स्वाद के चक्कर में कैंसर को ना दें दावत-cancer for taste news
हम रोजमर्रा की ज़िदगी में अनजाने में ही सही अक्सर ऐसी आदतें पाल लेते हैं जो कहीं ना कहीं जानलेवा साबित होती हैं…वैसे तो पूरे देश में खाया जाता है पोहा लेकिन मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा चलन में है…पोहे के साथ जलेबी का कॉंबिनेशन यहीं देखने को मिलता है…हर नुक्कड़ और चौराहे पर ये मिल जाता है…ज्यादातर दुकानदार अखबार के एक टुकड़े पर एक कोने में पोहा रख देते हैं और दूसरे कोने में जबेली रखकर ग्राहकों के हाथ पर रख देते हैं जो बड़े ही चाव के साथ खाते हैं…आप सोच रहे होंगे कि इसमें जानलेवा क्या है तो हम आज अपने इस वीडियो में इसी का खुलासा करेंगे…-cancer for taste news
ये बात ठीक है कि अखबार में खाने से पोहा और जलेबी के स्वाद में तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन शायद आप ये नहीं जानते कि ये पोहा जलेबी अखबार में लपेटे जाने की वजह से कितना खतरनाक हो जाता है…अखबार की स्याही आपके उसी पोहे में लग जाती है और फिर आपके अंदर पहुंचती है….उस वक्त बेशक कुछ भी पता नहीं चलता, लेकिन ये स्याही इतनी खतरनाक होती है कि कई बार जानलेवा भी साबित हो जाती है…क्योंकि ये स्याही जिस केमिकल से बनती है वो इंसानी शरीर के लिए ज़हर ही होता है-cancer for taste news
अखबार की छपाई कई तरह के खतरनाक केमिकल्स आइसो ब्यूटाइल फटालेट, डाओन आईसोब्यू टायलेट से तैयार होती है…इसके अलावा स्याही में रंगों के लिए भी कई केमिकल मिलाए जाते हैं…एक्सपर्ट्स के मुताबिक अखबार की स्याही शरीर में लीवर कैंसर को सीधे तौर पर दावत देती है…ये एक स्लो पॉइजन है…कैंसर के अलावा इसका बच्चों के दिमाग पर भी सीधा असर पड़ता है…यानि ये हर तरह से खतरनाक होता है…
ना सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि देश ज्यादातर हिस्सों में खाने का सामान अखबार में लपेटकर देने का चलन है…दुकानदारों की इससे कॉस्ट कटिंग होती है…वो प्लेट पर पैसा खर्च नहीं करना चाहते…पोहा हो, परांठे हो या फिर जलेबी गर्म चीजों की बड़ी ही आसानी से न्यूजपेपर में लपेट दिया जाता है…मध्यप्रदेश में पुलिस और खाद्य विभाग कई बार इसके खिलाफ मुहिम भी चला चुके हैं…अखबारों में पोहा और जलेबी बेचना बैन भी किया जा चुका है…यहां तक कि स्ट्रीट वेंडर से अखबार में पोहा जलेबी न बेचने के शपथ पत्र भी लिए जा चुके हैं लेकिन हालात जस के तस हैं…स्ट्रीट वेंडर्स के पास इतनी ज्यादा डिमांड होती है कि ना तो उन्हें और ना ही इसे खाने वालों को कोई फर्क पड़ता है…
लोग स्वाद के चक्कर में अपनी ही जान से खिलवाड़ करने लगते हैं और इसका फायदा ऐसे वेंडर्स उठाते हैं। पुलिस की मुहिम जब चलती है उस दौरान कुछ दिन पेपर प्लेट्स में ये पोहा दे दिया जाता है, लेकिन उसके बाद फिर वही अखबार के टुकड़े में इसे लोगों को परोसा जाता है और लोग भी जमकर इसका लुत्फ उठाते हैं…लेकिन आप अब सावधान हो जाइए नहीं तो आप किसी बड़ी बीमारी को न्योता दे बैठेंगे…-cancer for taste news
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