लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों के नतीजों ने चौंकाया, जिसको देखकर जनमानस घबराया-election result latest update

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4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर एग्जिट पोल के ठीक उलट थी…एग्जिट पोल में बंपर जीत हासिल करने वाली BJP असल नतीजों में 272 का जादुई आंकड़ा भी नहीं छू पाई…जिस तरह से चुनाव के असल नतीजे चौंकाने वाले थे…ठीक वैसे ही कई सीटों के भी नतीजे चौंकाने वाले थे…जेल में बंद उम्मीदवीरों ने अपने विरोधियों पर बड़ी जीत दर्ज की…दागियों ने चुनाव जीता वहीं कई सीटों पर दिग्गजों का पत्ता साफ हो गया…-election result latest update

बात BJP से लगातार 8 बार सांसद रहीं मेनका गांधी की, जो अपनी नौंवी पारी के लिए सुल्तानपुर से चुनावी मैदान में उतरी थीं, लेकिन समाजवादी पार्टी के रामभुआल निषाद ने उन्हें लगभग 43 हजार से ज्यादा वोट पाकर उनका ये सपना चकनाचूर कर दिया…वहीं, तमिलनाडु में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा रहे के अन्नामलाई भी BJP का खाता तक नहीं खुलवा पाए…-election result latest update

अन्नामलाई DMK के गणपति राजकुमार से करीब 1 लाख 18 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए…एक्सपर्ट्स का मानना है कि BJP अन्नामलाई के दम पर दक्षिण का किला भेदने की कोशिश कर रही थी, लेकिन नाकाम रही….हालांकि, केरल की त्रिशूर सीट पर सुरेश गोपी ने BJP को इकलौता जीत दिलाई…वहीं संसद में विपक्ष का चेहरा रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता अधीर रंजन चौधरी पहली बार चुनाव लड़ रहे पूर्व क्रिकेटर और TMC नेता यूसुफ पठान से 85 हजार वोटों से पीछे रह गए..-election result latest update

चुनाव में मोदी सरकार में कई मंत्रियों से लेकर कांग्रेस और बाकी पार्टियों के कई बड़े नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा है…लेकिन इसी चुनाव में कुछ ऐसे उम्मीदवार भी रहे हैं, जिन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की…

राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बिहार की पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार थे, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 23,847 वोटों से हराया है…पप्पू यादव इससे पहले भी दो बार निर्दलीय सांसद रहे हैं और दोनों ही बार वह पूर्णिया सीट से ही संसद पहुंचे थे…पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से 1991 और 1999 का चुनाव भी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार ही जीता था…यानि इस चुनाव में वोटों का गुणा-गणित काफी बदला…जिसकी जीत के कयास लगाए जा रहे थे वो धाराशायी हो गया और जेल में बंद अमृतपाल जैसे निर्दलीय उम्मीदवारों ने धमाकेदार जीत हासिल की…

दमन और दीव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पटेल उमेशभाई बाबूभाई ने बीजेपी के लालूभाई बाबूभाई पटेल को 6,225 वोटों के अंतर से हरा दिया है…दमन और दीव सीट पर 15 साल बाद बीजेपी की हार हुई है…वहीं महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार विशाल प्रकाशबाबू पाटिल ने बीजेपी के संजय काका पाटिल को एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया है…विशाल पाटिल को 5.71 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं…

सबसे ज्यादा 42 निर्दलीय उम्मीदवार 1957 के चुनाव में जीतकर संसद पहुंचे थे..इससे पहले 1952 के चुनाव में 37 निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे…1962 में 20, 1967 में 35, 1971 में 14 और 1989 में 12 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी…वहीं, 1991 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई थी…2019 के चुनाव में 4 निर्दलीय उम्मीदवार संसद पहुंचे थे…जबकि 2014 के चुनाव में तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी…इस बार कम से कम छह निर्दलीय उम्मीदवार संसद पहुंचे हैं…

दागियों ने चुनाव जीता वहीं कई सीटों पर दिग्गजों का पत्ता साफ हो गया…

    पार्टी छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ना उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद रहता है?

 दिग्गजों का पत्ता साफ होने के पीछे की वजह क्या हो सकती

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