क्या उपचुनावों में सपा के PDA को कमजोर कर पाएगी BJP, अखिलेश के फॉर्मूले को इस तरह से चुनौती देने का तैयार किया प्लान

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"BJP's plan ready to challenge SP's PDA in by-elections"
"BJP's plan ready to challenge SP's PDA in by-elections"

उपचुनाव में सपा के PDA को कमजोर कर पाएगी BJP? :भाजपा (BJP) की चुनावी रणनीति इस बार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के PDA को कमजोर करने पर केंद्रित है। पार्टी ने अपने प्रत्याशियों में अलग-अलग जातियों का संतुलन रखते हुए पिछड़े वर्ग, ब्राह्मण और ठाकुर बिरादरी को शामिल किया है। भाजपा (BJP) ने अपनों को प्राथमिकता दी है, जो पिछले चुनावों में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने का प्रयास है। सपा के राजनीतिक परिवारों के प्रत्याशियों के मुकाबले भाजपा (BJP) ने कैडर पर जोर दिया है, जिससे वह परिवारवाद के मुद्दे पर सपा को घेरने की योजना बना रही है। ठाकुरों और निषाद समाज को साधने के प्रयास के साथ, भाजपा (BJP) ने सहयोगी दलों को भी संदेश दिया है कि वह अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। कुल मिलाकर, भाजपा (BJP) की यह रणनीति चुनावी मैदान में अपनी ताकत साबित करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

भाजपा (BJP) ने आगामी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) गठबंधन को कमजोर करने की ठोस योजना बनाई है। पार्टी ने 9 प्रत्याशियों की एक सूची जारी की है, जिसमें अलग-अलग जातियों के उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। इस रणनीति का उद्देश्य न केवल वोटों को अपने पक्ष में करना है, बल्कि सपा की स्थिति को भी कमजोर करना है।

उम्मीदवारों के चयन में जातीय संतुलन

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भाजपा (BJP) ने अपनी प्रत्याशी सूची में पिछड़ी जातियों के साथ-साथ ब्राह्मण और ठाकुर बिरादरी के उम्मीदवारों को शामिल किया है। 9 सीटों में से 5 पर पिछड़े, 2 पर ब्राह्मण और 1-1 पर ठाकुर और दलित उम्मीदवार रखे गए हैं। यह चुनावी चयन सपा के PDA को टारगेट करते हुए किया गया है, ताकि भाजपा (BJP) का वोट बैंक बढ़ सके।

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पिछड़े वर्ग पर फोकस

उपचुनाव में सपा के PDA को कमजोर कर पाएगी BJP? :भाजपा (BJP) ने पिछड़े वर्ग के अलग-अलग जातियों को ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवारों का चयन किया है। करहल सीट पर सैफई के यादव परिवार के दामाद अनुजेश यादव को उतारा गया है। यह सीट यादव बहुल है और इस चयन से भाजपा (BJP) ने यादव समुदाय को एक स्पष्ट संदेश दिया है। जानकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान कई पिछड़ी जातियों ने सपा का दामन थाम लिया था, और भाजपा (BJP) ने उन्हें अपनी ओर लाने का प्रयास किया है।

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ब्राह्मणों का महत्व

कानपुर की सीसामऊ सीट पर भाजपा (BJP) ने पूर्व प्रदेश मंत्री सुरेश अवस्थी को प्रत्याशी बनाया है। इस क्षेत्र में ब्राह्मण, मुस्लिम, दलित और वैश्य मतदाता बड़ी संख्या में हैं। भाजपा (BJP) ने इस बार ब्राह्मण समुदाय को साधने के लिए सुरेश अवस्थी का चयन किया है। यह कदम सपा की ब्राह्मण विरोधी छवि को तोड़ने की कोशिश भी है।

सहयोगी दलों को संदेश

भाजपा (BJP) ने उपचुनाव में निषाद पार्टी को नजरअंदाज कर अपने सहयोगी दलों, जैसे अपना दल (एस) और रालोद, को भी एक संदेश दिया है। पार्टी ने दिखाया है कि वह अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है, जिससे सहयोगी दलों की स्थिति को चुनौती मिलती है।

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परिवारवाद बनाम कैडर

भाजपा (BJP) ने अपने प्रत्याशियों के चयन में कैडर को महत्व दिया है, जबकि सपा ने राजनीतिक परिवारों से प्रत्याशी चुने हैं। सपा ने 9 में से 6 प्रत्याशी राजनीतिक परिवारों से रखे हैं। उदाहरण के लिए, करहल से अखिलेश यादव ने अपने भतीजे को टिकट दिया है, जबकि भाजपा (BJP) ने अपने कैडर के लोगों को प्राथमिकता दी है।

भाजपा (BJP) के इस कदम से वह सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाने की तैयारी कर रही है, जिससे सपा की राजनीतिक स्थिति को कमजोर किया जा सके।

धैर्य रखने वाले कार्यकर्ताओं को दिया मौका

भाजपा (BJP) ने उन कार्यकर्ताओं को भी मौका दिया है, जिन्होंने पिछले चुनावों में धैर्य रखा। जैसे दीपक पटेल और सुचिस्मिता मौर्य, जिन्होंने पार्टी के लिए लगातार काम किया, उन्हें इस बार टिकट दिया गया है। यह पार्टी की ओर से उन कार्यकर्ताओं के प्रति एक सकारात्मक संकेत है जो पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

ठाकुरों को साधने का प्रयास

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठाकुरों की नाराजगी के चलते भाजपा (BJP) ने कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। यह कदम ठाकुर समुदाय को संतुष्ट करने का प्रयास है, जो पिछले चुनाव में पार्टी से नाराज था।

निषाद समाज का ध्यान

कटेहरी सीट पर भाजपा (BJP) ने धर्मराज निषाद को उम्मीदवार बनाकर निषाद समाज को साधने का प्रयास किया है। यह क्षेत्र कुर्मी और निषाद मतदाताओं की संख्या के लिए जाना जाता है। भाजपा (BJP) ने निषाद पार्टी को दरकिनार करते हुए यह संदेश दिया है कि पार्टी का इरादा स्पष्ट है—वोटों के लिए सभी प्रमुख जातियों को ध्यान में रखना।

भाजपा (BJP) की मजबूत योजना

भाजपा (BJP) ने उपचुनाव में एक मजबूत और संतुलित रणनीति तैयार की है। पार्टी का उद्देश्य न केवल सपा के PDA को कमजोर करना है, बल्कि विभिन्न जातियों के बीच संतुलन बनाना भी है। भाजपा (BJP) ने अपनों को प्राथमिकता देकर और कार्यकर्ताओं को सम्मान देकर एक नई दिशा में कदम रखा है।

गौरतलब है कि भाजपा (BJP) की यह योजना सपा के प्रभाव को कम करने के लिए बनाई गई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह रणनीति चुनाव में सफल होती है। सभी की नजरें इन उपचुनावों पर होंगी, जहां भाजपा (BJP) ने अपनी ताकत को दिखाने के लिए पूरी तैयारी की है।

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