How was Ganpati Bappa welcomed in Surat this year?

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Ganpati Bappa का कैसे हुआ इस साल सूरत मे स्वागत

सूरत में एल.पी. सवाणी रोड स्टार बाजार विस्तार में स्वर्ग ग्रुप द्वारा हिन्दुओं को जागरूक करने के लिए गणेशजी के साथ ढोल-नगारा के साथ भव्य आगमन किया गया।

14 सितंबर 2023 की रोज़  स्वर्ग ग्रुप द्वारा गणेशजी का भव्य आगमन किया गया। इस स्वर्ग ग्रुप के संयोजक  पटेल भाई ने एयर न्यूज को जानकारी दी कि हरिद्वार से स्पेशियल शंख नाथ बजाने के लिए संतों को बुलाया गया है।  हनुमानदादा की साथ उनकी वानर सेना को भी बुलवाया गया है। नवसारी के प्रसिद्ध फ्रेंसबेन्ट को भी बुलवाया गया है। उनके साथ विघ्नराज पथक  ढोल तारसा की पूरी टीम भी बुलवाई गई है। स्वर्ग ग्रुप के मंडप के पास गुजरात के सौप्रथम टूमरो लेन्ड का कन्सेप्ट भी तैयार किया गया है, जिसमें 50 फीट ऊंचा एफिल टॉवर पर फायर शो को लगाकर टूमरो लेन्ड जैसे दृश्यों को प्रस्तुत किया गया है। आकर्षित वस्तुओं में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का स्टैच्यू बनाया गया है, और उनके समूह में कुल 150 से ज्यादा लोग जुड़े हैं, और उन्होंने भारत की जनता को संदेश दिया कि हिन्दू धर्म को जागरूक रखो और सभी हिन्दू त्योहारों को धूमधाम से मनाओ। इस गणेशजी के आगमन में लगभग 600 से 700 लोगों ने इसे देखने के लिए पहुंचे। हनुमानदादा के केरेकटर को इस तरह से रखा गया है कि लोग में हिन्दू के लिए जुनून और उत्साह आए। इसलिए इन केरेकटर्स को रखा गया है।

इतना ही नहीं सूरत मे मूर्तिया कैसे बनती हैं और इस साल लोगो में कितना उत्साह है इस त्योहार को लेकर इस बात को जानने के लिए एयर न्यूज़ की टीम  सूरत , लाल दरवाजा , धर्मेश स्टूडियो के पास Ganpati Bappa जी की मूर्ति कैसे तैयार की जाती है और मूर्तियों के लेने वाले लोगो के पास आज एयर न्यूज टीम पहुंची।

 सूरत , लाल दरवाजा के पास धर्मेश स्टूडियो के पास गणेशजी की मूर्ति बनाने वाले आर्टिस्ट जतीन भाई के साथ एयर न्यूज टीम ने उनसे मूर्तियों को कैसे तैयार किया जाता है इस बारे मे बात चित की 

 तो उन्होंने बताया कि पीओपी की मूर्ति के लिए यूस मे आने वाली वस्तुएं जैसे कि प्लास्टर, काठ, पीओपी, और बांस की लकड़ी  का इस्तमल  करके मूर्ति तैयार किया जाता है । अंदाज़न 9 फीट की एक मूर्ति को तैयार करने में लगभग दो से तीन दिन जैसा समय लगता है, जिसमें पेंटिंग, मूर्ति का आकार, और अन्य कई छोटी वस्तुएं ध्यान में रखा जाता है जिसके बाद वह बेचने और पूजने के लिए तैयार हो जाती है ।  9 फीट की मिट्टी की मूर्ति को बनाने में करीब बीस (22) दिन लगते हैं और उसमें कई बार लकड़ियो का उपयोग किया जाता है, ताकि मूर्ति को तैयार करने में सहायक हो सके।

इस रिपोर्ट के माध्यम से हमने सूरत में हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों के आगमन को दर्शाया गया है और इसे तैयारी की प्रक्रिया के साथ प्रस्तुत किया है। यह सुंदर और भव्य आयोजन हिन्दू समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है और उन्हें अपने धर्म के प्रति जागरूक बनाता है।इसी के साथ साथ एचएम आप सभी से ये निवेदन करते है की कृपिया मिट्टी की मूर्ति ही चुने ताकि गणेश जी मूर्ति को विसर्जित करते वक्त किसी प्रकार से उनका अपमान न हो ।

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