जब से ताइवान बना है तब से ही उसकी आजादी चीन को खटक रही है…चीन कभी नहीं चाहता कि ताइवान आजादी से सांस ले सके…ऐसे में जब-जब ‘ताइवान की आजादी’ की बात होती है…चीन का पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है…एक बार फिर ऐसा ही हुआ है…चीनी सेना के-china on taiwan news
प्रवक्ता कर्नल वू ने कहा कि ताइवान के राष्ट्रपति का भाषण विदेशी ताकतों की मदद से ताइवान की आजादी को स्वीकार करना है…उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन ऐसी किसी भी हरकत का सख्ती से जवाब देने के लिए तैयार है…-china on taiwan news
ताइवान को लेकर चीन ने एक बार फिर अपना सख्त रुख दुनिया के सामने रखा है…चीनी सेना ने चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान की आजादी का मतलब सिर्फ जंग है…उन्होंने कहा कि ताइवान में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को वह बर्दाश्त नहीं करेंगे…वह इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए तैयार हैं…चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल वू-कियान ने बताया कि यूनिफिकेशन ऑफ चाइना इतिहास की ऐसी घटना है, जिसका होना निश्चित है, इसे टाला नहीं जा सकता…जिसका पहला मकसद है ताइवान का चीन में विलय…-china on taiwan news
दरअसल 20 मई को ताइवान में नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने पदभार संभाला…उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ताइवान की आजादी की बात कही…वहीं चीनी सेना के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति के इसी भाषण पर पलटवार करते हुए यूनिफिकेशन ऑफ चाइना की बात कही…बता दें कि लाई चिंग ते ने ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति साई इंग वेन की जगह ली है…यहां जनवरी में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें ताइवान की आजादी की समर्थक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने सत्ता हासिल की थी…जो चीन विरोधी है जिससे बीजिंग का लाल सुल्तान गुस्से में है…
वहीं चीन ताइवान के यूनिफिकेशन पर अड़ा है…दूसरी तरफ ताइवान की सत्ताधारी पार्टी डीपीपी का मानना है कि ताइवान एक संप्रभु राष्ट्र है…अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति लाई ने कहा कि चीन ताइवान को धमकाना बंद करे…उन्होंने मिलजुलकर शांति के साथ काम करने की बात कही…दूसरे शब्दों में कहें तो ताइवान ने चीन को साफ कर दिया कि अब वो तुम्हारी गीदड़ भभकी से नहीं डरने वाला…जिससे चीन बौखलाया हुआ है और अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है…
चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल वू ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण विदेशी ताकतों की मदद से ताइवान की आजादी को स्वीकार करना है…उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन ऐसी किसी भी हरकत का सख्ती से जवाब देने के लिए तैयार है. कर्नल ने कहा कि आजादी की मांग ताइवान के लिए बड़ा खतरा है. जानकारी के मुताबिक चीन की सेना ने लाई चिंग ते के शपथ ग्रहण के बाद तीन दिनों तक ताइवान की सीमा के आसपास युद्धाभ्यास किया था. इतनी ही नहीं अपनी आदत के मुताबिक, अपनी विस्तारवादी सोच को और पुख्ता करने के इरादे से करीब 12 चीनी युद्धपोत ताइवान की समुद्री सीमा में घुस गए जिसके बाद से ही ताइवान ने अपनी समुद्री सीमा को और मजबूत करते हुए मिसाइलों से लैस युद्धपोतों की तैनाती कर दी…
चीनी सेना ने चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान की आजादी का मतलब सिर्फ जंग है
क्या चीन गुस्से में ताइवान पर हमला कर सकता है
चीन और ताइवान के बीच इस तनानती का मुख्य कारण क्या हो सकता है?