अपने ही गढ़ से कांग्रेस ने किया किनारा, amethi से दूर हुआ Gandhi family

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जो Gandhi family का गढ़ था…जो कांग्रेस की सत्ता का केंद्र था…राजीव गांधी की सियासी रणनीति का हिस्सा था…जहां से चार बार राजीव गांधी सांसद थे…तीन बार राहुल गांधी ने चुनाव जीता था…वहां से Gandhi familyका सफाया हो गया है…पहले सीट गई अब Gandhi family को amethi की उम्मीदवारी से भी हाथ धोना पड़ा…2019 में स्मृति ईरानी के हाथों हार क्या मिली…राहुल गांधी मैदान छोड़कर भाग गए और इसी के साथ amethi संसदीय सीट से Gandhi family की उम्मीदवारी खत्म हो गई…सीट पहले ही 2019 में BJP की झोली में चली गई थी…-Gandhi family – away from amethi

amethi लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट को लेकर सस्पेंस समाप्त हो गया है…कांग्रेस ने Gandhi family का गढ़ मानी जाने वाली amethi सीट से किशोरी लाल शर्मा को टिकट दे दिया है जिन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया…केएल शर्मा सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधि थे…पिछले तीन-चार दिनों से amethi में डेरा डाले हुए थे और नामांकन की तैयारियों को लेकर बैठकें कर रहे थे और जैसे ही टिकट का ऐलान हुआ फटाफट अपना नामांकन दाखिल कर दिया-Gandhi family – away from amethi

जब से चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था तब से ही सबकी नज़र amethi संसदीय सीट पर थी…2014 में दूसरे नंबर पर रही और 2019 में कांग्रेस के किले को ढहाने वाली स्मृति ईरानी को BJP ने अपना उम्मीदवार बनाया था…जिन्होंने ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था…लेकिन कांग्रेस के अंदरखाने में amethi सीट को लेकर लगातार ऊहापोह की स्थिति थी…जिस स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के किले में सेंध लगाई थी उसके सामने किसे चुनावी मैदान में उतारा जाए उसको लेकर लंबी चर्चा हुई…और बाद में राहुल गांधी का नाम हटाकर कांग्रेस ने amethi से केएल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया…-Gandhi family – away from amethi

कांग्रेस की ओर से केएल शर्मा को उम्मीदवार घोषित किए जाने पर BJP ने बड़ा सियासी मोर्चा खोल दिया…स्मृति ईरानी को तो जैसे चुनाव से पहले ही जीत मिल गई…उन्होंने कांग्रेस की सियासी हार का ऐलान कर दिया…उन्होंने कहा कि Gandhi family का कोई भी सदस्य amethi से चुनाव नहीं लड़ रहा है, यह अपने आप में एक संकेत है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही amethi से अपनी हार स्वीकार कर ली है 

BJP उम्मीदवार के इस हमले का जवाब देने के लिए खुद प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला और रथ पर सवार होकर खुद का, राहुल गांधी का और केएल शर्मा का बचाव किया…उन्होंने कहा कि हर कोई चुनाव नहीं लड़ सकता है, कोई चुनाव का संचालन करने वाला भी तो होना चाहिए…amethi से केएल शर्मा नहीं, मैं उम्मीदवार हूं…उन्होंने ये भी साफ किया कि पर कहा कि ने रायबरेली और amethi दोनों सीटों पर प्रचार करने आऊंगी…

प्रियंका गांधी ने अपने इस बयान के जरिए पार्टी में अपनी रणनीतिकार वाली भूमिका का खुलासा किया…और ये सब उन्होंने सिर्फ और सिर्फ BJP के दबाव में आकर किया…क्योंकि चुनाव की तारीखों के ऐलान और स्मृति ईरानी के नामांकन भरने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि amethi सीट पर भाई-बहन में से कोई चुनाव लड़ सकता है…और अब जब भाई-बहन दोनों ने कांग्रेस का गढ़ रहे amethi से दूरी बना ली तब BJP को सियासी वार करने का बड़ा मौका मिल गया…

 amethi सीट से Gandhi family का सफाया हो गया है…पहले सीट गई अब Gandhi family को amethi की उम्मीदवारी से भी हाथ धोना पड़ा

 क्या amethi सीट से Gandhi family की दूरी कांग्रेस का गलत फैसला है?

4 मई को amethi सीट के नतीजे किस ओर जा सकते हैं?

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