chin -ताइवान विवाद धीरे-धीरे जंग की तरफ बढ़ रहा है…एक चिंगारी बड़ा विस्फोट कर सकती हैं…एशिया में युद्ध के शोले भड़का सकती है…विश्वयुद्ध का दरवाजा खोल सकती है…नाटो की एंट्री करा सकती है…जिसे देखते हुए नाटो चीफ ने बढ़ी चेतावनी दे दी है…नाटो चीफ ने chin और ताइवान के बीच तनाव की तुलना यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग से कर दी है…उनका कहना है कि यूक्रेन में जो आज हो रहा है वही कल ताइवान में भी हो सकता है…जो पूरे एशिया में तनाव का कारण बनेगा…-“chin kyu bokhlaya???”
ताइवान की मदद के लिए नाटो आगे आया…चीन बौखलाया
चीन-ताइवान विवाद धीरे-धीरे जंग की तरफ बढ़ रहा है…एक चिंगारी बड़ा विस्फोट कर सकती हैं…एशिया में युद्ध के शोले भड़का सकती है…विश्वयुद्ध का दरवाजा खोल सकती है…नाटो की एंट्री करा सकती है…जिसे देखते हुए नाटो चीफ ने बढ़ी चेतावनी दे दी है…नाटो चीफ ने chin और ताइवान के बीच तनाव की तुलना यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग से कर दी है…उनका कहना है कि यूक्रेन में जो आज हो रहा है वही कल ताइवान में भी हो सकता है…जो पूरे एशिया में तनाव का कारण बनेगा…-“chin kyu bokhlaya???”
chin इस समय बौखलाया हुआ है, वजह है ताइवान…अमेरिका और ताइवान की नजदीकियां उसे परेशान कर रहीं हैं…ताइवान खुद को आजाद मुल्क बताता है तो चीन का कहना है कि वो उसका हिस्सा है…चीन, ताइवान के अस्तित्व को नकारता आया है…वो हर हाल में उसके एकीकरण का सपना देखता है, अपने में मिलाना चाहता है लेकिन ताइवान अपनी संप्रभुता के लिए सिर उठाए खड़ा है…जिसका साथ अमेरिका समेत नाटो देश भी दे रहे हैं…यही बात चीन के सीने में शूल की तरह चुभ रही है… -“chin kyu bokhlaya???”
ताइवान मुद्दे पर नाटो के बयान के बाद जिनपिंग फुल एक्शन मोड़ में है…जिनपिंग अच्छी तरह जानते हैं कि अब जितनी देर ताइवान पर हमला करने में होगी उतनी ही ताइवान सेना मजबूत होगी…यानि जितना वक्त अमेरिका और NATO को मिलेगा वो ताइवान में उतना ही बड़ा बारुद का पहाड़ खड़ा कर देगा…वहीं अमेरिका भी यूक्रेन से सबक लेकर ताइवान को तेजी से हथियार सप्लाई में जुटा है…लड़ाकू विमानों को अपग्रेड कर रहा है…स्टील्थ टेक्नोलॉजी वाले वॉरप्लेन दे रहा है…जिससे ताइवान चीन के हर हमले को आसमान में ही नाकाम कर सके…उसके वॉरशिप को समंदर में ही तबाह कर सके…
NATO के ताजा बयान के पीछे अमेरिकी प्लान बताया जा रहा है…अमेरिका अब तक अकेले ही चीनी फौज को ताइवान से दूर रखने में कामयाब रहा लेकिन जिनपिंग की आक्रामकता अब अमेरिका को भी डराने लगी है…पिछले 2 साल से अमेरिका यूक्रेन में फंसा है…अब वो यूक्रेन को भी हथियार देने की हालत में नहीं इसलिए अमेरिका ने NATO के जरिए चीन को डराने की कोशिश की है…ताइवान को अमेरिका सैन्य मदद मिलने से जिनपिंग बेहद परेशान है…दोनों देशों के बीच 11 से ज्यादा डिफेंस डील हो चुकी है लेकिन अमेरिका ताइवान को किश्तों में हथियार सप्लाई कर रहा है…इसलिए अब जिनपिंग जल्द से जल्द ताइवान पर कब्जे की फिराक में है…
ताइवान के चारों तरफ किसी अन्य देश की सीमा नहीं वो समुद्री द्वीप है जबकि chin के चारों तरफ कई देश हैं. इसलिए वो अपनी सेनाओं को सीमा के हर तरफ से हटाकर ताइवान के खिलाफ नहीं लगा सकता…यानी उसके पास भले ही सैन्य बल और हथियार ज्यादा हों लेकिन उसके ऊपर भी बाध्यताएं हैं…दूसरी तरफ ताइवान को अमेरिका जैसे देशों का सपोर्ट हासिल है…यानी चीन किसी भी तरह की हमलावर गतिविधि से पहले सोचेगा क्योंकि अमेरिका ने ताइवान की मदद करने के लिए अपनी बड़ी तैयारी कर ली है…