इससे पहले 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो लगातार तीन बार के सांसद राहुल गांधी चौथी बार Amethi सीट से मैदान में थे…राहुल के सामने BJP ने 2014 चुनाव में दूसरे नंबर पर रहीं स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया था…स्मृति ईरानी को तब 4 लाख 68 हजार 514 वोट मिले थे…राहुल गांधी 4 लाख 13 हजार 394 वोट ही हासिल कर सके…स्मृति ईरानी ने Amethi के कांग्रेसी दुर्ग में कमल खिला दिया था…इस बार फिर से BJP ने Amethi सीट से स्मृति ईरानी को ही टिकट दिया है…कांग्रेस अपना खोया गढ़ वापस पाने के लिए पूरा जोर लगा रही है…केएल शर्मा के नाम पर दांव खेल रही है तो वहीं स्मृति ईरानी भी लगातार दूसरी जीत की तलाश में हैं.-BJP in Amethi news
पिछले चुनावों में BJP उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने इतिहास रचा था…तो इस बार भी स्मृति लगातार Amethi की जनता के बीच अपनी पैठ बनाए हुए हैं…कांग्रेस का गढ़ पहले ही दरक चुका था…तो राहुल के लिए Amethi की चुनौती भी बड़ी होती जा रही थी…अब राहुल रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे…तो कांग्रेस के इस फैसले ने तो मानो स्मृति ईरान को फ्री हैंड दे दिया है…कांग्रेस पर हमला बोलते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि जनता भी जानती है रायबरेली की कि जो Amethi का नहीं हुआ वो रायबरेली का कैसे होगा…राहुल ने वायनाड को अपना परिवार बताया था तो रायबरेली से क्या कहेंगे…-BJP in Amethi news
Amethi को लेकर गांधी परिवार के इस फैसले से सिर्फ BJP ही नहीं…कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम भी राहुल को भगोड़ा बता रहे हैं…राहुल गांधी के रायबरेली से नामांकन पर सवाल उठा रहे हैं…-BJP in Amethi news
वहीं किशोरी लाल को Amethi से उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रियंका गांधी ने कहा कि उनके साथ हमारे परिवार का वर्षों का नाता है…वो Amethi और रायबरेली के लोगों की सेवा में हमेशा जी जान से लगे रहे…उनकी निष्ठा और कर्तव्य के प्रति उनका समर्पण अवश्य ही इस चुनाव में सफलता दिलाएगा…
साल 2019 में राहुल गांधी के Amethi के रण में शामिल होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया था तो इस बार उनके ना होने से भी Amethi का सियासी पारा सातवें आसमान पर है…सत्ता, संघर्ष और समर्पण की दुहाई दे रहे उम्मीदवार हर हाल में जीत का दावा कर रहे हैं.. Amethi लोकसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां सबसे अधिक आबादी ओबीसी वर्ग की है… Amethi लोकसभा क्षेत्र में करीब 34 फीसदी ओबीसी वर्ग के मतदाता हैं…मुस्लिम वर्ग के 20, दलित वर्ग के मतदाताओं की तादाद करीब 26 फीसदी है…आंकड़ों के मुताबिक यहां करीब आठ फीसदी ब्राह्मण, करीब 12 फीसदी राजपूत मतदाता हैं…
2019 के चुनाव में SP-BSP ने गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरे थे और Amethi सीट से उम्मीदवार नहीं उतारा था लेकिन इस बार BSP के चुनाव में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है…जहां एक ओर स्मृति ईरानी दूसरी बार Amethi के किले पर कब्ज़ा करने की तैयारी में हैं वहीं लंबे समय से कांग्रेस और उसके चुनाव मैनेजमेंट से जुड़े रहे किशोरी लाल शर्मा के सामने गांधी परिवार का खोया गढ़ वापस पाने की चुनौती होगी…
Amethi सीट से गांधी परिवार का सफाया हो गया है…पहले सीट गई अब गांधी परिवार को Amethi की उम्मीदवारी से भी हाथ धोना पड़ा
क्या Amethi सीट से गांधी परिवार की दूरी कांग्रेस का गलत फैसला है?
4 मई को Amethi सीट के नतीजे किस ओर जा सकते हैं?