Dharavi Redevelopment Project: Transforming Asia’s Largest Slum
Dharavi पुनर्विकास परियोजना: एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती को बदलना
मुंबई की Dharavi, एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्ती जिसे बदलने का दावा करती धारावी रीडेवलपमेंट परियोजना। हम आपको बताएंगे कि इस परियोजना के पीछे की राजनीति क्या है, और इसका असर धारावी के लोगों पर कैसे पड़ रहा है। तो बने रहिए हमारे साथ।
धारावी रीडेवलपमेंट परियोजना का आगाज 2004 में हुआ था, जब महाराष्ट्र सरकार ने इस इलाके को एक ग्लोबल टाउनशिप में तब्दील करने का लक्ष्य रखा था। इस परियोजना का उद्देश्य धारावी के करीब 60 हजार झोपड़ियों को तोड़कर उनकी जगह 3.5 लाख लोगों को नए आवास प्रदान करना था। इसके अलावा, इस इलाके में लघु उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, यातायात और सामाजिक सुविधाओं को भी सुधारने का इरादा जताया था।
आपको बता दे कि इस परियोजना का अनुसरण करना इतना आसान नहीं था। इसमें कई बाधाएं थी , जैसे कि निविदा प्रक्रिया, वित्तीय समस्याएं, निवासियों का विरोध, राजनीतिक दबाव, कानूनी जटिलताएं और कोरोना महामारी। इसके चलते, इस परियोजना को कई बार रुकना पड़ा और इस तरीके से धीरे धीरे इसकी समय सीमा बार-बार बढ़ती गयी ।
इस साल जुलाई में, महाराष्ट्र सरकार ने इस परियोजना को अडानी प्रॉपर्टीज को सौंपा, जो 2022 में जारी नए टेंडर में सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी थी। अडानी प्रॉपर्टीज ने इस परियोजना के लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जबकि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम निवेश 1,600 करोड़ रुपये था।
इस फैसले के खिलाफ, उद्धव ठाकरे ने आवाज उठाई और कहा कि सरकार ने अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए कई संदिग्ध निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे धारावी के निवासियों का अधिकार छीना जा रहा है और उन्हें अपने घरों से दूर भेजा जा रहा है। उन्होंने 16 दिसंबर को अडानी के मुंबई ऑफिस तक एक मार्च का नेतृत्व करने की घोषणा की।
इस मार्च को लेकर, मुंबई पुलिस ने यूबीटी को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। पुलिस ने कहा कि इससे शांति और व्यवस्था को खतरा हो सकता है और कोरोना के कारण भीड़ जुटने से बचना चाहिए। इसके बाद, यूबीटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और अपने मार्च के लिए अनुमति मांगी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 15 दिसंबर 2023 को सुनवाई करने का निर्णय लिया।
आपको बता दे कि इस मुद्दे पर , अडानी समूह ने धारावी रीडेवलपमेंट परियोजना को लेकर अपना पक्ष साफ किया है। अडानी प्रॉपर्टीज के एमडी और सीईओ गौतम अडानी ने कहा कि उनकी कंपनी ने इस परियोजना को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से हासिल किया है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य धारावी के लोगों को एक बेहतर जीवन देना है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी धारावी के लोगों के साथ पूरी तरह से सहयोग करेगी और उनकी चिंताओं को दूर करेगी।
साथ ही अडानी ने यह भी कहा कि उनकी कंपनी धारावी के लघु उद्योगों को भी समर्थन देगी और उन्हें नए अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी धारावी को एक आधुनिक, स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध टाउनशिप में तब्दील करने के लिए प्रतिबद्ध है।
धन्यवाद्।
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