Controversial Statement by AAP MLA Rajendra Pal Gautam: BJP Alleges Insult to Hindu Religion
AAP विधायक राजेंद्र पाल गौतम का विवादित बयान: बीजेपी ने लगाया हिंदू धर्म के अपमान का आरोप
आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आम आदमी पार्टी के विधायक Rajendra Pal Gautam के ब्यान को भाजपा के नेताओ ने हिन्दू धर्म का अपमान बताया है।
आपको बता दे कि Rajendra Pal Gautam ने हरियाणा के सोनीपत में बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा था कि दलितों को मंदिर में जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मंदिर में जाने से दलितों की हत्या और अपमान होता है। उन्होंने दलितों को रविदास, महात्मा बुद्ध और अंबेडकर का सहारा लेने की सलाह दी।
इस बयान के बाद से ही बीजेपी ने उन पर हमला बोल दिया है। बीजेपी के नेता ने कहा कि ये बयान हिन्दू धर्म का अपमान है। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहा है, तो आम आदमी पार्टी के विधायक ने ऐसा बयान देकर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से राजेन्द्र पाल गौतम पर कार्यवाही करने की मांग की है।
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा है कि राजेन्द्र पाल गौतम का बयान उनकी व्यक्तिगत राय है। पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है। पार्टी ने कहा कि वो हिन्दू धर्म का सम्मान करती है और भगवान राम के मंदिर का निर्माण का समर्थन करती है।
गौरतलब है कि राजेन्द्र पाल गौतम अपने विवादित बयानों को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। जुलाई 2022 में उन्होंने दिल्ली के एक गांव में एक जनसभा में कहा था कि भगवान राम का मंदिर बनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि भगवान राम का मंदिर बनाने से देश की गरीबी और भ्रष्टाचार का समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि भगवान राम का मंदिर बनाने का विरोध करने वाले लोगों को गोली मार दी जाएगी। इस बयान के बाद भी बीजेपी ने उन पर तीखा हमला किया था। बीजेपी के नेता ने कहा था कि ये बयान भगवान राम के भक्तों का अपमान है। उन्होंने कहा था कि भगवान राम का मंदिर बनाना देश की आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी के विधायक ने भगवान राम के मंदिर का विरोध करके देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाला है। बीजेपी ने उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की थी।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी में जो ये मतभेद कहे या फिर राजनितिक खेल, लेकिन भारत में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। इस भेदभाव का एक रूप वो भी है जो आम आदमी पार्टी के विधायक ने बताया है ,”मंदिरों में प्रवेश पर रोक”।
आपको बता दे कि भारत में कई मंदिर ऐसे हैं जो दलितों को प्रवेश नहीं देते हैं। इन मंदिरों में प्रवेश करने की कोशिश करने पर दलितों को मारपीट, हत्या, या अन्य प्रकार के उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
हाल ही में, भारत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें दलितों को मंदिरों में प्रवेश करने पर मारपीट या हत्या कर दी गई है। उदाहरण के लिए, 2023 में, उत्तर प्रदेश के एक गांव में एक दलित युवक को मंदिर में प्रवेश करने पर कुछ लोगों ने पीटकर मार डाला। इसी तरह, 2022 में, मध्य प्रदेश के एक गांव में एक दलित परिवार को मंदिर में प्रवेश करने पर गांव वालों ने मारपीट कर भगा दिया।
इन अपराधों को रोकने के लिए भारत सरकार ने कई कानून बनाए हैं। इन कानूनों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारन अधिनियम, 1989 और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 शामिल हैं। इन कानूनों के तहत मंदिरों में प्रवेश पर रोक लगाने वालों को दंडित किया जा सकता है।
हालांकि, इन कानूनों के बावजूद, दलितों पर होने वाले अपराध जारी हैं। इसकी कई वजहें हैं। एक वजह यह है कि इन अपराधों के खिलाफ लोगों में जागरूकता का अभाव है। दूसरी वजह यह है कि पुलिस और न्याय प्रणाली इन मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है।
दलितों पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए सरकार को इन अपराधों के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। इसके साथ ही, पुलिस और न्याय प्रणाली को इन मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए।
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