Why are DMK leaders insulting UP-Bihar?
डीएमके के नेता क्यों कर रहे UP-Bihar का अपमान?
डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने UP-Bihar के लोगों पर ऐसा बयान दे दिया है जिस पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. मारन ने कहा था- UP-Bihar के हिंदी बोलने वाले लोग हमारे राज्य में आकर टॉयलेट और सड़क साफ करते हैं. ये पहली बार नहीं है कि तमिलनाडु के नेताओं ने यूपी-बिहार के लोगों को लेकर इस तरह की गलत बयानबाजी की हो. बीजेपी ने दयानिधि मारन के बयान पर सख्त ऐतराज जताया है. बीजेपी ने कहा- हिंदुओं और सनातन को गाली देना इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के डीएनए में है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दयानिधि मारन के बयान को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है. बीजेपी नेताओं ने इंडिया गठबंधन के यूपी-बिहार के नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है. बीजेपी ने पूछा है कि डीएमके नेता UP-Bihar वालों को गाली दे रहे हैं और अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव चुप्पी साधे हुए हैं. बीजेपी नेताओं द्वारा टारगेट किए जाने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए दयानिधि मारन के बयान की निंदा की. तेजस्वी यादव ने कहा- दयानिधि मारन का बयान पूरी तरह गलत है, बिहार और UP के मजदूरों की पूरे देश में लोग मांग करते हैं, अगर वे न जाएं तो उनकी जिंदगी ठप्प हो जाएगी, दूसरे राज्यों के नेताओं को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए. बतादें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब डीएमके के नेताओं ने उत्तर भारत के राज्यों के लिए ऐसा बयान दिया हो. डीएमके सांसद सेंथिल कुमार ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश की जीत पर लोकसभा में बोलते हुए कहा था कि BJP की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं, दक्षिण के राज्यों में BJP को घुसने नहीं दिया गया है. सेंथिल कुमार के बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई थी. बीजेपी ने कहा ये गौमाता के साथ साथ हिंदी पट्टी के राज्यों की जनता का भी अपमान है. विवाद बढ़ने के बाद सेंछिल कुमार ने सफाई दी, कहा ये कोई विवादित बयान बयान नहीं था, अगर किसी को बुरा लगा है तो अगली बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने से बचने की कोशिस करूंगा.
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, उदयनिधि ने सनातन की तुलना मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया से की थी, उदयनिधि ने कहा इनका केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका पूरा खात्मा जरूरी है. बीजेपी ने उदयनिधि के बयान को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए थे. साधु संतों और उत्तर भारत में उदयनिधि के बयान के जोरदार विरोध के बाद कांग्रेस ने उदयनिधि के बयान से किनारा कर लिया. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने सनातन के अपमान और डीएमके नेताओं के बयान को मुद्दा बनाया था. डीएमके भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है ऐसे में डीएमके नेताओं के हिंदी पट्टी के राज्यों को लेकर दिए गए विवादित बयानों को मुद्दा बनाने में देरी नहीं करती है, बीजेपी के नेता का पूरी ताकत के साथ विरोध करते हैं, बीजेपी नेता राहुल गांधी, अखिलेश और नीतीश जैसे नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हैं. लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी सनातन और हिंदी भाषी राज्यों के अपमान का मुददा प्रमुखता से उठा सकती है. साफ है कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों को तमिलनाडु के सीएम स्टालिन से इसको लेकर बात करनी होगी की डीएमके के नेता हिंदी पट्टी के राज्यों को लेकर ऐसे बयान न दें वरना लोकसभा चुनाव में गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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