Elvish Yadav: From Bigg Boss Winner to Accused in a Drug Case – The Journey

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Elvish Yadav: From Bigg Boss Winner to Accused in a Drug Case – The Journey

Elvish Yadav: बिग बॉस विजेता से ड्रग मामले में आरोपी तक – यात्रा

आज हम आपके सामने ला रहे हैं एक ऐसी कहानी, जिसने देश भर में धूम मचा दी है। एक ऐसे व्यक्ति की, जिसने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और अदम्य साहस के बल पर बिग बॉंस  ओटीटी 2 का खिताब अपने नाम किया। हाँ, हम बात कर रहे हैं Elvish Yadav की।

लेकिन क्या आपने सुना है कि हाल ही में उन पर कुछ गंभीर आरोप लगे हैं? आपको हैरानी होगी जानकर कि उन्हें ड्रग्स की दुनिया से जोड़ा जा रहा है। तो चलिए, इस वीडियो में हम इन्हीं सब बातों को उजागर करेंगे। तो बने रहिए हमारे साथ, क्योंकि आपका समय शुरू होता है अब!

Elvish Yadav, बिग बॉंस ओटीटी 2 के विजेता का जन्म 14 सितंबर 1997 को हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था. जो अचानक ही देशभर में चर्चा में आ गए हैं।

“आज हम एक ऐसे मामले की ओर रुख करेंगे जिसने सबको हैरान कर दिया है। बिग बॉंस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव पर रेव पार्टी कराने का आरोप लगा है। नोएडा पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और एक बड़ी छापेमारी की। तो क्या वाकई में एल्विश यादव ने ये सब किया है? या यह सिर्फ एक साजिश है? 

आज हम बात करने जा रहे हैं बिग बॉंस विजेता Elvish Yadav के बारे में, जो हाल ही में एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। उन पर रेव पार्टी कराने और ड्रग्स उपलब्ध कराने का आरोप लगा है और नोएडा के सेक्टर 49 थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने एक बड़ी स्टिंग आपरेशन करके इस गिरोह का पर्दाफाश किया है। 

अब सबके मन में एक ही सवाल है – क्या Elvish Yadav जेल जाएंगे? 

एल्विश यादव समेत छह नामजद और अन्य अज्ञात व्यक्तियों  के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपी के नाम- राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण, रविनाथ, एल्विश यादव और अज्ञात व्यक्तियों  का नाम है। 

अब आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे की मामले में क्या हुआ, कैसे हुआ और इसके पीछे की कहानी क्या है? 

नोएडा पुलिस के ड्रग्स डिपार्टमेंट और वन विभाग के साथ मिलकर एक रेव पार्टी पर छापा मारा कैसे मारा और उन्हें इसकी सुचना कैसे मिली ?. 

और कैसे इस छापेमारी में पुलिस ने एल्विश यादव के पांच सहयोगियों को हिरासत में लिया ?

जिनके नाम राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण, रविनाथ  है .

अगर हम पुलिस की माने तो इन लोगों ने पार्टियों में विष उपलब्ध कराने के लिए भारी राशि इकट्ठा की थी. छापेमारी के दौरान, पुलिस ने उनके पास से नौ सांप, जिनमें पांच कोबरा शामिल थे, और सांप का विष भी  पाया गया था।  

प्राथमिकी में उन पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 39, 49, 50, 51 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया 

आपको बता दे की  ये सब मामला तब  सामने आया जब एक एनजीओ के पास वन्य जीवो से संबधित शिकायते प्राप्त हुई ,इसके बाद इस पूरे मामले की जांच बीजेपी नेता मेनका गांधी की एनजीओ ने शुरू की . एल्विश यादव की इस मांमले में भागीदारी मौके पर गिरफ्तार व्यक्तियों के पूछताछ के दौरान सामने आई. वर्तमान में, एलवीश यादव  फरार हैं और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश जारी है।  

 बीजेपी की सांसद मेनकी गांधी की अगुवाई वाली वाले एनजीओ पीपल फोर एनिमल के अफिसर गौरव गुप्ता को अज्ञात सूत्रों से पता चला की नोएडा के सेक्टर 49 केे करीब रेव पार्टी का आयोजन हो रहा है और इस पार्टी में तमाम तरह के ड्रग्स का सेवन किया जायेगा जिसमे जिन्दा साँप के जहर का भी इस्तेमाल किया जायेगा । 

वन्य जीवो का इस तरह के इश्तेमाल की सूचना गौरव गुप्ता के लिए चौकाने वाली थी इसी सूचना के आधार पर गौरव ने पुलिस को एल्विश के खिलाफ जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने इलाके में अपने गुप्त सूत्रों को एक्टिव कर दिया जिसके बाद स्टिंग आपरेशन के तहत गौरव ने एल्विश को काल करके रेव पार्टी में शामिल होने की बात की। जिसके बाद एल्विश ने राहुल नाम के एक शख्स का नाम बताया, जिससे बात करने के लिए कहा। गौरव ने राहुल से संपर्क किया तो राहुल ने उसे रेव पार्टी की सारी जानकारी दे दी।   

तय समय पर रेव पार्टी में गौरव के लिए राहुल स्कैन वेनम लेकर पहुंचा, जहां पर आरोपियों को पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा। इसके बाद वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे, और सांपों को उनके सौप दिया गया।             

बता दे की इस पर नोएडा के सेक्टर 49 में एलवीश यादव के  खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है 

छापेमारी के दौरान, पुलिस ने उनके पास से नौ सांप, जिनमें पांच कोबरा, एक अजगर, दो दुमुही, और एक रेट स्नेक सांप पाए थे . साथ ही, पुलिस को एक प्लास्टिक की बोतल में भरा हुआ सांप का विष भी मिला. इन लोगों ने इन सांपों और सांप के विष का इस्तेमाल रेव पार्टी में किया .पुलिस और वन विभाग की टीम ने सांप के विष को सील करके सबूत के तौर पर जब्त कर लिया।  

एल्विश यादव, एक गांव के निवासी, अचानक ही देशभर में चर्चा में आ गए हैं। उनपर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 की धारा 9, 39, 48 (।), 49,50,51 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 120बी का भी जिक्र है, जो साजिश का आरोप है।

यदि एल्विश यादव इस मामले में दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें जेल की सजा हो सकती है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और चार्जशीट दाखिल करेगी। इसके बाद, कोर्ट में सुनवाई होगी। यदि एल्विश यादव के खिलाफ सबूत सही पाए जाते हैं, तो उन्हें जेल की सजा हो सकती है।

आईपीसी की धारा 120बी के तहत, उन्हें 6 महीने से 2 साल तक की सजा, या उम्रकैद, या फांसी की सजा, या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। सजा का प्रकार अपराध की प्रकृति पर निर्भर करेगा।

वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत, उन्हें 3 साल तक की सजा और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, वे इस मामले में जमानत ले सकते हैं।

इस प्रकार, एल्विश यादव के लिए आने वाले दिन कठिन हो सकते हैं। उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वे गंभीर हैं और यदि वे दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें भारी सजा हो सकती है।

आपकी इस पर क्या राय है क्या आप भी इस मामले में एलवीश यादव को दोषी मानते है ?

की आप भी मानते है की एलवीश यादव को इसमें फसाया जा रहा है ?

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