दिल्ली शराब नीति घोटाला एक ऐसा मामला है, जिसमें दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक नई शराब बिक्री नीति बनाई थी, जिसमें कई अनियमितताओं और लाभांशों का आरोप लगाया गया है।delhi liquor policy delhi liquor scam latest news
इस नीति के तहत, दिल्ली में शराब की बिक्री का अधिकार केवल निजी दुकानों को दिया गया था, और सरकार इससे बाहर हो गई थी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी, राजस्व वृद्धि और उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना था। इस नीति में शराब की होम डिलीवरी, दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रखने और लाइसेंसधारकों को असीमित छूट देने जैसे कई बदलाव शामिल थे।delhi liquor policy delhi liquor scam latest news
इस नीति के कारण, सरकार की आय में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और सरकार को लगभग 8,900 करोड़ रुपये की आय हुई।
लेकिन, इस नीति में जल्द ही मुसीबत आ गई, पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा, जो केंद्र सरकार के अधीन है, ने इस पर अंकुश लगाया। फिर, दिल्ली के नए उपराज्यपाल वीके सक्सेना, जो भी केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं, ने इस पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की जांच की मांग की।
उन्होंने दिल्ली के एक शीर्ष नौकर की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मनीष सिसोदिया ने नियमों को तोड़कर शराब वेंड लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाए।
इसके बाद, मनीष सिसोदिया ने यह नीति रद्द करने का फैसला किया, क्योंकि उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने नियंत्रण वाली जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके विक्रेताओं को धमकाने की कोशिश की है। उन्होंने अपने पूर्वाधिकारी अनिल बैजल को भी अंतिम क्षण में बदलाव करने का दोष दिया, जिसने इस सुधार को बेकार कर दिया।
CBI ने 17 अगस्त 2022 को इस मामले में एक मामला दर्ज किया था, जिसमें इस नीति में कई अनियमितताओं और लाभांशों का आरोप लगाया गया था।
इसमें, दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों, जैसे कि शराब निदेशालय के प्रमुख, शराब नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष, शराब विभाग के वित्त निदेशक और शराब वेंड लाइसेंसधारकों के नाम शामिल हैं।
CBI का आरोप है कि इन लोगों ने एक साथ मिलकर इस नीति को बनाने और लागू करने में भ्रष्टाचार, शोषण, घूस और अन्य अपराध किये है।
CBI ने इस मामले में अब तक कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है, जिनमें से एक हैं, K Kavitha, जो तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री K Chandrasekhar Rao की बेटी और वर्तमान में बाथुकम्मा राष्ट्रीय समिति की विधायक हैं।
CBI ने K Kavitha को 26 फरवरी 2024 को अपने मुख्यालय में पेश होने के लिए समन जारी किया है, जिसमें उन्हें धारा 41A के तहत बुलाया गया था।
धारा 41A का मतलब है कि जांच एजेंसी को शक है कि कोई व्यक्ति एक ऐसे अपराध में शामिल है, जिसके लिए उसे गिरफ्तार करने की आवश्यकता हो सकती है।
K Kavitha ने CBI के समन को रद्द करने की मांग करते हुए, एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें धारा 41A के तहत बुलाने का कोई तर्क, कारण या पृष्ठभूमि नहीं बताया गया है।
उन्होंने यह भी कहा है कि उनके पास अपने राज्य और लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिनके कारण वे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सकते हैं।
उन्होंने CBI को अपने समन को वापस लेने का अनुरोध किया है, और यह भी कहा है कि अगर CBI को उनसे कोई सवाल पूछने हों, या कोई जानकारी चाहिए, तो वे वर्चुअल मोड के माध्यम से सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
K Kavitha ने यह भी उल्लेख किया है कि जब यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है, जिसमें उन्हें समन नहीं किया जाएगा, तो यह भी इस मामले पर लागू होना चाहिए।
CBI का कहना है कि K Kavitha का नाम इस घोटाले में इसलिए आया है, क्योंकि उनकी कंपनी का एक शाखा दिल्ली में शराब वेंड लाइसेंसधारकों को फाइनेंस करने में शामिल थी।
CBI का दावा है कि K Kavitha ने अपनी कंपनी के माध्यम से इस नीति में शामिल लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ प्रदान किए, और उनसे घूस ली।
CBI ने इस मामले में अब तक कई दस्तावेजों, बैंक रिकॉर्ड्स, ई-मेल्स और अन्य सबूतों का जब्त किया है, जिनसे उन्हें इस घोटाले की पुष्टि हुई है।
इस मामले का तेलंगाना राजनीति पर भी एक बड़ा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि K Kavitha एक प्रभावशाली नेता हैं, जो अपने पिता के साथ ही उनकी पार्टी BRS की भी एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं।
BRS ने इस मामले में CBI को बदनाम करने का आरोप लगाया है, और कहा है कि यह एक राजनीतिक साजिश है, जिसका उद्देश्य उनकी पार्टी को बदनाम करना और उनके विरोधियों को फायदा पहुंचाना है।
BRS के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री K Chandrasekhar Rao ने CBI को अपनी बेटी के खिलाफ झूठे आरोप लगाने का दोष दिया, और कहा है कि उनकी बेटी ने कभी भी दिल्ली के शराब घोटाले से कोई लेन-देन नहीं किया है।
उन्होंने CBI को अपनी बेटी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस लेने और उन्हें माफी मांगने का आग्रह किया है, नहीं तो वे इस मामले को न्यायिक रूप से लड़ने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी को इस तरह के झूठे आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता है, और वे अपने राज्य के विकास और जनता के हित के लिए काम करना जारी रखेंगे।
वहीं, CBI ने कहा है कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं, और उन्हें जो भी सबूत मिले हैं, वे उन्हें न्यायालय में पेश करेंगे।
CBI ने यह भी कहा है कि वे अपने समन को वापस नहीं लेंगे, और K Kavitha को अपने मुख्यालय में पेश होने के लिए आग्रह करते हैं।
CBI ने कहा है कि अगर K Kavitha अपने समन का पालन नहीं करती हैं, तो वे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
इस तरह, दिल्ली शराब नीति घोटाले का मामला अभी भी खुला है, और इसमें शामिल होने वाले लोगों के बीच एक तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
आगे क्या होगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन हम आपको इस मामले की हर अपडेट देते रहेंगे।
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नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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