पश्चिम बंगाल की बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच मुकाबला रोमांचक होने जा रहा है। भाजपा ने यहां से अपने विवादित नेता दिलीप घोष को उतारा है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस से आए कीर्ति आजाद पर दांव लगाया है। यह सीट ऐतिहासिक रूप से किसी भी पार्टी के लिए निष्ठावान नहीं रही है, जिससे मुकाबला और भी रोमांचक हो गया है। लेकिन क्या दिलीप घोष का विवादित अतीत उनके चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित करेगा?-Bardhaman-Durgapur Lok Sabha Seat
क्या कीर्ति आजाद तृणमूल कांग्रेस के लिए बर्दवान-दुर्गापुर सीट जीत पाएंगे?
क्या सीपीआई(एम) इस सीट पर अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकेगी?
और क्या बर्दवान-दुर्गापुर के मतदाता किसी एक पार्टी को दोबारा चुनने का मन बनाएंगे? आइये इसे विस्तार से समझते है। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़।
दिलीप घोष भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं और वर्तमान में मेदिनीपुर से लोकसभा सांसद हैं। किर्ती आजाद 1983 विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य हैं और उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से चुनाव लड़ा है। वर्तमान में, वे तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हैं। सीपीआई(एम) ने इस सीट से सुक्रीति घोषाल को मैदान में उतारा है।
आपको बता दे कि बर्दवान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र की स्थापना 2009 में हुई थी। तब से, किसी भी पार्टी को दोबारा नहीं चुना गया है। 2009 में, सीपीआई(एम) ने सीट जीती, 2014 में तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की, और 2019 में, भाजपा ने सीट जीती।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 20 प्रतिशत मुस्लिम और एसटी समुदाय का एक बड़ा वर्ग शामिल है। ये मतदाता अपने लोकसभा, विधानसभा या पंचायत प्रतिनिधियों से नाखुश हैं और बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
बाकि दिलीप घोष अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं, जबकि कीर्ति आजाद दिल्ली क्रिकेट बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद भाजपा से निलंबित कर दिए गए थे। उनके पिता, भगवत झा आजाद, कांग्रेस के पूर्व बिहार मुख्यमंत्री थे।
बर्दवान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र औद्योगिक बेल्ट में स्थित है और पहले यह सीपीआई(एम) का गढ़ माना जाता था। हालाँकि, हाल के वर्षों में, भाजपा ने इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, और सीट अब किसी भी पार्टी के लिए खुली हुई है।
वैसे दिलीप घोष का विवादित अतीत एक दोधारी तलवार साबित हो सकता है। कुछ मतदाता उनके बयानों से नाराज हो सकते हैं, जबकि अन्य उनके मजबूत नेतृत्व कौशल की सराहना कर सकते हैं।
कीर्ति आजाद का क्रिकेट करियर एक बड़ा लाभ हो सकता है, लेकिन उनकी राजनीतिक निष्ठा पर सवाल उठ सकते हैं। वह पहले ही दो बड़ी पार्टियों को छोड़ चुके हैं, जिससे मतदाताओं के बीच उनके प्रति अविश्वास पैदा हो सकता है।
सीपीआई(एम) को इस सीट पर अपनी खोई हुई जमीन वापस पाना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच मुकाबला नज़दीकी होने की संभावना है, और सीपीआई(एम) सत्ता समीकरण में सेंध लगा सकती है।
हालाँकि बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई(एम) के बीच होने जा रहा है। सभी तीन उम्मीदवारों के अपने फायदे और नुकसान हैं, और नतीजा काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वे मतदाताओं तक अपनी बात को कितनी प्रभावी ढंग से पहुंचा पाते हैं।
भाजपा के दिलीप घोष एक मजबूत नेता हैं, लेकिन उनका विवादित अतीत उनके लिए एक बाधा हो सकता है। तृणमूल कांग्रेस के कीर्ति आजाद एक लोकप्रिय व्यक्ति हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक निष्ठा पर सवाल उठ सकते हैं। सीपीआई(एम) की सुक्रीति घोषाल एक स्थानीय उम्मीदवार हैं, लेकिन उनकी पार्टी ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में जमीन खो दी है।
मतदाता मुख्य रूप से तीन मुद्दों – रोजगार, विकास और भ्रष्टाचार से चिंतित हैं। भाजपा रोजगार पैदा करने और विकास लाने का वादा कर रही है, जबकि तृणमूल कांग्रेस राज्य में अपने अच्छे काम पर जोर दे रही है। सीपीआई(एम) भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और गरीबों और वंचितों के लिए काम करने का वादा कर रही है।
नतीजा काफी हद तक मतदाताओं के मूड पर निर्भर करेगा। अगर वे बदलाव चाहते हैं, तो वे भाजपा को वोट दे सकते हैं। अगर वे तृणमूल कांग्रेस के शासन से संतुष्ट हैं, तो वे पार्टी को वोट दे सकते हैं। अगर वे भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं और गरीबों और वंचितों की मदद करना चाहते हैं, तो वे सीपीआई(एम) को वोट दे सकते हैं।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बर्दवान-दुर्गापुर एक औद्योगिक बेल्ट है। मतदाता बेरोजगारी और आर्थिक विकास के मुद्दों से चिंतित हैं। उम्मीदवार जो इन मुद्दों को सबसे अच्छी तरह से संबोधित कर सकते हैं, उनके जीतने की संभावना अधिक होगी।
अंततः, बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट पर मुकाबला करीबी होने जा रहा है। तीनों उम्मीदवारों के अपने फायदे और नुकसान हैं, और नतीजा काफी हद तक मतदाताओं के मूड पर निर्भर करेगा।
नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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