दिन बीतने के साथ परिस्थितियां भी बदल रही हैं…रूस-यूक्रेन युद्ध की तस्वीर बदल रही है…जेलेंस्की जंग में कमज़ोर पड़ रहे हैं…रूस हावी हो रहा है…और यही बात नाटो देशों की नींद उड़ा रही है…क्योंकि अगर यूक्रेन पर रूस का कब्ज़ा होता है तो नाटो देशों को खाक होने से कोई नहीं बचा पाएगा…सुपर पावर अमेरिका भी नहीं…इसीलिए खुद के बचाव में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में नाटो सेनाओं की तैनाती की बात कर रहे हैं…-France-pada akela
रूस विरोधी बयान पर France पड़ा अकेले, नाटो देश भी नहीं मान रहे हैं बात
दिन बीतने के साथ परिस्थितियां भी बदल रही हैं…रूस-यूक्रेन युद्ध की तस्वीर बदल रही है…जेलेंस्की जंग में कमज़ोर पड़ रहे हैं…रूस हावी हो रहा है…और यही बात नाटो देशों की नींद उड़ा रही है…क्योंकि अगर यूक्रेन पर रूस का कब्ज़ा होता है तो नाटो देशों को खाक होने से कोई नहीं बचा पाएगा…सुपर पावर अमेरिका भी नहीं…इसीलिए खुद के बचाव में France के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में नाटो सेनाओं की तैनाती की बात कर रहे हैं…-France-pada akela
यूक्रेन में सेना भेजने वाले मैक्रों को उनके बयान पर नाटो देशों से समर्थन नहीं मिल रहा है…अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा…राष्ट्रपति बाइडेन ने साफ किया है कि अमेरिका यूक्रेन में लड़ने के लिए सेना नहीं भेजेगा….वो यूक्रेन को मात्र हथियारों से मदद कर रहा है…जिनको जेलेंस्की अपनी सेना के लिए खरीद रहे हैं
वहीं दूसरी ओर नाटो के नेताओं ने खुद को मैक्रों के इस बयान से दूर कर लिया है…इससे यह भी साबित होता है कि यूक्रेन की मदद करने के लिए उसके सहयोगी आपस में संघर्ष कर रहे हैं…क्योंकि अमेरिका का संकल्प लगातार कमजोर हो रहा है और युद्ध में रूस को बढ़त मिल रही है…क्रेमलिन ने कहा कि नाटो देशों का जमीनी हस्तक्षेप पश्चिमी सैन्य गठबंधन और रूसी सेनाओं के बीच सीधा टकराव करा सकता है जो संभावित खतरों से भरा है…जिसके परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं…
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अगर यूक्रेन में नाटो देशों की सेना पहुंचती है और रूस के साथ नाटों देशों का सीधा सामना होता है तो यह निश्चित तौर से इन देशों के हित में नहीं होगा…मतलब.. यूक्रेन नाटो में कब शामिल होगा.. ये भले ही तय न हीं है.. लेकिन युद्ध जारी रहेगा.. ये तय है…क्योंकि रूस झुकने को तैयार नहीं है और सुपर पावर अमेरिका समेत पश्चिमी देश यूक्रेन को हारने नहीं देंगे…चाहे इसके लिए नाटो की सेनाओं को यूक्रेन ही ना आना पड़े और अगर ऐसा हुआ तो विश्वयुद्ध पक्का क्योंकि पलक झपकते ही करीब 50 देश रूस-यूक्रेन जंग का हिस्सा बन जाएंगे…
रूस-यूक्रेन युद्ध के दो साल हो चुके हैं…तीसरे साल में पहुंच चुका युद्ध दिन बीतने के साथ और विनाशक होता जा रहा था…हाहाकारी होता जा रहा है…पुतिन की पलटन अपने प्रहार के चलते पहले से ही यूक्रेन के शहरों को खाक कर रही है…बर्बाद कर रही है…मिट्टी में मिला रही है जो अब और विध्वंसक होने वाला है क्योंकि पुतिन का नया प्लान यूक्रेन में जलजला लाने वाला है…
आर पार वाली इस जंग में पुतिन जेलेंस्की के देश को खाक में मिलाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं…यूक्रेन की इमारतें खंडहर हो चुकी हैं…धरती से लेकर आकाश तक बारूद बिछी है…यूक्रेन जिस आस में था वो आस भी अब टूट चुकी है…नाटो देशों की फेहरिस्त में शामिल होने वाला प्लान फेल हो चुका है…रूस और यूक्रेन के बीच हो रही जंग की जमीन जिस मुद्दे पर तैयार हुई थी जेलेंस्की के पावों से वो जमीन भी खिसक चुकी है…
क्या विश्वयुद्ध का बिगुल बजने वाला है?
नाटो से निपटने के लिए पुतिन क्या करेंगे?