आपराधिक अपमान का मामला एक ऐसा मामला है, जिसमें किसी व्यक्ति या संगठन की इज्जत या प्रतिष्ठा को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जाता है। आपराधिक अपमान का मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दर्ज किया जाता है। इसके लिए दोषी को दो साल तक की कारावासी या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।-Criminal Defamation Case
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बाद, अब पूर्व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य के भाजपा प्रमुख विष्णु दत्त शर्मा और भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ भी आपराधिक अपमान का मामला दर्ज हो गया है। इस मामले में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने शिकायत की है।-Criminal Defamation Case
तंखा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि इन तीन भाजपा नेताओं ने उनकी छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया है, जब उन्होंने उन्हें 2021 के पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण कोटे से संबंधित एक सुप्रीम कोर्ट के मामले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया।-Criminal Defamation Case
तंखा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्होंने न तो एससी में कोई ऐसी याचिका दायर की थी और न ही उन्हें इस मामले से कोई लेना-देना था।
तंखा ने इन तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का अपमान का नोटिस भी भेजा था। लेकिन जब उन्होंने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो वरिष्ठ वकील ने 6 जनवरी 2023 को कोर्ट में एक याचिका दायर की। उन्होंने 29 अप्रैल 2023 को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया।
कल, कोर्ट ने चौहान, शर्मा और सिंह के खिलाफ आपराधिक अपमान की याचिका को स्वीकार कर लिया।
इस मामले का परिणाम अभी तय नहीं हुआ है। कोर्ट ने इन तीनो भाजपा नेताओं को अगली सुनवाई के लिए तारीख दी है। इस मामले में तंखा का वकील राजेश शुक्ला ने कहा कि वे इन भाजपा नेताओं को न्यायालय में लाने के लिए प्रयास करेंगे। इस मामले का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि यह एक राजनीतिक और कानूनी झगड़ा है, जिसमें दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इस मामले में तंखा का आरोप है कि भाजपा नेता उन्हें ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अनुचित रूप से बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, भाजपा नेता का कहना है कि तंखा का यह आरोप झूठा और निराधार है।
आपको बता दे कि 2021 के पंचायत चुनावों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत की आरक्षण कोटा लागू करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक विधेयक पारित किया था। लेकिन, इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया था। इसके बाद, भाजपा नेता ने तंखा को इस मामले में एससी में याचिका दायर करने का आरोप लगाया था।
ऐसे में इस घटना से मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच की राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है। इससे ओबीसी समुदाय का भी विकास प्रभावित हो सकता है। इस मामले का निर्णय अब कोर्ट के हाथ में है।
तो ये थी हमारी खास पेशकश, जिसमें हमने पूर्व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य के भाजपा प्रमुख विष्णु दत्त शर्मा और भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा द्वारा दर्ज किए गए आपराधिक अपमान के मामले का वर्णन, परिणाम, विश्लेषण और निष्कर्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया। नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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