कांग्रेस पार्टी ने Modi Government के पिछले 10 सालो की नीतियों और कार्यों को निशाना बनाते हुए एक ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया है, जिसमें उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार, किसानों की समस्या, महंगाई, भ्रष्टाचार और राज्यों के साथ भेदभाव जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा है। इसके जवाब में मोदी सरकार ने भी एक ‘व्हाइट पेपर’ पेश किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल की तुलना में अपनी उपलब्धियों और सुधारों का दावा किया है। इस विषय पर हम आपको विस्तार से बताएंगे कि इन दोनों पार्टियों के दावों में कितनी सच्चाई है, और इसका देश के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा। तो चलिए शुरू करते हैं।
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इसी साल के फरवरी महीने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की थी कि वे एक ‘व्हाइट पेपर’ जारी करेंगे, जिसमें वे कांग्रेस की UPA सरकार के 10 साल के शासनकाल में अर्थव्यवस्था की स्थिति को अपने 10 साल के शासनकाल के साथ तुलना करेंगे। उन्होंने कहा था कि उन्हें यह करना जरूरी है, क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें 2014 में एक बेहाल और बर्बाद अर्थव्यवस्था सौंपी थी, जिसे उन्होंने मुश्किल फैसलों और सुधारों के जरिए सुधारा है। इसके बाद कांग्रेस ने भी इसका जवाब देने का फैसला किया, और एक ‘ब्लैक पेपर’ तैयार किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार के पिछले 10 साल की नीतियों और कार्यों को निशाना बनाया।
इस ‘ब्लैक पेपर’ को कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया। इसमें उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार, किसानों की समस्या, महंगाई, भ्रष्टाचार और राज्यों के साथ भेदभाव जैसे मुद्दो पर मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ने देश की विकास दर को गिराया है, रोजगार के अवसरों को नष्ट किया है, किसानों को आत्महत्या के कगार पर ला दिया है, महंगाई को नियंत्रण से बाहर कर दिया है, भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है, और गैर-भाजपा राज्यों को वित्तीय सहायता से वंचित किया है। उन्होंने इस ‘ब्लैक पेपर’ में आंकड़ों और तथ्यों का सहारा लेकर अपने आरोपों को साबित करने की कोशिश की है।
इसके जवाब में मोदी सरकार ने भी एक ‘व्हाइट पेपर’ पेश किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल की तुलना में अपनी उपलब्धियों और सुधारों का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया है, रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं, किसानों को न्याय और सम्मान दिया है, महंगाई को कम किया है, भ्रष्टाचार को कम किया है, और सभी राज्यों को बराबरी का दर्जा दिया है। उन्होंने भी इस ‘व्हाइट पेपर’ में आंकड़ों और तथ्यों का सहारा लेकर अपने दावों को साबित करने की कोशिश की है।
इस प्रकार, दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपने आरोप और बचाव पेश किए हैं, जिससे एक तरफ तो देश की जनता को उनकी नीतियों और कार्यों का पता चलता है, लेकिन दूसरी तरफ यह भी एक राजनीतिक झगड़ा बन जाता है, जिसमें वास्तविक मुद्दे और समाधान छिप जाते हैं। इसलिए, हमें इन दोनों पेपरों को एक आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक दृष्टि से पढ़ना चाहिए, और अपने विचार और विकल्पों को स्वतंत्र रूप से बनाना चाहिए।
तो, यह था आज का हमारा विशेष कार्यक्रम, जिसमें हमने आपको कांग्रेस और मोदी सरकार के बीच चल रहे ‘ब्लैक पेपर’ और ‘व्हाइट पेपर’ के विवाद के बारे में बताया। हमें उम्मीद है कि आपको यह कार्यक्रम पसंद आया होगा, और आपको इस विषय पर कुछ नया और जानकारीपूर्ण सीखने को मिला होगा। अगर आपके पास इस विषय पर कोई सुझाव, प्रश्न या टिप्पणी है, तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। हम आपके विचारों को जानने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
अगले वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का हल निकलने की उम्मीद है, और इसका दोनों देशों के बीच के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है, जिसका हम आपको विस्तार से विश्लेषण करेंगे। तो इस वीडियो को देखने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें, और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।
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