बिहार में बंट गई हैं एनडीए की सीटें!-bihar -seat distribution news
BJP बड़े भाई की भूमिका निभाएगी
जेडीयू ने दो सिटिंग सीटें छोड़ी
चिराग पासवान को पांच सीटें मिलीं
बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में seat distribution हो गया है. बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं चिराग पासवान की पार्टी को 5, मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 1 सीट तथा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 1 सीट मिली है… बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में seat distribution हो गया है.-bihar -seat distribution news
चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने एनडीए नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनडीए गठबंधन की सभी सीटों का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि फॉर्मूले पर चर्चा हुई और एनडीए गठबंधन में शामिल सभी दलों ने इसे स्वीकार कर लिया हैं…जो फॉर्मूला तय हुआ है उसके मुताबिक, बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
वहीं चिराग पासवान की पार्टी को 5, मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 1 सीट तथा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 1 सीट दी गई है. गौर करने वाली बात ये है कि इसमें पशुपति पारस की लोकजन शक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है. पारस ने कुछ दिन पहले ही बगावत के संकेत देते हुए कहा था कि उनके पास विकल्प खुले हुए हैं. साल 2019 में लोजपा एक थी और उसे छह सीटें मिली हैं। इस पर लोजपा दो धड़ों में बंटी है। एक धड़े के नेता चिराग पासवान हैं तो दूसरे धड़े के पशुपति पारस। दोनों को मिला कर इस बार भी छह सीटें ही मिली हैं।
फर्क इतना ही है कि पांच सांसदों वाले धड़े के नाते केंद्र में मंत्री बन गए थे, पर सीट बंटवारे में पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी गई है। जबकि अकेले अपने धड़े का सांसद रह गए चिराग पासवान ने इस बार पांच सीटें मिली हैं। चिराग को वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई सीट मिली है.. सीट बंटवारे में पशुपति पारस को मायूसी हाथ लगी। बीजेपी ने उनके लिए पुराना वाला ऑफर ही रखा है.. वहीं
जेडीयू ने 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ा था। तब भाजपा और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। जेडीयू के 16 उम्मीदवार जीते थे। चूंकि पिछली बार एनडीए के घटक दलों की संख्या सिर्फ तीन थी, इसलिए सीट बंटवारे में कोई अड़चन नहीं आई। एलजेपी (अविभाजित) को छह सीटें मिली थीं और उसके सभी उम्मीदवार जीत गए थे। इस बार एनडीए में छह दल हो गए हैं। इसलिए सीट बंटवारे में अधिक माथापच्ची करनी पड़ी है। भाजपा को छोड़ सबकी सीटों में कटौती करनी पड़ी है।
यहां तक कि जेडीयू को अपनी जीती काराकाट और गया की सीट छोड़नी पड़ी है। माना जा रहा है कि वहां के सिटिंग सांसद इस बार बेटिकट हो जाएंगे। जबकि जेडीयू की एक सीट इस बार कम हो गई है। इस बार जेडीयू को 16 सीटें मिली हैं.. वहीं सीटों के बंटवारे में भाजपा को सबने बड़े भाई की भूमिका में रखा है। यानी बीजेपी की सभी 17 सिटिंग सीटें इस बार भी बरकरार रहेंगी। अलबत्ता कुछ प्रत्याशियों के बदले जाने की संभावना जरूर है। कुछ सीटों की अदला-बदली भी भाजपा और जेडीयू ने की है।
काराकाट और गया की सीट पहले जेडीयू के पास थी, जिसे बंटवारे में काराकाट सीट उपेंद्र कुशवाहा को दी गई है, जबकि गया की सीट जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ को दी गई है.. आपको बता दें कि बिहार में भी सात चरणों 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को चुनाव होने हैं.पहले चरण में बिहार की 4 सीट पर वोटिंग होगी, दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें चरण में 5-5 सीटों पर वोटिंग होगी. इसके अलावा छठवें और सातवें चरण में 8-8 सीट पर वोटिंग होनी है..
बात अगर साल 2019 लोकसभा चुनाव की करें तो एनडीए ने शानदार जीत हासिल की थी. एनडीए ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि महागठबंधन के खाते में केवल एक किशनगंज सीट थी. जिस पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी… यानि एनडीए ने सीटों का समीकरण साध लिया है अब इंतजार है लोकसभा चुनाव के रण का..