FIIs withdrawing money from the Indian stock market and investing in China stock market Hang Seng Index

0
15

साल 2024 के अक्टूबर से शुरू हुई विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अभी भी नहीं थमी है. बीते 5 महीनों की बात करें तो अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से लगभग 37 बिलियन डॉलर की निकासी की है. वहीं सिर्फ फरवरी 2025 की बात करें तो FIIs ने 34,574 करोड़ के शेयर बेच दिए. ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपना पैसा निकालकर लगा कहां रहे हैं.

चीन की ओर रुख कर रहे हैं विदेशी निवेशक

इस समय विदेशी निवेशकों के बीच एक जुमला बहुत ज्यादा चल रहा है, ‘भारत में बेचो, चीन में खरीदो’. इसी जुमले के चलते एक ओर जहां भारतीय बाजार लगातार गिर रहा है, वहीं चीनी बाजार में तेजी देखने को मिली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्तूबर 2024 के बाद से जहां भारतीय बाजार का मार्केट कैप भारी मात्रा में कम हुआ है, वहीं चीन का मार्केट कैप लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है. चलिए, अब समझते हैं कि आखिर विदेशी निवेशक चीन के शेयर मार्केट में क्यों निवेश कर रहे हैं.

चीन की मजबूत वापसी

चीन की स्टॉक मार्केट ने हाल के महीनों में जबरदस्त वापसी की है, जिससे निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है. हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स एक महीने में 16 फीसदी बढ़ गया है, जबकि भारत का निफ्टी 2 फीसदी से अधिक गिर गया है. चीनी कंपनियों की कम वैल्यूएशन और मजबूत आय वृद्धि ने भी निवेशकों को आकर्षित किया है, खासकर अलीबाबा और लेनोवो जैसी कंपनियों के प्रदर्शन ने विदेशी निवेशकों को चीनी बाजार की ओर खींचने में अहम भूमिका निभाई.

चीन की नई योजनाएं

चीन ने हाल ही में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य योजना शुरू की है, जिसमें टेलीकम्युनिकेशन और बायो टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर में निवेश को आसान बनाने पर जोर दिया गया है. इस योजना के तहत, सरकार ने विदेशी निवेश के लिए बाजार पहुंच का विस्तार करने, वित्तीय प्रतिबंधों को कम करने और एक निष्पक्ष व्यावसायिक वातावाराण को बढ़ावा देने के उपायों की घोषणा की है. यह निवेशकों को चीन में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट

भारतीय शेयर बाजार में हाल के महीनों में भारी गिरावट आई है, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास इंडियन मार्केट को लेकर कम हुआ है. अक्टूबर 2024 से भारतीय शेयर बाजार ने एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक की पूंजी खो दी है, जबकि चीन ने इसी अवधि में दो ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की है. यह गिरावट और अनिश्चितता निवेशकों को भारतीय बाजार से दूर कर रही है.

चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव

चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के माध्यम से वैश्विक आर्थिक प्रभाव को बढ़ाया है, जिसने लगभग 150 देशों में बुनियादी ढांचे में 679 अरब डॉलर से अधिक का निवेश आकर्षित किया है. यह पहल निवेशकों को चीन के साथ आर्थिक संबंधों को गहरा करने और ग्लोबल सप्लाई चेन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखने के लिए प्रेरित करती है.

अमेरिकी बाजार की मजबूती

इसके अलावा, अमेरिकी बाजार में मजबूत आर्थिक विकास और बढ़ती ट्रेजरी यील्ड ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है. इसके साथ ही, डॉलर की तेजी ने भी विदेशी निवेशकों को उभरते बाजारों जैसे भारत से दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अमेरिकी बाजार में बेहतर रिटर्न की उम्मीद ने निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार की तुलना में अमेरिकी बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है.

ये भी पढ़ें: वित्त वर्ष 2025-26 में GDP ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहने का अनुमान, कर्ज होगा सस्ता, महंगाई से भी मिलेगी राहत

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

[ad_1]

Source link

RATE NOW

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here