLD): अभय के बेटे अर्जुन चुनावी दुनिया में कदम रख रहे हैं और रानिया से चुनाव लड़ रहे हैं। यह चौटाला परिवार की अगली पीढ़ी का राजनीति में प्रवेश है।

अदित्य सिहाग (INLD): देवी लाल के चौथे बेटे जगदीश चंद्र के बेटे अदित्य डबवाली से INLD के टिकट पर चुनावी मुकाबले में हैं। यह उनके परिवार की राजनीतिक प्रभावशाली स्थिति को दर्शाता है।

अमित सिहाग (कांग्रेस): देवी लाल के भतीजे कमलवीर सिंह के बेटे अमित भी डबवाली से चुनावी मैदान में हैं, लेकिन कांग्रेस के टिकट पर। यह परिवार के भीतर की राजनीति और प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।

सुनैना चौटाला (INLD): देवी लाल के बड़े बेटे परताप सिंह चौटाला की बहू सुनैना फतेहाबाद से INLD के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनकी उम्मीदवारी चौटाला परिवार के राजनीतिक महत्व को और भी बढ़ाती है।

इनके अलावा, दुष्यंत चौटाला (JJP), 36, उचाना कलां से फिर से चुनावी मैदान में हैं। दुष्यंत, जो पूर्व Deputy Chief Minister रह चुके हैं, चौटाला परिवार की युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला (JJP), 33, डबवाली से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उन्हें अदित्य सिहाग और अमित सिहाग के खिलाफ मुकाबला करना होगा। देवी लाल के तीसरे बेटे रंजीत सिंह चौटाला (स्वतंत्र), 79, भी रानिया से चुनावी मैदान में हैं।

भजन लाल का परिवार: महत्वपूर्ण उम्मीदवार

भजन लाल का परिवार भी चुनावी मैदान में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में है:

चंदर मोहन (कांग्रेस): 58 वर्षीय चंदर मोहन, भजन लाल के बड़े बेटे, पंचकुला से चुनाव लड़ रहे हैं। एक तीन बार के MLA और पूर्व Deputy Chief Minister के रूप में, चंदर मोहन ने 2019 में BJP के ज्ञानचंद्र गुप्ता से हार का सामना किया था। उनका अनुभव और राजनीतिक इतिहास उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं।

भव्य बिश्नोई (BJP): भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई आदमपुर से BJP के टिकट पर चुनावी मुकाबले में हैं। यह सीट भव्य के पिता कुलदीप बिश्नोई द्वारा चार बार प्रतिनिधित्व की गई है।

दूरा राम (BJP): भजन लाल के भतीजे, दो बार के MLA दूरा राम फतेहाबाद से BJP के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी उम्मीदवारी BJP में भजन लाल परिवार की निरंतर प्रभावशाली उपस्थिति को दर्शाती है।

बंसी लाल का परिवार: उच्च-स्तरीय मुकाबला

बंसी लाल का परिवार भी महत्वपूर्ण चुनावी मुकाबलों में शामिल है:

श्रुति चौधरी (BJP): बंसी लाल की पोती श्रुति तोशाम से BJP के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव है. हालांकि वे पहले लोकसभा चुनावों में भी भाग ले चुकी हैं, जिसमें उन्होंने 2014 में तीसरे और 2019 में दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया था।

अनिरुद्ध चौधरी (कांग्रेस): श्रुति के चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी भी तोशाम से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। अनिरुद्ध, जो पूर्व BCCI के ट्रेजरर और खेल प्रशासक रहे हैं, राजनीति में अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं।

ऐतिहासिक गतिरोध और राजनीतिक गतिशीलता

ये परिवार अतीत में भी चुनावी मुकाबलों में आमने-सामने आ चुके हैं। उदाहरण के लिए, 1998 के लोकसभा चुनावों में, बंसी लाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह ने अपने भाई रणबीर महेंद्र (कांग्रेस) के खिलाफ चुनाव लड़ा, जबकि अजय चौटाला (INLD) भी चुनावी मैदान में थे। सुरेंद्र ने जीत हासिल की, जबकि अजय और रणबीर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

2000 में, ओम प्रकाश चौटाला ने रंजीत सिंह चौटाला को रोरी विधानसभा सीट पर हराया। 2009 में, अजय चौटाला ने अपने चचेरे भाई रवि चौटाला (निर्दल) के खिलाफ डबवाली में चुनाव लड़ा।

इन प्रमुख व्यक्तित्वों में से किसी ने भी मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं संभाली है। हालांकि, दुष्यंत चौटाला और चंदर मोहन ने Deputy Chief Minister के पद पर कार्य कर चुके हैं। चंदर मोहन ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में 2005-2008 तक Deputy Chief Minister के तौर पर काम कर चुके हैं, जबकि दुष्यंत ने मनोहर लाल खट्टर की सरकार में 2019-2024 तक बतौर उपमुख्यमंत्री काम किए हैं। 

गौरतलब है कि जैसे-जैसे 5 अक्टूबर के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ये प्रमुख परिवार अपनी राजनीतिक ताकत और प्रभाव को जारी रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चुनाव परिणाम हरियाणा की राजनीति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे सकते हैं।

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