Summary: झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन और उनके बेटे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं. लेकिन, एक अपमान से नाराज होकर उन्होंने इतना बड़ा फैसला ले लिया.-Champai Soren Joins BJP
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के भीतर बढ़ते तनाव के बीच नई राजनीतिक पार्टी बनाने के अपने फैसले का ऐलान कर दिया है। जिस पार्टी को चंपई सोरेन ने अपने राजनीतिक जीवन का अधिकांश हिस्सा समर्पित किया है। आने वाले विधानसभा चुनाव में अब उसके ही खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे। चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाए जाने की घोषणा करने के बाद कहा कि गठबंधन के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। -Champai Soren Joins BJP
क्या BJP के साथ अलायंस करके मैदान में उतरेंगे चंपई?
नई पार्टी बनाने के बाद आने वाले विधानसभा चुनावों में चंपई सोरेन क्या भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरेंगे?, क्योंकि JMM के साथ गठबंधन करके ही चुनाव लड़ना होता, तो उन्हें नई पार्टी बनाने की नौबत ही क्यों आती? यदि नई पार्टी बनाने के बाद वे भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ते हैं और उनके अलायंस को बहुमत मिल जाता है तो भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री तो बनाएगी नहीं। उनको मंत्री ही बनना पड़ेगा। ऐसे में मंत्री तो वे इस सरकार में भी थे, लेकिन असल सवाल यह है कि चंपई सोरेन ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, क्या मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर वे नाराज चल रहे थे? -Champai Soren Joins BJP
नई पार्टी के सामने आने वाली समस्याओं से निजात पाने का प्लान
नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद जब संवाददाताओं ने उनसे सवाल किया कि राज्य में चुनावों के ऐलान में अब बहुत कम समय बचा है. ऐसे में आपकी नई पार्टी को कितनी तवज्जो मिलेगी. तमाम तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ेगा, तो सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि यह आपकी समस्या नहीं है. इसका यह मतलब निकाला जा रहा है कि उन्हें अपनी पार्टी को लेकर चिंता नहीं है, बल्कि वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि उन्हें भाजपा का भरपूर साथ मिलेगा.
नई पार्टी को लेकर बताई रणनीति
चंपई सोरेन ने कहा कि जब एक दिन में 30,000-40,000 कार्यकर्ता आ सकते हैं, तो मुझे एक नई पार्टी बनाने में क्या समस्या होगी? उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि पार्टी एक सप्ताह के भीतर बन जाएगी।
अपमान किए जाने के बाद JMM से नाराज हुए चंपई
चंपई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने अपमान के बाद एक नया राजनीतिक दल बनाने का फैसला किया है। इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले, सोरेन ने JMM नेतृत्व के प्रति अपने असंतोष का संकेत दिया था, खासकर तब जब पार्टी नेताओं ने उनकी जानकारी के बिना उनके सरकारी कार्यक्रमों को अचानक कैंसिल कर दिया था।
सोशल मीडिया पर लिखे स्वाभिमान पर ठेस पहुंचने के बात
चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट में कहा, “इतने अपमान के बाद, मुझे वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि वे चुप रहे क्योंकि उन्हें सत्ता का लालच नहीं था, लेकिन उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची थी।
एक्स पर पोस्ट कर बताए तीन विकल्प
चंपई सोरेन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला राजनीति से संन्यास लेना, दूसरा अलग पार्टी बनाना और तीसरा, अगर कोई सहयोगी मिल जाए तो उसके साथ मिलकर काम करना। उस दिन से लेकर आज तक और आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक, इस यात्रा में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।”
BJP में शामिल होने की अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचे चंपई
भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच चंपई सोरेन बीते हफ्ते दिल्ली पहुंचे। हालांकि, झारखंड भाजपा राज्य इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने इस बात से साफ इनकार किया कि उनके संभावित कदम के बारे में अभी तक हमारी कोई चर्चा नहीं हुई है। बाबूलाल मरांडी ने उनकी दुखती रग पर जरूर हाथ रखने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि वह एक अनुभवी राजनेता हैं और अलग झारखंड आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। वह खुद अपना रास्ता तय करेंगे।
शिबू सोरेन के करीबी रहे चंपई सोरेन
चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन दोनों के भरोसेमंद साथ रहे हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री बनने के पूर्व हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में परिवहन और खाद्य व आपूर्ति विभाग के मंत्री थे. चंपई सोरेन झारखंड राज्य गठन के आंदोलन में शिबू सोरेन के काफी नजदीक रहे.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
JMM के सर्वेसर्वा रहे शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन के इतने करीब रहने वाले चंपई सोरेन के साथ ऐसा क्या हुआ कि वे एक नए राजनीतिक दल के गठन तक उतर गए। झारखंड की राजनीति को पर गहरी पकड़ रखने वाले ‘वरिष्ठ पत्रकार आनंद देव’ का कहना है कि चंपई की पहचान सोरेन परिवार के भरोसेमंद सहयोगी के तौर पर रही है। इसीलिए हेमंत सोरेन जब जेल जाने लगे तो उन्हें ही कार्यभार सौंपकर गए। लेकिन जमानत मिलने के बाद जब वापस आए तो उन्हें हटाकर फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। यह काम बहुत जल्दी-जल्दी में किया गया. यहां तक पहले से कार्यक्रम बतौरी मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के तय किए गए थे। उसको कैंसिल कर दिया गया। यही बात चंपई सोरेन के गले नहीं उतरी और वे बगावती मूड में आ गए। इसके अलावा, चंपई अपने बेटे को भी राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। इसलिए उनको मौका मिला तो भाजपा के इशारे पर काम करने लगे। अब उन्हें लगता है कि राज्य में वे नई पार्टी बनाकर भाजपा के साथ गठबंधन करके स्वयं और अपने बेटे को टिकट देकर जीत जाएंगे। लेकिन JMM के साथ रहने पर उन्हें जो आदर और सम्मान मिलता था, वह भाजपा के साथ रहने पर मिलेगा। यह एक बड़ा सवाल बना रहेगा। हां, आज की राजनीति का सच यह है कि सभी नेता अपने बेटे-बेटियों को सेट करने में लगे हैं तो चंपई सोरेन भी शायद इसमें कामयाब हो सकते हैं।
2 फरवरी 2024 को बने झारखंड के सीएम
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे और उसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। हालांकि, हेमंत सोरेन के जेल से रिहा होने और 3 जुलाई को झामुमो के विधायक दल के नेता के रूप में फिर से चुने जाने के बाद उनका कार्यकाल छोटा हो गया, जिसके कारण चंपई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा।
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