Bihar News : Education Department Bihar Order To Submit Bank Statement In Bpsc Tre 1 Diploma Patna High Court – Amar Ujala Hindi News Live

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आज भी सरकार जांच करे तो एक-दो फीसदी प्राइवेट स्कूल ही अपने शिक्षकों को बैंक खाते में वेतन देते हैं। शिक्षण की दुनिया से जुड़े हर शख्स को वैसे भी यह जानकारी है। लेकिन, बिहार की नीतीश कुमार सरकार के शिक्षा विभाग को 2017 के पहले के प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों का बैंक स्टेटमेंट चाहिए, जिसमें उनका वेतन आता हो। यह आदेश भी बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित उन शिक्षकों को दिया गया है, जिनके लिए 55 दिन पहले पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश जारी किया था कि 45 दिनों के अंदर इन्हें नियुक्ति पत्र मिल जाना चाहिए। लगभग 30 चयनित अभ्यर्थियों को छांटने का आधार भी इस आदेश में नहीं बताया गया है और जिनकी सूची चयनित के रूप में दी गई है, उनसे वेतन दिखाने वाला बैंक विवरण मांग दिया गया है।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर साधी चुप्पी साधने पर हाईकोर्ट ने दिया था निर्देश

 शिक्षा विभाग ने पिछले साल यह स्वीकार किया था कि “सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका पर 10 दिसंबर 2024 को पारित आदेश में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा में 18 महीने की इन-सर्विस ट्रेनिंग डिप्लोमा (D.El.Ed) धारण करने वाले अभ्यर्थियों की पात्रता को मान्य किया गया है।” इससे पहले, बीपीएससी TRE-1 ने अपने विज्ञापन में भी इसे मान्य रखा था और इसी आधार पर इन्हें चयनित सूची में रखा गया था। मामला लटकने पर अभ्यर्थियों ने खूब अपील की। फिर सुप्रीम कोर्ट के 10 दिसंबर के फैसले के बाद इन्हें D.El.Ed प्रशिक्षण प्रमाणपत्र और सेवा में होने से संबंधित विद्यालय प्रधान के प्रमाणपत्र के साथ 10 फरवरी को बुलाया गया।

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सेवा काल की सैलरी स्लिप की मांग कर दी

लगभग 155 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन शुरू हुआ तो अचानक इनसे सेवा काल की सैलरी स्लिप की मांग कर दी गई। प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए सेवा में होने से संबंधित विद्यालय प्रधान के प्रमाणपत्र के बाद अब सैलरी स्लिप जुटाना कितना मुश्किल है, यह शिक्षा विभाग भी जानता था। ऐसे में पुरानी तारीखों का सैलरी स्लिप मिलना असंभव-सा था। तो, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अपनी बात पर लड़ाई जारी रखी। इसी लड़ाई का परिणाम रहा, जब 03 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया कि आदेश के 15 दिनों के अंदर इनका दस्तावेज जांचें और उसके 30 दिनों के अंदर इन्हें नियुक्ति पत्र दें। उन 15 दिनों में दस्तावेजों की जांच नहीं पूरी हुई और अब आदेश की प्रति ऑनलाइन अपलोड होने की तारीख 04 अप्रैल को बीते हुए भी 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं।



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