bjp-Sikkim elections will fight alone
BJP ने SKM के साथ गठबंधन खत्म किया
विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा उलटफेर
सीट बंटवारे पर दिल्ली में हुई थी बड़ी बैठक
प्रदेश में SKM की है सरकार
भारतीय जनता पार्टी ने Sikkim में एसकेएम के साथ अपना गठबंधन खत्म करने का ऐलान किया है. अब दोनों पार्टियां लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अकेले मैदान में उतरेंगी. हालांकि चुनाव के बाद होने वाले गठबंधन पर दोनों तरफ से कोई नाकारात्मक बात नहीं कही गई है. भारतीय जनता पार्टी ने 23 मार्च को सत्तारूढ़ Sikkim क्रांतिकारी मोर्चा के साथ अपना गठबंधन खत्म कर लिया और अकेले लोकसभा-विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दूसरी तरफ, एसकेएम ने 2019 की तरह चुनाव के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया. -bjp-Sikkim elections will fight alone
आगामी चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान राज्य बीजेपी अध्यक्ष डी आर थापा ने किया, जो एसकेएम के साथ सीट बंटवारे पर दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ मीटिंग में हिस्सा लेने के बाद Sikkim लौटे… राज्य वापस लौटने पर रंगपो में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए थापा ने कहा कि एसकेएम के साथ गठबंधन खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतंत्र कार्रवाई और Sikkim के विकास के लिए केंद्रित प्रतिबद्धता का एक नया युग शुरू हो गया है.
गठबंधन का विघटन राज्य के लोगों के हितों की सेवा करने का एक बड़ा मौका है. .. वहीं डी आर थापा ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि स्टेट यूनिट प्रदेश की सभी 32 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने आगे कहा कि पिछले चुनाव में हमने बीजेपी के साथ चुनाव से पहले गठबंधन नहीं किया था, लेकिन चुनाव के बाद गठबंधन किया.
देश और राज्य के हित में गठबंधन से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने के फैसले पर आगे बढ़ने के लिए बीजेपी को बधाई भी दी…सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे पर एसकेएम और बीजेपी के बीच बातचीत तब टूटी, जब मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बीजेपी के साथ चुनाव से गठबंधन करने से इनकार कर दिया. बीजेपी और एसकेएम दोनों अगले कुछ दिनों के अंदर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट का ऐलान कर सकते हैं…
दोनों पार्टियों ने 2019 का लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था, जिसमें एसकेएम ने 17 सीटें जीती थीं और सरकार बनाई थी. दूसरी तरफ, बीजेपी को दो फीसदी से भी कम वोट मिले. एसडीएफ से दलबदल के बाद बीजेपी के विधायकों की संख्या अचानक 10 हो जाने के बाद दोनों पार्टियों ने चुनाव बाद गठबंधन किया…एसडीएफ के दो विधायक भी एसकेएम में शामिल हो गए, जिससे उसकी संख्या 19 हो गई.
इसके बाद बीजेपी ने दो विधानसभा उपचुनाव लड़े, दोनों में जीत हासिल कर अपनी सीटें 12 तक बढ़ा लीं. Sikkim में अपना विस्तार करते हुए, बीजेपी के उम्मीदवार डीटी लेप्चा ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट भी जीत ली.. आपको बता दें कि एसकेएम के सदन में 17 सदस्य हैं. विपक्षी Sikkimडेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) से अलग होने के बाद बीजेपी ने 14 विधायकों को अपने साथ नहीं जोड़ा था, जिसके पास अब एकमात्र विधायक बचा है..
एसकेएम ने 2019 के राज्य चुनाव में एसडीएफ सुप्रीमो पवन चामलिंग के 25 साल पुराने शासन को हराया था.. एसडीएफ से भाजपा में दलबदल उस साल आम चुनाव के बाद हुआ था.. इसी तरह की और खबरों और इसकी अपडेट के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ..