अयोध्या और बद्रीनाथ में हार के बाद BJP ने केदारनाथ उपचुनाव में बदली रणनीति, जानिए BJP क्यों नहीं करना चाहती है कोई चूक?

HomeBlogअयोध्या और बद्रीनाथ में हार के बाद BJP ने केदारनाथ उपचुनाव में...

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

अयोध्या-बद्रीनाथ में BJP की हार केदारनाथ उपचुनाव में BJP की नई रणनीति :केदारनाथ उपचुनाव BJP और कांग्रेस के लिए एक बड़ा अवसर है। BJP, जो हाल के चुनावों में आयोध्या और बद्रीनाथ में हार चुकी है, अब केदारनाथ सीट पर जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। विकास योजनाओं की घोषणाएं और सहानुभूति वोटों की रणनीति से पार्टी अपने जनाधार को मजबूत करना चाहती है। वहीं, कांग्रेस ने हाल की जीत से उत्साहित होकर सक्रियता बढ़ाई है। पार्टी का मानना है कि BJP की विकास संबंधी वादों का कोई वास्तविक आधार नहीं है, और वे मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए तैयार हैं। इस चुनाव में वोटर की भावनाएं और स्थानीय मुद्दे महत्वपूर्ण रहेंगे। चुनावी परिदृश्य में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी अपने वादों को पूरा कर पाती है और कौन सा पक्ष वोटरों का विश्वास जीतता है?

आयोध्या और बद्रीनाथ में चुनावी हार के बाद, BJP केदारनाथ में जीत हासिल करने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर रही है। केदारनाथ विधानसभा सीट, जो BJP की विधायक शैला रानी रावत की मृत्यु के कारण खाली हुई है, 20 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी। इस बार चुनाव में BJP के लिए जीत बहुत जरूरी है।

हाल की हार का संदर्भ

BJP को हाल ही में आयोध्या में एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा है, साथ ही बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव में भी उसे निराशा मिली। ये हार पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गई है, खासकर उन सीटों पर जो प्रमुख धार्मिक स्थलों से जुड़ी हैं। केदारनाथ, जहां भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है, BJP के लिए महत्वपूर्ण सीट है। Airr News

विकास के वादे और योजनाएं

BJP की रणनीति का पहला कदम है, विकास कार्यों की बड़ी घोषणाएं करना। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वे नए विधायक के चुनाव तक केदारनाथ के लिए विधायक के रूप में काम करेंगे। इससे उन्हें स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी।

अक्टूबर की शुरुआत में, मुख्यमंत्री धामी ने रुद्रप्रयाग में 141 विकास परियोजनाओं की नींव रखी। इसके बाद उन्होंने केदारनाथ और आसपास के क्षेत्रों में 14 और विकास परियोजनाओं की घोषणा की। ये सभी घोषणाएं समय पर की गई हैं, ताकि यह दिखाया जा सके कि BJP विकास पर ध्यान दे रही है। Airr News

6 अक्टूबर को, मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग के पुनर्विकास के लिए 48.36 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह कार्य प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान को ठीक करने के लिए है। इसके अलावा, उपचुनाव की तारीख की घोषणा से कुछ घंटे पहले, विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए 13.89 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई।

पार्टी संसाधनों का उपयोग

अयोध्या-बद्रीनाथ में BJP की हार केदारनाथ उपचुनाव के लिए BJP की नई रणनीति :BJP अपनी पार्टी के संसाधनों का उपयोग कर रही है, ताकि मजबूत अभियान सुनिश्चित किया जा सके। मंत्रियों जैसे सतपाल महाराज, सौरभ बहुगुणा, गणेश जोशी और रेखा आर्य ने पहले ही केदारनाथ का दौरा किया है। यह सक्रियता दिखाती है कि पार्टी चुनाव में जीतने के लिए गंभीर है।

सहानुभूति मतों की रणनीति

BJP सहानुभूति मतों को भी जुटाने की कोशिश कर रही है। पार्टी शैला रानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत को टिकट देने पर विचार कर रही है। यह कदम वोटरों के दिल को छूने के लिए है। हालांकि, टिकट के लिए अन्य लोग भी दावेदारी कर रहे हैं, जैसे कि महिला मोर्चा की अध्यक्ष आशा नौतियाल और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पिछली दो बार दूसरे स्थान पर रहने वाले कुलदीप सिंह। Airr News

कांग्रेस की बढ़ती ताकत

कांग्रेस पार्टी हाल की उपचुनाव जीत के बाद उत्साहित है। पार्टी ने हर मतदान केंद्र पर 21 से 51 कार्यकर्ताओं को तैनात किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पार्टी के कार्यकर्ता सही तरीके से वोटरों के साथ संपर्क करें, यह बहुत महत्वपूर्ण है।

कांग्रेस ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व विधायक मनोज रावत को टिकट के लिए मजबूत दावेदार के रूप में पेश किया है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस BJP की ताकत को चुनौती देने के लिए तैयार है। Airr News

BJP की रणनीति पर आलोचना

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, कांग्रेस BJP की आलोचना करने से पीछे नहीं हट रही है। AICC के सोशल मीडिया राष्ट्रीय समन्वयक अमरजीत सिंह ने कहा कि BJP के पास अपने कामों को दिखाने के लिए कोई ठोस उपलब्धियां नहीं हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि BJP केदारनाथ में हार का सामना करेगी। Airr News

गौरतलब है कि जैसे-जैसे उपचुनाव का दिन नजदीक आ रहा है, केदारनाथ BJP और कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाई बनता जा रहा है। BJP की रणनीति विकास वादों, सहानुभूति के अपील और सक्रिय अभियान पर आधारित है, जबकि कांग्रेस अपनी हाल की जीत और कार्यकर्ताओं की तैनाती पर जोर दे रही है। केदारनाथ उपचुनाव का परिणाम दोनों पार्टियों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे यह चुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण टेस्ट बन जाता है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER.

Never miss out on the latest news.

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

RATE NOW
wpChatIcon
wpChatIcon