What Factors Are Contributing to Cracks in Indian Opposition Alliances?

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Lower 01 – What are the main challenges associated with INDIA Alliance ?cracks in india opposition alliance against pm modi

Lower 02 – AIRR NEWS: Cracks in Indian opposition alliance against PM Modi ahead of elections

Opening Anchor — नमस्कार आप देख रहे हैं Airr News…. 

18 जुलाई 2024 में  भारतीय विपक्षी दलों ने आगामी आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती देने के लिए एक गठबंधन बनाया। मुख्य विपक्षी कांग्रेस और छोटे क्षेत्रीय दलों से बने गठबंधन ने अपना नाम इंडिया (INDIA) रखा, जिसमें अब तक करीब 40 राजनीतिक पार्टियों का समागम है….लेकिन अपने जन्म के बमुश्किल छह महीने बाद ही INDIA एलाइंस गठबंधन अव्यवस्थित हो चुका है….नीतीश कुमार का गठबंधन से अलग होकर एनडीए शामिल होना सबसे बड़ी टूट है…

गठबंधन में दो क्षेत्रीय नेताओं, वेस्ट बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ममता बनर्जी और दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल ने खुद को कांग्रेस से दूर कर लिया है और स्पष्ट कर दिया है कि वे अकेले चुनाव लड़ेंगे…लेकिन सिर्फ सीटों की वजह से ही INDIA एलाइंस को नुकसान नहीं उठाना पड़ रहा है बल्कि बयानों की वजह से भी विपक्षी गठबंधन को भारी नुकसान हो रहा है..

.द्रमुक सासंद और पूर्व केंद्र मंत्री ए. राजा ने सभी सीमाओं को लांघते हुए राष्ट्रीय संप्रभुता पर हमला करते हुए भारत माता के प्रति श्रृद्धा को चुनौती दी और भारत देश को एक महाद्वीप कह डाला….वहीं मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को भी बुरा-भला कहा है….बावजूद इसके कि राम मंदिर बनने के बीजेपी की शक्ति कईं गुना बढ़ गयी है….इससे पहले भी द्रमुक नेता उदयनिधि ने सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया कहा था….

कांग्रेस स्वाभाविक रूप से इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है….लेकिन टूटी और गलत बयानबाजी की वजह से कांग्रेस और इंडिया एलाइंस को नुकसान झेलना पड़ रहा है…खासकर उत्तर भारत में तो कांग्रेस की हालत बहुत नाजुक है….यूपी में सपा, दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी से दबकर चलना पड़ रहा है….यूपी जैसे बड़े राज्य में सहयोगी सपा ने उसे केवल 17 सीटों तक ही सीमित कर दिया है…cracks in india opposition alliance against pm modi

स्थिति ये है कि राहुल गांधी दोबारा अपने गढ़ अमेठी से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, वहीं उसके बगल की सीट रायबरेली का प्रतिनिधित्व करने वाली सोनिया गांधी अब राजस्थान से राज्यसभा पहुंच गई हैं….कांग्रेस बिहार में तेजस्वी और झारखंड में हेमंत सोरने पर आश्रित हैं… यही वजह है कि पार्टी उत्तर भारत को छोड़कर दक्षिण पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है….

तेलंगाना की जीत के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ की विभाजनकारी बहस भी चलाई, पर वो कारगर नहीं रही…पिछले कुछ चुनावों के रुझान ही दर्शाते हैं कि जनता अब खंडित जनादेश के पक्ष में नहीं दिखती….ऐसे में अगर कांग्रेस और उसके सहयोगी एनडीए संग बीजेपी को कोई चुनौती देना चाहते हैं तो उन्हें अपनी रणनीति बदलकर सक्रियता दिखानी होगी और उल्टे बयानों से बचना होगा….पूरा विडियो को देखने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद…आप देखते रहिए Airr News….

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