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Bhavnagarમાં પ્રાકૃતિક ખેતી કરતા ખેડૂતો અને અધિકારીઓ સાથે રાજયપાલે કરી બેઠક

રાજ્યપાલ આચાર્ય દેવવ્રતજીએ ભાવનગર સર્કિટ હાઉસ ખાતે પ્રાકૃતિક કૃષિ સાથે સંકળાયેલા પ્રગતિશીલ ખેડૂતો, ખેડૂત ટ્રેનરો, સંયોજકો, સહસંયોજકો અને જિલ્લાના ઉચ્ચ અધિકારીઓ  સાથે સમીક્ષા બેઠક...





हमने पाया कि तिहाड़ जेल के प्रवेश द्वार की एक पुरानी तस्वीर को एडिट कर उसमें अरविंद केजरीवाल का पोस्टर जोड़ा गया है.

दावा क्या है?

दिल्ली विधानसभा चुनावों की हलचल के बीच, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है, जिसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल का एक पोस्टर तिहाड़ जेल के मुख्य द्वार के पास लगा हुआ दिखाई दे रहा है. इस पोस्टर पर ‘फिर आएंगे केजरीवाल’ लिखा है, जो आगामी दिल्ली चुनाव के लिए आप का चुनावी नारा है.

इस तस्वीर को यूज़र्स ने केजरीवाल का मज़ाक उड़ाते हुए शेयर किया, क्योंकि वह 2024 में दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे, और सितंबर 13, 2024 को जमानत मिलने तक वहीं रहे.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महिला मोर्चा की पश्चिम बंगाल इकाई की सोशल मीडिया प्रभारी लक्ष्मी सिंह ने भी केजरीवाल का मज़ाक बनाते हुए यह तस्वीर शेयर की. इसी तरह की पोस्ट के आर्काइव यहांयहां और यहां देखे जा सकते हैं.

तिहाड़ जेल के बाहर नहीं लगा अरविंद केजरीवाल का पोस्टर?, यह फोटो एडिटेड है

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, हमने पाया कि तिहाड़ जेल के गेट की मौजूदा तस्वीर को एडिट करके उसमें केजरीवाल का पोस्टर जोड़ दिया गया है. इसके अलावा, हमने पाया कि यह पोस्ट मूल रूप से एक मज़ाक के तौर पर शेयर की गई थी.

सच्चाई क्या है?

वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजने पर, हमें 2018 में द कारवां द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला, जिसमें तिहाड़ जेल में हिरासत में हुई हिंसा के बारे में बताया गया था. लेख में वही तस्वीर थी, लेकिन बाईं ओर केजरीवाल का पोस्टर नहीं था. कैप्शन में तस्वीर का क्रेडिट गेटी इमेजेज़ को दिया गया था.

इससे हिंट लेते हुए, हमें गेटी इमेज पर मूल तस्वीर मिली. यह तस्वीर अक्तूबर 4, 2006 की है और इसे इंडिया टुडे के पत्रकार अरिजीत सेन ने खींचा था. इससे पता चलता है कि यह तस्वीर 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना से बहुत पहले खींची गई थी. हालांकि, मूल तस्वीर में केजरीवाल का पोस्टर नहीं है.

तिहाड़ जेल के बाहर नहीं लगा अरविंद केजरीवाल का पोस्टर?, यह फोटो एडिटेड है

वायरल और मूल तस्वीर के बीच तुलना का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/गेट्टी इमेजेज़/मॉडिफाइड बाय लॉजिकली फ़ैक्ट्स)

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने यह भी पाया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ व्यंग्यात्मक पेजों ने इस तस्वीर को मीम के रूप में शेयर किया था. इन अकाउंट्स ने अपने बायो में ‘व्यंग्य’ का उल्लेख किया था या हैशटैग्स में यह स्पष्ट किया था कि यह एक मीम है. इन व्यंग्यात्मक पोस्ट्स के उदाहरण यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

 

तिहाड़ जेल के बाहर नहीं लगा अरविंद केजरीवाल का पोस्टर?, यह फोटो एडिटेड हैइस तस्वीर को मूल रूप से सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर व्यंग्य पेजों या कैप्शन में मीम हैशटैग जोड़कर मीम के रूप में शेयर किया गया था. (सोर्स: इंस्टाग्राम/मॉडिफाइड बाय लॉजिकली फ़ैक्ट्स)

इसके अलावा, तिहाड़ जेल के बाहर केजरीवाल के पोस्टर को दिखाने का दावा करने वाली एक ऐसी ही तस्वीर पहले भी वायरल हुई थी. हालांकि, हमने पाया कि इस तस्वीर को भी एडिट किया गया था और पहले इसे केजरीवाल पर एक मज़ाक के रूप में शेयर किया गया था. मूल तस्वीर, जिसका एक वर्ज़न 2021 में द हिंदू लेख में प्रकाशित हुआ था, में केजरीवाल का पोस्टर मौजूद नहीं था.

निर्णय 

साफ़ है कि तिहाड़ जेल के प्रवेश द्वार की 2006 की एक फ़ाइल फ़ोटो को एडिट करके उसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पोस्टर जोड़ा गया है.

(ट्रांसलेशन: मोहम्मद सलमान)

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले Logically Facts पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]



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