BJP’s Opposition: Against the Name Change to Tipu Sultan Airport

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BJP’s Opposition: Against the Name Change to Tipu Sultan Airport

भाजपा का विरोध: टीपू सुल्तान हवाई अड्डे का नाम बदलने के खिलाफ

क्या आपने सोचा है कि एक हवाई अड्डे का नाम बदलने से इतना बवाल मच सकता है? जी हां, दर्शकों, हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के मंडकल्ली हवाई अड्डे के नाम बदलने की, जिसे अब Tipu Sultan Airport कहा जाएगा। 

टीपू सुल्तान, जिन्हें मैसूर का बाघ कहा जाता है, और जिन्होंने 1782 से 1799 तक मैसूर की सत्ता संभाली थी, उनके नाम पर यह हवाई अड्डा नामित किया जा रहा है। लेकिन क्या यह फैसला सभी के लिए स्वीकार्य है? क्या यह फैसला नया विवाद उत्पन्न कर सकता है? 

आपको बता दे कि कर्नाटक के एक कांग्रेस विधायक ने मंडकल्ली हवाई अड्डे का नाम बदलकर टीपू सुल्तान हवाई अड्डा करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे विपक्षी भाजपा ने विरोध किया है। टीपू सुल्तान को मैसूर का बाघ कहा जाता है, जो 1782 से 1799 तक मैसूर का शासक था।

कांग्रेस विधायक प्रसाद अब्बय्या ने विधानसभा में हवाई अड्डों के नाम बदलने के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि उनका प्रस्ताव है कि मैसूर हवाई अड्डे का नाम टीपू सुल्तान हवाई अड्डा किया जाए। 

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके हुब्बल्ली हवाई अड्डे का नाम संगोल्ली रायन्ना हवाई अड्डा करना चाहते हैं, बेलगावी हवाई अड्डे का नाम कित्तूर रानी चेन्नम्मा हवाई अड्डा, शिवमोग्गा हवाई अड्डे का नाम राष्ट्रकवि कुवेंपु हवाई अड्डा और विजापुर हवाई अड्डे का नाम जगज्योति बसवन्ना हवाई अड्डा करना चाहते हैं।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि विधानसभा में सभी ने इन नामों का प्रस्ताव किया है, और हमारे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और हमारे मंत्री एमबी पटेल इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और केंद्र सरकार को सिफारिशें भेज रहे हैं, और मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं।

अब्बय्या के बयान पर विपक्षी दल भाजपा ने विरोध करते हुए कहा कि टीपू सुल्तान एक निरंकुश शासक था , जिसने हिंदुओं को जबरन इस्लाम में धर्मांतरण कराया और ईसाईयों का उत्पीड़न किया था। विपक्षी नेता टीपू सुल्तान को एक क्रूर और धर्मांध शासक मानते हैं, जिसने हिंदुओं और ईसाईयों के ऊपर अत्याचार किया था।    वे कहते हैं कि टीपू सुल्तान ने अपने शत्रुओं को निर्ममता से मारा, उनकी औरतों और बच्चों को अपहरण किया, और उन्हें जबरन इस्लाम में धर्मांतरण कराया था। वे कहते हैं कि टीपू सुल्तान ने मंदिरों और चर्चों को तोड़ा, और उनकी मूर्तियों और पवित्र पुस्तकों का अपमान किया था।   

आपको बता दे कि टीपू सुल्तान के बारे में विवाद 2016 में शुरू हुआ था, जब सिद्धारमैया की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उनका जन्मदिन 10 नवंबर को मनाना शुरू किया था।क्योंकि वे टीपू सुल्तान को एक देशभक्त और योद्धा मानते हैं, जिसने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वे कहते हैं कि टीपू सुल्तान ने मैसूर को आधुनिक बनाने के लिए कई सुधार किए थे, जैसे कि सिलाई मशीन, राकेट, बंदूक, और टाकसाल का उपयोग।    वे कहते हैं कि टीपू सुल्तान ने अलग-अलग धर्मों के लोगों को समानता और सहिष्णुता का संदेश दिया था, और उन्हें अपनी सेना में शामिल किया था।   

तब से टीपू सुल्तान कर्नाटक और पड़ोसी महाराष्ट्र में विभिन्न अवसरों पर बहस का विषय रहे हैं।

इस साल जून में, कुछ हिंदू संगठनों ने टीपू सुल्तान और मुगल सम्राट औरंगजेब के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट पर हिंसक प्रदर्शन किए थे।

वैसे कर्नाटक सरकार अन्य स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य प्रतीकों के नाम पर अन्य हवाई अड्डों का नाम बदलने की योजना बना रही है।

आपको बता दे कि इस प्रस्ताव को लेकर विभिन्न दलों के बीच मतभेद हैं। 

धन्यवाद्।

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