दिल्ली की एक अदालत ने रियल्टी कंपनी यूनाइटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्र और Sanjay Chandra को जमानत दे दी है। इन पर आर्थिक अपराध शाखा द्वारा घर खरीदारों के पैसे को ठगने का मामला दर्ज है। लेकिन इन दोनों को अभी जेल से रिहाई नहीं मिलेगी, क्योंकि इन पर धन शोधन कानून के तहत एक और मामला चल रहा है।-Sanjay Chandra
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यूनाइटेक के पूर्व प्रमोटर Sanjay Chandra और अजय चंद्र को 2017 में गिरफ्तार किया गया था। इन पर गुड़गांव के यूनाइटेक के प्रोजेक्ट ‘WildFlower Country’ और ‘Anthea’ के 173 होम बायर्स ने शिकायत की थी। इनके अलावा दिल्ली पुलिस, सीबीआई और ईडी ने भी इन पर और कंपनी के अन्य अधिकारियों पर कई मामले दर्ज किए हैं।
आपको बता दे कि, 2021 में ईडी ने इन पर और यूनाइटेक ग्रुप पर धन शोधन कानून के तहत एक आरोपी मामला दर्ज किया था। इसमें आरोप है कि इन्होंने 2000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को साइप्रस और केमैन द्वीप समूह जैसे टैक्स हेवन में अवैध रूप से भेजा है। 2023 में सीबीआई ने इन पर और यूनाइटेक लिमिटेड के पूर्व निदेशकों पर आईडीबीआई बैंक में 395 करोड़ रुपये के एक धोखाधड़ी के संबंध में एक नया मामला दर्ज किया था। इन पर केनरा बैंक के खिलाफ एक मामले में भी सीबीआई की जांच चल रही है।
इन दोनों भाइयों को पहले तिहाड़ जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन्हें मुंबई की आर्थर रोड और तालोजा जेल में भेज दिया गया था। ईडी ने दावा किया था कि इन लोगों ने जेल कर्मचारियों के साथ मिलकर जेल के अंदर से ही अपना व्यवसाय चलाया है।
शनिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवजीत बुधिराजा ने इन दोनों को जमानत देते हुए कहा कि इन लोगों ने पहले ही छह साल से अधिक की कैद का सामना किया है, और अब इनकी पूछताछ और मुकदमा काफी समय लगेगा, क्योंकि गवाहों की संख्या 240 से अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में लगाए गए एक आरोप, धोखाधड़ी का, जिसकी सजा अधिकतम सात साल है।
इस मामले में जमानत मिलने के बाद भी यूनाइटेक के पूर्व प्रमोटरों को जेल से रिहाई नहीं मिलेगी, क्योंकि इन पर धन शोधन कानून के तहत एक और मामला चल रहा है, जिसमें ईडी ने इन पर 5000 करोड़ रुपये की जमानत मांगी है। इस मामले में अदालत ने अभी तक निर्णय नहीं सुनाया है।
यूनाइटेक के प्रमोटरों के खिलाफ चल रहे इन मामलों के कारण, लाखों लोगो का पैसा फंसा हुआ है, जिन्हें अपने घरों की डिलीवरी नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी खरीदारी को राहत देने के लिए एक विशेष न्यायाधीश की नियुक्ति की है, जो यूनाइटेक के दिवालियापन के मामले को सुन रहा है।
इस मामले में यूनाइटेक के प्रमोटरों की जमानत का फैसला एक नया मोड़ ला सकता है, लेकिन इनके लिए चुनौतियां अभी भी बाकी हैं। इन पर लगे आरोपों का सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियां अपनी जांच जारी रखेंगी, और अदालत इनकी जिम्मेदारी का फैसला करेगी।
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