चीन पर America की धमकियों का कुछ ज्यादा असर नहीं हो रहा???

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America का ऐलान, ताइवानकीजासूसीचीनकोपड़सकतीहैभारी

ताइवान को लेकर चीन ने एक बार फिर बड़ा गेम कर दिया है…बीजिंग की इस गुस्ताखी ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है.. सवाल उठ रहे हैं.. क्या अमेरिका के रहते चीन.. ताइवान पर आक्रमण कर देगा.. उसपर कब्जा कर लेगा.. ताइवान में अपना झंडा गाड़ देगा…-chin – America dhmakiyo ka asar

 America का ऐलान, ताइवान की जासूसी चीन को पड़ सकती है भारी

ताइवान को लेकर चीन ने एक बार फिर बड़ा गेम कर दिया है…बीजिंग की इस गुस्ताखी ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है.. सवाल उठ रहे हैं.. क्या America के रहते चीन.. ताइवान पर आक्रमण कर देगा.. उसपर कब्जा कर लेगा.. ताइवान में अपना झंडा गाड़ देगा…-chin – America ki dhmakiyo ka asar

चीन ने अपने जासूसी जहाज के जरिए ताइवान के समुद्री इलाकों का नक्शा बनाया है…ये काम उसने तब किया जब दूसरे जासूसी जहाज से वो भारत और मालदीव के बीच निगरानी कर रहा था…ताइवान के समुद्री इलाकों के तलहटी का नक्शा बनाने के बाद अब ये चर्चा है इससे चीन और ताइवान के बीच फिर से छोटी जंग हो सकती है…चीन के नए हाईटेक रिसर्च शिप ताइवान के समुद्री इलाकों के चारों तरफ घूमकर समुद्री नक्शे बनाए थे..ये चीन का बेहद शातिराना कदम है जिसके जरिए वो ताइवान को चुनौती देना चाहता है…वो ये जानना चाहता है कि ताइवान के चारों तरफ समुद्री पर्यावरण कैसा है… चीन के इस जासूसी जहाज का मकसद मिलिट्री रिसर्च ही है…-chin – America ki dhmakiyo ka asar

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि पिछले साल के अंत के कुछ महीनों में चीन के जासूसी जहाज ने ताइवान के समुद्री तलहटी का नक्शा बनाया है…इस जहाज का नाम है झू हाई युन, जो एडवांस मॉनिटरिंग और सर्विलांस सिस्टम से लैस है…झू हाई युन के ड्रोन्स 160 किलोमीटर चारों तरफ, 4000 मीटर हवा में और 1500 मीटर की गहराई में जाकर समुद्री सतह का नक्शा बना सकते हैं…ये जहाज ड्यूल-यूज एप्लीकेशन चलता है…इसपर पानी के अंदर जाने वाली पनडुब्बियां हैं, साथ ही अंडर-सी ग्लाइडर्स हैं जो पानी की नीचे जाकर साइड स्कैन सोनार की तरह काम करती हैं…समंदर के अंदर बारूदी सुरंगों का पता लगा सकती है.. पनडुब्बियों का पता लगा सकती है.. हवा में उड़ने वाले ड्रोन्स आसपास के इलाकों और टारगेट एरिया की मार्किंग करते हैं.. 

वैसे ये बात किसी से छिपी नहीं है.. ताइवान और चीन के बीच का संबंध दुश्मनी से भरा है लेकिन एक्सपर्ट्स को लगता है…ताइवान की खाड़ी में फिर से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है…क्योंकि 2020 से लगातार चीन इस खाड़ी में अपनी हरकतों को बढ़ा रहा है…हाल ही में ताइवान पहुंचे अमेरिकी सांसदों ने ताइवान को भरोसा दिया है कि अमेरिका चीन के दबाव के सामने उसके साथ खड़ा है…साथ ही चेतावनी दी कि ताइवान के लोकतंत्र के खिलाफ आक्रामक रूप से आगे बढ़ना चीन को भारी पड़ सकता है…हालांकि ऐसा लगता है चीन पर अमेरिका की धमकियों का कुछ ज्यादा असर नहीं हो रहा…

इतना ही नहीं ताइवान ने एक बार फिर अपने सीमा क्षेत्र में चीन के 19 सैन्य विमान और नौसेना के 7 जहाजों को डिटेक्ट किया है…दावे के अनुसार चीन के 12 विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया…चीन की इस कार्रवाई के बाद ताइवान ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए विमान और नौसैनिक जहाज भेजे और वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली तैनात की…ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फरवरी में अब तक ताइवान ने 253 बार चीनी सैन्य विमानों और 150 बार नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है…चीन की ये हिमाकत ये बताने के लिए काफी है.. उसके इरादे कितने जंगी.. कितने बारूदी हैं और आने वाले वक्त में वो ताइवान में तांडव मचा सकता है…

क्या चीन ताइवान पर जल्द हमला कर सकता है? 

ताइवान के आसपास जासूसी के पीछे चीन का असल मकसद क्या है?

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