China-European Union Summit: Discussion on Trade, War and Human Rights | AIRR News
China-European संघ शिखर सम्मेलन: व्यापार, युद्ध और मानवाधिकार पर चर्चा | एआईआरआर समाचार
“रशिया और यूक्रेन के युद्ध के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को बीजिंग में यूरोपीय संघ के नेताओं चार्ल्स मिशेल और उर्सुला वॉन डर लेयन से वार्ता की। इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच व्यापार, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और मानवाधिकार जैसे विवादित मुद्दों पर चर्चा हुई।”
हाल ही में China-European संघ के बीच 24 वी शिखर बैठक हुई ,जो 2019 के बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप से हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 2019 के बाद कोरोना की चपेट में पूरा विश्व आ चूका था तो उसके बाद अब जब हालत काबू में है तो इस बैठक का आयोजन संभव हो पाया। आपको बता दे की इस बैठक का उद्देश्य China-European संघ के बीच संबंधों की स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करना था।
चीन और यूरोपीय संघ दोनों ही वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, वैश्विक स्वास्थ्य और महामारी की तैयारी, ऋण माफी और मानवीय सहायता के लिए सहयोग करने में रुचि रखते हैं। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने एक और समान व्यापार और आर्थिक संबंध स्थापित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।
आपको बता दे की इस बैठक का मुख्य उद्देश्य चीन और यूरोपीय संघ के बीच दोनों पक्षों में व्यापार और आर्थिक संबंधों को सुधारने के लिए कुछ सहमतियां बनाईं जाए।
इस बातचीत में चीन और यूरोपीय संघ ने अपने बीच एक व्यापार समझौते को जल्द से जल्द प्रभावी बनाने की घोषणा की, जो कि साल 2020 में हुए समझौते के अंतर्गत साइन किए गए थे। इस समझौते का उद्देश्य चीन और यूरोपीय संघ के बीच निवेश के क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता, विश्वसनीयता और भावी मानकों को सुनिश्चित करना है।
भारत में जिस तरीके से चीनी उत्पादों कि भरमार है उससे यूरोपीय संघ भी अछूता नहीं है तो इस बैठक में चीन और यूरोपीय संघ के बीच इस व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए कदम उठाने का वादा किया, जो यूरोपीय संघ के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। चीन ने यूरोपीय संघ के उत्पादों और सेवाओं को अपने बाजार में अधिक प्रवेश देने का आश्वासन दिया, जबकि यूरोपीय संघ ने चीन के अनुदान, राज्य सहायता और अन्य असंतुलित कारकों को नियंत्रित करने के लिए अपने उपकरणों को मजबूत करने की बात कही।
चीन और यूरोपीय संघ ने अपने बीच एक वैश्विक व्यापार और आर्थिक संबंध स्थापित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई, जो विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप हो। दोनों पक्षों ने विश्व व्यापार संगठन के सुधार के लिए सहयोग करने का भी वादा किया।
इसके साथ ही, इस बैठक में कुछ ऐसे मुद्दे भी उठे, जिन पर चीन और यूरोपीय संघ के बीच मतभेद हैं। इनमें से एक है रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का मुद्दा, जिसमें चीन ने रूस का समर्थन किया है, जबकि यूरोपीय संघ ने रूस की आक्रामकता का विरोध किया है। यूरोपीय संघ ने चीन से अपील की है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य के रूप में नियमों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, संयुक्त राष्ट्र का चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करे, और रूस को अपने आक्रमण को रोकने और अपनी सेना को यूक्रेन से वापस लाने के लिए दबाव बनाए।
इसके अलावा, चीन और यूरोपीय संघ के बीच मानवाधिकार का मुद्दा भी एक गर्म मुद्दा रहा। यूरोपीय संघ ने चीन की तिब्बत, शिनजियांग और हांगकांग में अल्पसंख्यकों और मानवाधिकार रक्षकों के साथ हो रहे अत्याचार का विरोध किया, और चीन को अपने पूर्व के वायदों का पालन करने का आग्रह किया। चीन ने इस पर अपनी आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया, और यूरोपीय संघ को अपने मानवाधिकार की स्थिति पर आत्म-विश्लेषण करने की सलाह दी।
आपकी बता दे कि चीन और यूरोपीय संघ के बीच इस बैठक का एक और महत्वपूर्ण परिणाम था, कि इटली ने चीन की बेल्ट एंड रोड पहल से अपना नाम वापस ले लिया। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने इस पहल को चीन के राजनीतिक प्रभाव का एक साधन बताया, और कहा कि इसके आर्थिक लाभ रोम के लिए बहुत कम थे। इटली ने 2019 में इस पहल में शामिल होने का फैसला किया था, जो चीन के द्वारा विकसित और नेतृत्व की जाने वाली एक विशाल बहु-राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजना है।
इस बैठक के बाद, चीन और यूरोपीय संघ के बीच एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी किया गया, जिसमें दोनों पक्षों ने अपने सहयोग की भावना को जताया, और अपने बीच के मतभेदों को समाधान करने के लिए वार्ता करने का वादा किया।
यह थी चीन-यूरोपीय संघ शिखर बैठक के बारे में हमारी विशेष रिपोर्ट, जिसमें हमने आपको इस बैठक के प्रमुख तथ्यों और प्रभावों का वर्णन किया है। अगर आपको इस बैठक के बारे में और जानकारी चाहिए, तो आप हमें बिछे कमैंट्स बॉक्स में लिख सकते है।
धन्यवाद्
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