How did Bangladesh get stuck between the superpowers, what will Sheikh Hasina do now?

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How did Bangladesh get stuck between the superpowers, what will Sheikh Hasina do now?

महाशक्तियों के बीच कैसे फंसा बांग्लादेश, अब क्या करेंगी Sheikh Hasina?

बांग्लादेश में विश्व की चार बड़ी महाशक्तियों के बीच खींचतान मची है…भारत, अमेरिका, रूस और चीन इस देश में अपना-अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटे…पिछले कुछ दिनों की घटनाएं इस बात को साबित करती हैं कि बांग्लादेश में कैसे वैश्विक महाशक्तियां रस्साकशी का खेल कर रही हैं…इस बीच बांग्लादेश में चुनाव भी होने हैं जिसपर इसका साफ असर देखने को मिलेगा… क्या है तनाव की वजह और क्यों इन महाशक्तियों को है बांग्लादेश से प्यार…देखिए हमारी ये स्पेशल रिपोर्ट…

भारत का पड़ोसी बांग्लादेश आम चुनावों के ठीक पहले वैश्विक महाशक्तियों के बीच फंसा हुआ नजर आ रहा है…इस देश में भारत, चीन, अमेरिका और रूस अपना-अपना प्रभाव बढ़ाने में जुटे हैं…पिछले महीने 3 रूसी युद्धपोतों ने तीन दिनों तक बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर डेरा डाला था जो पिछले 50 साल में इस तरह की पहली यात्रा थी…इस दौरान रूसी नौसेना के अधिकारियों ने अपने बांग्लादेशी समकक्षों के साथ बैठकें कीं और संयुक्त अभ्यास में भी भाग लिया…इस घटना ने अमेरिका के कान खड़े कर दिए…अमेरिका लगातार शेख हसीना सरकार पर बांग्लादेश के चुनाव को लेकर दबाव बढ़ा रहा है…उधर भारत ने भी बांग्लादेश को लेकर अमेरिका को सोच समझकर बयान देने और सतर्क रहने की सलाह दी है…चीन ने भी बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर निवेश कर अपने प्रभाव को बढ़ाया है…

रूसी युद्धपोतों के ठहरने के लगभग एक साल पहले उसी बांग्लादेश ने अमेरिका के दबाव में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को लेकर आ रहे एक रूसी मालवाहक जहाज को प्रवेश की अनुमति देने से इनकार किया था…तब बांग्लादेश ने सिर्फ इतना बताया था कि इस जहाज पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है…बांग्लादेश ने अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत 69 अतिरिक्त रूसी कार्गो शिप पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी…इन जहाजों के बांग्लादेश में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई थी…लेकिन अमेरिका से तनाव बढ़ते ही बांग्लादेश ने यू-टर्न ले लिया और रूस के साथ अपने संबंधों को सुधारना शुरू कर दिया…दोस्ती की इस पटकथा के बीच रूसी युद्धपोतों को पहली बार बांग्लादेशी बंदरगाह पर बतौर मेहमान बनाकर बुलाया गया…जिससे अमेरिका भड़का हुआ है…

चीन ने पिछले एक दशक में बांग्लादेश के बुनियादी ढाचा परियोजनाओं में काफी निवेश किया है…इतना ही नहीं, चीन ने बांग्लादेश में पनडुब्बी अड्डा बनाने का काम भी शुरू कर दिया है…यह पनडुब्बी अड्डा बांग्लादेशी नौसेना के लिए बनाया जा रहा है लेकिन इसके निर्माण में चीन के शामिल होने से भारत चिंतित है…बांग्लादेश में बढ़ती चीनी उपस्थिति और बांग्लादेश के व्यापक समुद्री क्षेत्र में चीन की बढ़ती नौसैनिक ताकत ने भारत और अमेरिका को परेशान कर रखा है…2021 में बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिनपिंग ने ढाका को इंडो-पैसिफिक क्वाड में शामिल न होने की चेतावनी दी थी…बांग्लादेश को इसमें शामिल होने में कोई दिलचस्पी नहीं है लेकिन जिनपिंग शायद बांग्लादेश पर दबाव बनाना चाहते थे कि वह भारत या अमेरिका के करीब ना जाए…जिसका असर सिर्फ दिल्ली पर ही नहीं दिखेगा बल्कि अमेरिका तब भी चुपचाप तमाशा देखने का विकल्प चुन सकता है…जो भारत के लिए ठीक नहीं होगा… 

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