“Delhi Government” के अस्पतालों में घटिया दवाओं की आपूर्ति का मामला राजनीतिक घमासान मचा रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है, जबकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बीजेपी को झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। इस मामले में दवाओं की गुणवत्ता, आपूर्ति श्रृंखला, वितरण प्रणाली और जन स्वास्थ्य का प्रभाव एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस वीडियो में हम इन पहलुओं का विश्लेषण करेंगे और इस मामले के पीछे की राजनीतिक रणनीतियों को समझने की कोशिश करेंगे। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज।
“Delhi Government” के अस्पतालों में घटिया दवाओं की आपूर्ति का मामला तब उभरा, जब दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें बताया गया कि “Delhi Government” के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में कथित तौर पर नकली और गैर-मानक वाली दवाओं की खरीद और आपूर्ति की गई है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इन दवाओं में कुछ जीवन रक्षक दवाएं भी शामिल हैं, जिनसे लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। इस रिपोर्ट को देखते हुए, दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिसंबर 2023 में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
आपको बता दे कि, इस मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने मार्च 2023 में ही खरीदी गई दवाओं के ऑडिट का निर्देश दिया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बीजेपी को झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दवाएं न तो नकली हैं और न ही घटिया, बल्कि ये कुछ मानकों को पूरा नहीं कर पाती हैं। उन्होंने अपनी बात का सबूत देते हुए दवाओं की जांच रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि इन दवाओं में असली साल्ट मौजूद है, और इनकी गुणवत्ता में कमी का कारण डिसोल्यूशन है, यानि दवा को पेट में घुलने में लगने वाला समय। उन्होंने यह भी कहा कि जो कंपनियां दिल्ली सरकार के अस्पतालों को दवाएं देती हैं, वही कंपनियां केंद्र सरकार और अन्य राज्यों के अस्पतालों को भी दवाएं देती हैं।
इस मामले में बीजेपी का पलटवार भी तेज रहा है। बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि दिल्ली की जनता की जान से खिलवाड़ का मामला है। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक और दर्दनाक है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है।
ये बात सही है कि,”Delhi Government” के अस्पतालों में कथित तौर पर घटिया दवाओं की आपूर्ति का मामला जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। इससे न केवल मरीजों का उपचार प्रभावित होता है, बल्कि उनकी जान भी जोखिम में आती है। इसके अलावा, घटिया दवाओं की आपूर्ति से दवा उद्योग की मान्यता और विश्वसनीयता पर भी प्रहार होता है। इससे दवा निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं को नुकसान होता है, और उनके उत्पादों के प्रति जनता का भरोसा कम हो जाता है।
इस तरह हम मान सकते है कि,दिल्ली सरकार के अस्पतालों में घटिया दवाओं की आपूर्ति का मामला एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है।
इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है। हमे अवश्य बताएं।
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