Gujarat: 24 Dead in Unseasonal Rain and Lightning
गुजरात: बेमौसम बारिश और बिजली गिरने से 24 लोगों की मौत
Gujarat राज्य में बेमौसमी बारिश के बीच बिजली गिरने की घटना की वजह से कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई। आपको बता दे कि, 26 नवम्बर 2023 ,रविवार को राज्य में बिजली गिरने की घटनाएं अधिक हुईं, जिसकी चपेट में आने से लगभग 71 पशु मारे गए और करीब 29 मकानो को भारी नुकसान हुआ।
Gujarat राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र कि तरफ से सोमवार कि दोपहर में बताया गया कि ,कम से कम 23 लोग घायल हुए है। आपको बता दे कि, सबसे ज्यादा मौते डाहोद जिले में हुईं, जिनमे रविवार को चार व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और उसके बाद बानासकांठा और भरूच में तीन की और तापी जिले में दो लोगों की मौत हुई।
आपको बता दे की संकट अभी भी टला भी है ,गरजने और ओलावृष्टि के साथ भारी वर्षा सोमवार को भी जारी रही, कुछ स्थानों पर 24 घंटे में 144mm वर्षा हुई।
अगर हम राज्य सरकार के आंकड़ों की माने तो , उत्तर पूर्वी अरब सागर और सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों पर बने चक्रवाती वेग से राज्य में भारी वर्षा हुई , इसके अलावा भारतीय मौसम विभाग की तरफ से अनुमान लगाया गया है की अनियमित वर्षा ने किसानो की खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है , और आपात स्थिति में मोरबी जिले की सिरेमिक फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया ।
इस मामले में गुजरात के कृषि मंत्री राघवीज पटेल ने कहा कि, “हम जल्द ही नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए जाँच शुरू करेंगे,और जो परिणाम आएंगे उसी के आधार पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा।
आने वाले समय में भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों और भी में बारिश होने का अनुमान लगाया है।
इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कि है, और कहा है कि “इस दुर्घटना में जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके अपूर्णीय क्षति के लिए जो भी हो सकेगी वो मदद राज्य और केंद्र सरकार कि तरफ से दी जाएगी “।
आगे उन्होंने राहत कार्यो के बारे में टिप्पणी कि “स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में लगा हुआ है, घायलों की तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है “।
आपको शायद न मालूम हो तो आपको बता दे की Gujarat वर्षा संबंधी आपदाओं से पहली बार प्रभावित नहीं हुआ है बल्कि साल 2020 के अगस्त महीने में भी दो दिनों तक लगातार हुई भारी वर्षा और बाढ़ से 14 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी।
अब तक के हुए शोधो से पता चला है की आने वाले वर्षो में बिजली गिरने की घटनाओं में 50 प्रतिशत की भारी वृद्धि होने का अनुमान है, क्योंकि समुद्री सतह क्षेत्र में ग्लोबल वार्मिंग का व्यापक असर हो रहा है।
आपको पता है की उच्च गर्म जलवायु समुंद्री पानी को वाष्प रूप में वायुमंडल में फैला देती है और उस पर चक्रवाती तूफ़ान इन वाष्प कणो का तापमान क्षण भर में सुनी से निचे ला देते है जिसके परिणाम स्वरूप भारी वर्षा का आगमन होता है , जो भयंकर तबाही लाती है।
इसके अलावा कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा 2015 में प्रकाशित हुए ग्लोबल वार्मिंग पर हुई स्टडी के अनुसार,जब 1C तापमान की वृद्धि से ,बिजली गिरने की घटनाओं की संख्या 12 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
मानते है की प्राकृतिक आपदाओं पर हमारा नियंत्रण नहीं है लेकिन इन्हे रोकने के लिए हम प्रयास तो कर ही सकते है।
इन भारी वर्षा और बिजली गिरने की घटनाओ का सीधा सम्बन्ध हमारे द्वारा की जा रही प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ही है। अब वक़्त आ गया है की हम सब मिलकर कार्बन उत्सर्जन को कम करे।
धन्यवाद् !
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