भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 2025 का 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस रविवार को पड़ रहा है. यह वह दिन है जब भारत का संविधान अंततः 1950 में लागू हुआ था. गणतंत्र दिवस जोकि हमारी स्वतंत्रता का आगाज, एकता और देशभक्ति की भावना के जश्न के रूप में मनाया जाता है. इस खास दिन का जश्न गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इस खास अवसर पर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को स्पेशल मैसेज भेज सकते हैं. भारत 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस मनाएगा. हर साल इस खास दिन का सभी देशवासी बेसब्री से इंतज़ार करते हैं. देश की राजधानी दिल्ली में इस खास दिन पर परेड समारोह होती है. नई दिल्ली के इंडिया गेट के बगल में स्थित कर्तव्य पथ पर कार्यक्रम आयोजित की जाएगी. भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा.
गणतंत्र दिवस 2025 की शुभकामनाएं संदेश
भारत मानव जाति का पालना है, मानव भाषण का जन्मस्थान है, इतिहास की जननी है, किंवदंतियों की दादी है, और परंपरा की महान दादी है. – मार्क ट्वेन
आइए हम अपनी मातृभूमि के प्रति वचनबद्ध हों कि हम उसकी विरासत को समृद्ध और संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. – अटल बिहारी वाजपेयी
अगर इसमें गलती करने की आज़ादी शामिल न हो तो आज़ादी बेकार है. – महात्मा गांधी
किसी देश की संस्कृति उसके लोगों के दिलों और आत्मा में बसती है. – महात्मा गांधी
अब हर व्यक्ति और संस्था को जागना चाहिए और इस महान राष्ट्र को शक्तिशाली और गौरवशाली बनाने के लिए निष्क्रिय और निष्क्रिय अवस्था से उठना चाहिए. – स्वामी विवेकानंद
भारत एक राष्ट्र या देश नहीं है. यह राष्ट्रीयताओं का एक उपमहाद्वीप है. – मुहम्मद अली जिन्ना
हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं. – बी आर अंबेडकर
हमारे देश में विकास, सहिष्णुता और प्रगति की बहुत संभावना है – आमिर खान
भारत हमें परिपक्व मन की सहिष्णुता और सौम्यता, समझदार आत्मा और सभी मनुष्यों के लिए एकतापूर्ण, शांत प्रेम सिखाएगा. – विल ड्यूरेंट
आपको वह बदलाव खुद बनना चाहिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं. – महात्मा गांधी
अगर मैं देश की सेवा में मर भी जाऊँ, तो मुझे इस पर गर्व होगा. मेरे खून की हर बूंद… इस देश के विकास और इस देश की स्वतंत्रता की पवित्रता में योगदान देगी. – लाल बहादुर शास्त्री
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जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते, तब तक कानून द्वारा दी गई कोई भी स्वतंत्रता आपके किसी काम की नहीं है. – बी आर अंबेडकर
हमारा राष्ट्र सभी के लिए न्याय, समानता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों की नींव पर बना है. – प्रणब मुखर्जी
आइए हम सब मिलकर एक ऐसा राष्ट्र बनाएं जो वास्तव में लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए हो. – प्रणब मुखर्जी
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