delhi water crisis news
दिल्ली में गहराया जल संकट
हिमाचल का दिल्ली को पानी देने से इनकार
यमुना जल बंटवारे का मुद्दा जटिल
6 जून को हिमाचल को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था
टैंकर माफियाओं ने भी बढ़ाई परेशानी-delhi water crisis news
क्या दिल्ली का जलसंकट खत्म नहीं होगा.. क्या राजधानी दिल्ली की जनता प्यासी ही रह जाएगी… क्योंकि अब हिमाचल प्रदेश ने भी पानी देने से इनकार कर दिया है.. आखिर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा और इस पर क्या सियासत हो रही है इस वीडियो में आज इसी मुद्दे को तफ्सील से बताएंगे…
नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS…दिल्ली में जल संकट को लेकर 13 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.. हिमाचल प्रदेश ने कोर्ट से कहा कि उसके पास दिल्ली को देने के लिए 136 क्यूसेक पानी नहीं है.. एक दिन पहले हिमाचल ने कहा था कि उसकी तरफ से पानी छोड़ा गया है.. हरियाणा की तरफ से पानी सप्लाई किया जाना बाकी है.. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना के पानी का बंटवारा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है.. हमारे पास दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच जल-बंटवारे के फॉर्मूले पर फैसला लेने की टेक्निकल एक्सपर्टीज नहीं है..-delhi water crisis news
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पानी देने का फैसला अपर रिवर यमुना बोर्ड पर छोड़ दिया.. कोर्ट ने कहा कि यमुना रिवर बोर्ड ने पहले ही दिल्ली को मानवीय आधार पर पानी की आपूर्ति के लिए आवेदन जमा करने का निर्देश दिया है.. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने 3 राज्यों से एक्स्ट्रा पानी देने की मांग की थी.. दरअसल, दिल्ली की AAP सरकार ने जल सकंट को लेकर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.. इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी… जिसमें कि हिमाचल प्रदेश एक्स्ट्रा पानी देने के लिए तैयार था..
कोर्ट ने 6 जून को हिमाचल को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था.. दिल्ली सरकार ने कहा था कि यह पानी हमारे यहां अभी नहीं पहुंचा.. वहीं इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मुनक नहर से पानी चोरी पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है.. सुप्रीम कोर्ट ने 12 जून को टैंकर माफिया के द्वारा मुनक नहर से पानी चोरी करने के मामले में दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी.. कोर्ट में झूठे बयान देने को लेकर भी AAP सरकार को जमकर फटकारा.. कोर्ट ने कहा कि अगर आप टैंकर माफिया से नहीं निपट सकते हैं तो हम दिल्ली पुलिस से इस मामले में एक्शन लेने के लिए कहेंगे.. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 13 जून तक इस संबंध में जवाब मांगा था.. दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि टैंकर माफिया से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं..
केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। अपने हलफनामा में आप सरकार ने बताया कि हम मजबूर हैं। हम टैंकर माफिया के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। वजह यह है कि टैंकर माफिया दिल्ली से नहीं, बल्कि हरियाणा से संचालित होते हैं, जिसकी वजह से हमारे हाथ बंधे हुए हैं. दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामा में बताया, “टैंकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करना हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। अगर आता तो हम अब तक उनके विरुद्ध कार्रवाई कर चुके होते। हरियाणा सरकार को बताना चाहिए कि वो दिल्ली को पानी मुहैया कराने की दिशा में क्या कुछ कदम उठा रही है?
क्योंकि, यहां लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी में पानी की आपूर्ति के लिए पूरी रूपरेखा तैयार की है, जिसे जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा. यह ब्लूप्रिंट दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए तैयार किया गया है।”… वहीं दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में कुल जल आपूर्ति में से केवल 4-5 मिलियन गैलन प्रतिदिन पानी की सप्लाई टैंकरों से होती है। टैंकर माफियाओं को रोकने से भी समस्या खत्म नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं,
लेकिन पानी की कमी तब तक पूरी नहीं की जा सकती, जब तक दिल्ली को वजीराबाद बैराज और मुनक नहर में अपना उचित हिस्सा नहीं मिल जाता.. वहीं इस मुद्दे पर सियासत भी खूब हो रही है…. बीजेपी नेताओं ने 12 जून को दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से मुलाकात कर मुनक नहर और अन्य स्रोतों से पानी की चोरी को लेकर टैंकर माफिया के खिलाफ एक विशेष जांच दल गठित करने और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की.. अब सवाल ये है कि दिल्ली में आखिर जल संकट क्यों हुआ…दिल्ली में जल संकट के दो कारण हैं- गर्मी और पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता. दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है..
पानी के लिए ये पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है.. दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, इस साल दिल्ली हर दिन 32.1 करोड़ गैलन प्रतिदिन पानी की कमी से जूझ रही है..दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, राज्य को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है.. हालांकि, गर्मियों में केवल 96.9 करोड़ गैलन प्रतिदिन मांग ही पूरी हो पा रही है.. यानी दिल्ली की 2.30 करोड़ आबादी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी चाहिए, लेकिन उसे सिर्फ 96.9 करोड़ गैलन पानी ही मिल रहा है..वहीं दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल बांध के पानी से पूरी करती है..
2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था. इसके अलावा कुएं, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था.. यानी दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था.. 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया.. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सरेंडर करने से पहले पानी की कमी से जूझ रही दिल्ली की जनता के लिए बीजेपी से अपील की थी..
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि BJP हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सरकारों से दिल्ली को एक महीने के लिए पानी देने के लिए कहे…. अब मुद्दा ये है कि दिल्ली की जनता को पानी की आपूर्ति होनी कैसे… एक तरफ टैंकर माफिया तो दूसरी तरफ राज्यों का पानी देने से इनकार..ऐसे में जल्द से जल्द समस्या का समाधान करना जरूरी है ताकि दिल्ली का जनता प्यासी ना रह जाए.. इसी तरह की खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ.. नमस्कार…
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