गैंगरेप कर जलती भट्टी में झोंका-Bhilwara Bhatti Case
गैंगरेप के जिंदा जलाने वालों को फांसी-Bhilwara Bhatti Case
राजस्थान में POCSO कोर्ट का फैसला
दो भाइयों ने 4 घंटे तक की थी हैवानियत
राजस्थान के भीलवाड़ा में कुछ महीने पहले एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई थी.. जहां 14 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद उसे जिंदा जला दिया गया था.. अब इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को फांसी की सजा दी है.. आपको इस वीडियो में आपको इस घटना की पूरी जानकारी देंगे साथ ही बताएंगे कि कैसे इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया था.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS …-Bhilwara Bhatti Case
राजस्थान में शाहपुरा जिले के कोटड़ी में 14 साल की बच्ची से गैंगरेप कर जिंदा जलाने वालों को फांसी की सजा सुनाई गई है.. इस बहुचर्चित मामले में भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने दो दोषियों कालू और कान्हा को मौत की सजा सुनाई है… जज ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर माना है… इससे पहले 19 मई को भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने कालू और कान्हा को दोषी करार दिया था.. जबकि सात आरोपियों को बरी कर दिया था.. -Bhilwara Bhatti Case
कोर्ट ने फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था… सुनवाई के दौरान कोर्ट में पीड़िता के माता-पिता भी मौजूद थे। फैसला सुनकर पीड़िता की मां ने कहा कि आज हमें न्याय मिल गया। जिन सात आरोपियों को बरी किया है, उनमें दोनों दोषियों की पत्नी, मां, बहन और अन्य शामिल हैं… लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने बताया कि नाबालिग लड़की को पिछले साल अगस्त में गैंगरेप के बाद कोयले की भट्ठी में जिंदा जला दिया गया था। पुलिस ने एक महीने के अंदर 473 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.. -Bhilwara Bhatti Case
इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे.. कोर्ट ने भी इस हत्याकांड को जघन्य अपराध माना है… पूरा मामला 2 अगस्त 2023 का है.. शाहपुरा के कोटड़ी थाना इलाके के एक गांव में 14 साल की नाबालिग सुबह करीब 8-9 बजे मवेशी चराने निकली थी.. इस दौरान दोनों भाई कालू और कान्हा उसका मुंह दबाकर भट्ठी के पीछे ले गए और 4 घंटे तक गैंगरेप किया.. दोनों भाई की पत्नी, मां, बहन और एक नाबालिग को गैंगरेप का पता चल गया..
सभी ने चर्चा की कि मामला खुला तो फंस जाएंगे। फिर उसे भट्ठी में जला दिया गया… आपको बता दें कि जहां इस वारदात को अंजाम दिया गया, वो खेत पीड़िता के घर से डेढ़ किलोमीटर दूर है। यहां पर कोयला बनाने के लिए पांच भट्ठे हैं, जिन्हें दो साल से किराए पर चलाया जा रहा था..वारदात से चार महीने पहले ही खेत में ये भट्ठे पीड़िता के पिता ने आरोपियों को किराए पर दिए थे। पिता ने सोचा भी नहीं था, जिन्हें वो भट्ठा किराए पर दे रहा है, वही उसके परिवार के दुश्मन बन जाएंगे। चार महीने से यहां कोयला बनाने का काम हो रहा था..
यहां काम करने वाले लोगों का नाबालिग के घर आना-जाना भी था, इसलिए वे परिवार को भी अच्छी तरह से जानते थे.. कहते हैं कि जब कुछ बुरा होना होता है तो परिस्थियां निर्मित हो जाती हैं.. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ… बच्ची कभी भी अकेले बाहर नहीं जाती थी.. लेकिन पहली बार अकेली गई और उसके साथ ये वारदात हो गई..
घटना के बाद नाबालिग के पिता ने बताया था कि उनकी बेटी कभी घर से अकेली नहीं निकली। बेटी, उसकी मां और मेरी रोज की यही दिनचर्या थी कि हम लोग साथ में ही मवेशी चराने निकलते थे.. बेटी कभी बोल भी देती कि मैं अकेली जा रही हूं तो मां उसका साथ नहीं छोड़ती.. वहीं 2 अगस्त 2023 को परिवार में कोई विवाद हो गया था.. रिश्तेदारी में इस विवाद को सुलझाने के लिए हमें जाना जरूरी था। इस वजह से हम लोग वहां चले गए थे..
बेटी अकेली थी तो उसने सोचा कि वह मवेशी लेकर निकल जाए। सुबह करीब 8 से 9 बजे के बीच वो मवेशी लेकर निकल गई और इसके बाद वह नहीं लौटी… वहीं पीड़िता की मां ने बताया था कि जब उनकी बेटी दोपहर 3 बजे तक घर नहीं आई तो उसे ढूंढते हुए खेत पर गई थी। उस समय खेत में कोई भट्ठी नहीं जल रही थी। इस दौरान आरोपियों से पूछा भी कि मेरी बेटी कहां है तो वे अनजान बन गए..
शाम को गांव के लोगों को बताया तो उन्होंने ढूंढना शुरू किया। इस दौरान दोबारा वो लोग खेत की तरफ गए तो भट्ठी जल रही थी… इसे देखकर परिवार और गांव वालों का माथा ठनका, क्योंकि दिन में भट्ठी जल नहीं रही थी और बारिश का मौसम था। अचानक रात में भट्ठी को जलती देख ग्रामीणों ने काम करने वाले लोगों से सख्ती से पूछताछ की तो वे डर गए। इसी बीच किसी ने बताया कि बेटी का जूता यहीं पड़ा है..
इस पर उन्हें लगा कि अब सारी बात सामने आ गई है। तब जाकर उन्होंने बताया कि उन्होंने मासूम के साथ गलत काम करके उसे जला दिया। पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि दरिंदों ने नाबालिग का एक हाथ काटकर भट्ठी में जला दिया और शव तालाब में फेंक दिया..
ये सुनकर सबकी रूह कांप गई.. इतना भयानकर और क्रूर बर्ताव के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा.. वहीं इस घटना से ना केवल पूरा इलाका बल्कि पूरे राज्य में हाहाकार मच गया.. वहीं इस घटना के बाद 3 अगस्त को मौके पर एफएसएल टीम को बुलाया गया था। टीम के सदस्यों ने भट्ठी से करीब 300 किलोग्राम से ज्यादा राख और कोयला बाहर निकाला। उसे छानने के बाद 6 घंटे तक एक-एक कोयले को छांटकर नाबालिग के हाथ के कई टुकड़ों को ढूंढकर बाहर निकाला गया था…
इससे पहले 2 अगस्त की रात जब भट्ठी में पानी डालकर आग बुझाई गई तो दहकते शोलों के बीच बच्ची का एक अधजला हाथ और चांदी का कड़ा अंगारों के बीच से निकला था… सोचिए एक 14 साल की मासूम बच्ची के साथ ना केवल दरिंदगी की गई बल्कि उसे जला भी दिया गया..ऐसा करते हुए कहा हैवानों की रूह नहीं कांपी होगी.. क्या उन्हें थोड़ी सी भी दया नहीं आई होगी कि एक बच्ची के साथ क्या कर रहे हैं..
ऐसे दरिंदों को जीने का कोई अधिकार नहीं .. और इसीलिए कोर्ट ने उन दोनों नर पिशाचों को फांसी की सजा दी है.. निश्चित तौर पर ये सजा उन सबके लिए एक नजीर बनेगी जिनके जहन में हैवानियत भरी है.. इस वीडियो में बस इतना ही लेकिन खबरों की अपडेट के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ..
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