चीन अपनी विस्तारवादी सोच से बाहर ही नहीं निकल पा रहा है…उसके देश में जनता भले ही रोटी, कपड़ा और मकान के लिए जान दे रही हो लेकिन चीन को सिर्फ और सिर्फ अपने विस्तार की पड़ी है…चीन की चालबाजी की एक और तस्वीर दुनिया के सामने आई है…चीन तेजी से Bhutan के उत्तरी इलाकों के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रहा है…सैटेलाइट इमेज से इसका खुलासा हुआ है…ये तस्वीरें ऐसे समय सामने आई हैं जब चीन और Bhutan सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं…-china in Bhutan latest news
Bhutan में लगातार कब्जा बढ़ा रहा चीन, शाही परिवार से जुड़ी जमीन पर बनाईं इमारतें और सड़कें -china in Bhutan latest news
चीन अपनी विस्तारवादी सोच से बाहर ही नहीं निकल पा रहा है…उसके देश में जनता भले ही रोटी, कपड़ा और मकान के लिए जान दे रही हो लेकिन चीन को सिर्फ और सिर्फ अपने विस्तार की पड़ी है…चीन की चालबाजी की एक और तस्वीर दुनिया के सामने आई है…चीन तेजी से Bhutan के उत्तरी इलाकों के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रहा है…सैटेलाइट इमेज से इसका खुलासा हुआ है…ये तस्वीरें ऐसे समय सामने आई हैं जब चीन और Bhutan सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं…
अमेरिका की मैक्सार टेक्नोलॉजी ने जो सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं उनमें बेयुल खेनपाजोंग में पिछले 3 सालों में हुए चीनी कंस्ट्रक्शन को दिखाया गया है…ये इलाका Bhutan के शाही परिवार से जुड़ा है…चीन ने यहां शाही परिवार से जुड़ी जमीनों पर इमारतें और सड़कें तैयार की हैं…चीन की तरफ से हो रही ये गतिविधियां उसकी महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती हैं…Bhutan के लिए बेयुल खेनपाजोंग सांस्कृतिक महत्व रखता है, यह जानते हुए भी चीन कंस्ट्रक्शन कर रहा है…वो जानता है कि Bhutan इस हरकत का जवाब नहीं दे सकता है…इसीलिए चीन मनमानी कर रहा है…
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शाही परिवार के पुरखों की धरोहर पहाड़ी इलाके तक फैली है…इन्हीं पर चीन कब्जा कर रहा है…इसके बावजूद Bhutan सरकार यहां चीन के कब्जे को रोकने में नाकाम रही है…Bhutan अपने क्षेत्र में चीनी घुसपैठ को हमेशा के लिए खत्म करने की कोशिश में चीन के साथ संबंध बढ़ा रहा है। दोनों देश सीमा निर्धारित करने पर बातचीत कर रहे हैं। अक्टूबर 2023 में Bhutan के विदेश मंत्री टांडी दोर्जी ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात की थी लेकिन बात बनती हुई नहीं दिख रही है…
Bhutan के विदेश मंत्री दोरजी के साथ मुलाकात में चीनी विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन सीमा विवाद सुलझाने को तैयार है… Bhutan के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग ने भी पिछले दिनों एक इंटरव्यू में चीन के डोकलाम की जमीन की अदला-बदली करने के प्रस्ताव का जिक्र किया था…चीन जाकरलुंग घाटी में अपने लोगों के रहने के लिए 129 बिल्डिंग्स बना रहा है…थोड़ी दूर पर 62 इमारतों का कंस्ट्रक्शन भी हो रहा है…इससे साफ होता है कि चीन, Bhutan में दो बड़े गांव बसा रहा है…यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के प्रोफेसर रॉबर्ट बार्नेट का कहना है कि चीन नॉर्थ Bhutan पर कब्जा करना चाहता है…आने वाले समय में नॉर्थ Bhutan की जाकरलुंग घाटी चीन के हाथों में जा सकती है…
2017 में चीन ने दक्षिण-पश्चिम में डोकलाम में रोड बनाने की कोशिश की थी…यहां उसकी भारतीय सैनिकों से झड़प भी हुई थी…दरअसल, डोकलाम में चीन, भारत और Bhutan तीनों देशों की सीमाएं लगती हैं…Bhutan की 600 किमी सीमा चीन से लगती है…दो इलाकों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है…पहला 269 वर्ग किलोमीटर में फैला डोकलाम इलाका और दूसरा उत्तर Bhutan में 495 वर्ग किलोमीटर का जकारलुंग और पासमलुंग घाटी का क्षेत्र…सबसे गंभीर मामला डोकलाम का है, जहां चीन, भारत और Bhutan तीनों देशों की सीमाएं लगती हैं…अक्टूबर 2021 में चीन और Bhutan ने ‘थ्री-स्टेप रोडमैप’ के समझौते पर दस्तखत किए थे…
क्या चीन ऐसा करके भारत पर दबाव बना सकता है?
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