फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रों ने अचानक भंग कर दी संसद,यूरोपीय संघ चुनाव में हार का डर -France political update 

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फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने अचानक भंग की संसद-France political update

यूरोपीय संघ चुनाव में हार का डर

इसी महीने होने हैं यूरोपीय संघ के चुनाव

एग्जिट पोल में मैक्रों को दिखाई दे रही हार

फ्रांस में चुनाव की घोषणा की गई

वोटिंग 30 जून और 7 जुलाई को होंगे-France political update

फ्रांस के राष्ट्रपति ने आखिर क्यों कर दी संसद भंग.. क्या हार के डर से इमैनुएल मैक्रों ने लिया ये फैसाल.. अब क्या होगा आगे.. इस वीडियो में हम आपको फ्रांस में हुई इस सियासी घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताएंगे.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS… फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए नेशनल एसेंबली भंग कर दिया है.. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने यूरोपीय संसद के चुनाव में पार्टी की बड़ी हार होते देख ये फैसला किया.. -France political update

एग्जिट पोल के मुताबिक मैंक्रों की रिनेसां पार्टी 9 जून को हुए यूरोपीय संसदीय चुनाव में मरीन ली पेन की दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली से हार रही है.. एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक नेशनल रैली को 31.50 % वोट मिल रहे हैं जबकि रिनेसां पार्टी को सिर्फ 15.20% मिल रहे हैं। 14.3% वोट के साथ सोशलिस्ट पार्टी तीसरे नंबर पर रह सकती है. फ्रांस में चुनाव की घोषणा कर दी गई है..

वोटिंग 30 जून और 7 जुलाई को होंगे..  एग्जिट पोल आने के बाद नेशनल रैली के नेता जॉर्डन बार्डेला ने मैक्रों से संसद भंग करने का आह्वान किया था.. एग्जिट पोल आने के कुछ घंटे बाद ही मैक्रों ने राष्ट्रीय संबोधन में संसद के भंग करने की घोषणा की… उन्होंने जनता से कहा, “ये नतीजे सरकार के लिए विनाशकारी हैं। मैं इसे अनदेखा नहीं कर सकता। मैंने संसद भंग कर दी है। अब आपके पास अपना राजनीतिक भविष्य चुनने का विकल्प है। मुझे यकीन है कि आप सही फैसला लेंगे।”.. आपको बता दें कि फ्रांस की नेशनल असेंबली में 577 मेंबर होते हैं.. वहां पर राष्ट्रपति पद के लिए अलग से चुनाव होता है.. ऐसे में यदि रिनेसां पार्टी हार जाती है तो भी मैक्रों पद पर बने रहेंगे.. हालांकि मरीन ली पेन की नेशनल रैली यदि नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल कर लेती है, तो मैक्रों बेहद कमजोर राष्ट्रपति बन जाएंगे और उन्हें संसद में अहम फैसले लेने के लिए विपक्षी पार्टियों पर निर्भर रहना पडे़गा.

दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव दूसरे देशों से अलग होते हैं.. फ्रांस में अप्रैल 2022 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे.. इसमें दूसरे चरण की वोटिंग में इमैनुएल मैक्रों को जीत हासिल हुई थी.. फ्रांस में यदि पहले चरण की वोटिंग में किसी को 50% वोट नहीं मिलता है तो दूसरे चरण की वोटिंग होती है..दूसरे चरण की वोटिंग में मैक्रों को 58.5 फीसदी वोट मिले थे। वहीं मरीन ली पेन को 41.5% वोट मिले। फ्रांस के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि कोई उम्मीदवार पहले चरण में 50 % वोट हासिल कर राष्ट्रपति बन गया हो दरअसल यूरोप में यूरोपीय संघ के चुनाव हो रहे हैं.. ये चुनाव 6 जून को शुरू हुआ था.. 9 जून को आखिरी चरण में फ्रांस समेत 20 देशों में वोटिंग हुई है.. 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में करीब 37 करोड़ से अधिक वोटर हैं.. इन्होंने 720 सीटों के लिए वोटिंग की है..

ये सांसद ही यूरोपीय आयोग को चलाएंगे.. अधिकांश पोल्स में दक्षिणपंथी पार्टियों को इस बार ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.. ऐसे में नई यूरोपीय संसद का चेहरा बदलना तय माना जा रहा है…यानि फ्रांस में भी इस बार बदलाव की हवा चल रही है… ऐसी ही सियासी खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ.. नमस्कार

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