कप सिरप से हुई बच्चों की मौत मामला, उज्बेकिस्तान में भारतीय बिजनेसमैन को 20 साल की सजा

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उज्बेकिस्तान में कप सिरप से बच्चों की मौत का मामला-death of children because of cup syrup

भारतीय बिजनेसमैन को 20 साल की सजा

68 बच्चों की कप सिरप पीने से हुई थी मौत

WHO ने अलर्ट जारी किया था

उज्बेकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 26 फरवरी को इंडियन कफ सिरप पीने से 68 बच्चों की हुई मौत मामले में 21 लोगों को सजा सुनाई है… रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है..  इसमें भारतीय बिजनेसमैन राघवेंद्र प्रताप भी शामिल हैं.. उन्हें भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी का दोषी पाया गया है… दरअसल, उज्बेकिस्तान में 2022 और 2023 के बीच कम से कम 86 बच्चों को जहरीला कफ सिरप पिलाया गया था.. इससे 68 बच्चों की मौत हो गई थी… मृतकों के परिजनों की शिकायत पर उज्बेकिस्तान पुलिस ने केस दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी.. इसमें उज्बेकिस्तान में डॉक-1 मैक्स सिरप बेचने वाली कंपनी के डायरेक्टर राघवेंद्र प्रताप को भी आरोपी बनाया गया था.. -death of children because of cup syrup

उन पर लापरवाही, धोखाधड़ी समेत अन्य संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया था..आपको बता दें कि जनवरी 2023 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन  ने कहा था कि भारत के मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो खांसी के सिरप बच्चों को नहीं पिलाया जाना चाहिए.. सिरप के नाम एम्बरोनॉल सिरप और डीओके-1 मैक्स है.. इन दोनों सिरप को नोएडा स्थित कंपनी मैरियन बायोटेक बनाती है..

WHO ने कहा था कि जांच में पाया गया है कि दोनों सिरप अच्छी क्वालिटी के नहीं हैं। इनमें दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल की सही मात्रा शामिल नहीं है.. मामले सामने आने के बाद भारत सरकार ने मार्च 2023 में कफ सिरप बनाने वाली कंपनी मैरियन बायोटेक का प्रोडक्शन लाइसेंस रद्द कर दिया था.. इसी दौरान भारत से इंपोर्ट किए गए एक अन्य कफ सिरप के इस्तेमाल के बाद गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत हो गई थी.. सभी बच्चों के गुर्दे फेल हो गए थे..वहीं गाम्बिया भी अपने यहां हुई 70 बच्चों की मौतों का जिम्मेदार भारत में बने 4 कफ सिरप को ठहरा चुका है.. WHO ने भी इन कफ सिरप के इस्तेमाल पर अलर्ट जारी किया था..  हालांकि, भारत ने कहा था कि हमने कफ सिरप की जांच की थी.. इनकी क्वालिटी सही पाई गई.. इसके बाद गाम्बिया सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि उनके देश में हुई बच्चों की मौतों से भारतीय सिरप का कोई संबंध नहीं है..

अब आपको बताते हैं कि इन सिरप में ऐसा क्या होता है जो जानलेवा हो जाता है.. WHO के मुताबिक ethylene glycol कार्बन कंपाउंड है.. इसमें न गंध होती है और न ही रंग.. ये मीठा होता है.. बच्चों के सिरप में सिर्फ इसलिए मिलाया जाता है, ताकि वो आसानी से दवा पी सकें.. इसकी मात्रा के असंतुलन से ये जानलेवा हो सकता है.. कई देशों में यह प्रतिबंधित है.. दवा बाजार की बात करें तो दुनिया में जेनरिक दवाइयों की जितनी जरूरत होती है, उसका 50 परसेंट से अधिक भारत से भेजा जाता है.. वहीं अमेरिका में लगभग 40 प्रतिशत जेनरिक दवाओं की और ब्रिटेन में लगभग 25 प्रतिशत दवाओं की आपूर्ति की जाती है.. पूरी दुनिया में भारत फार्मास्यूटिकल प्रोडक्शन के मामले में तीसरे स्थान पर है..वहीं भारत की दवा इंडस्टी में 3,000 दवा कंपनियां और लगभग 10,500 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शामिल हैं.. वर्तमान में एड्स से निपटने के लिए विश्वस्तर पर उपयोग की जाने वाली 80 प्रतिशत से अधिक दवाओं की आपूर्ति भारतीय दवा फर्मों द्वारा की जाती है..

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