Bangladesh General Elections 2024: An Analytical Overview of Political Parties!
Bangladesh General Elections 2024: राजनीतिक दलों का एक विश्लेषणात्मक अवलोकन!
बांग्लादेश में 7 जनवरी 2024 को आम चुनाव होने जा रहे हैं, जिनमें देश की संसद के लिए 300 सांसदो का चयन किया जाएगा।
ये चुनाव उस समय हो रहे हैं, जब बांग्लादेश की राजनीति में गहरा टकराव सामने आ रहा है, और विपक्षी दलों ने चुनावों की निष्पक्षता और नियमों का पालन करने के लिए आवाज उठाई है।
इस रिपोर्ट में, हम बांग्लादेश के चुनावी प्रक्रिया, राजनीतिक दलों, मुद्दों और चुनौतियों का एक विश्लेषणात्मक अवलोकन करेंगे, और चुनावों के परिणामों और प्रभावों के बारे में अनुमान लगाएंगे।
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बांग्लादेश के आम चुनावों का इतिहास बहुत ही उतार-चढ़ाव भरा रहा है। देश की स्वतंत्रता के बाद से, बांग्लादेश में 11 बार आम चुनाव हुए हैं, जिनमें से कुछ निष्पक्ष, खुले और शांतिपूर्ण रहे, जबकि कुछ अशांति, हिंसा, धांधली और विवादों से भरे रहे।
बांग्लादेश की राजनीति में दो प्रमुख दल हैं – आवामी लीग (AL) और बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (BNP) – जो अपने साथी दलों के साथ ग्रैंड एलायंस और 20-दलीय एलायंस के रूप में चुनाव लड़ते हैं।
इन दोनों दलों के बीच तीव्र विरोध और टकराव का इतिहास रहा है, जिसने देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को खतरे में डाला है।
आपको बता दे कि बांग्लादेश में चुनावी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पहलू गैर-पक्षपाती देखरेखी सरकार (CTG) नामक एक प्रणाली है, जिसे 1996 में शुरू किया गया था, और जिसके तहत चुनावों के दौरान सत्ता को एक अस्थायी और निष्पक्ष सरकार को सौंपा जाता था।
इस प्रणाली के तहत, चार चुनाव (1996, 2001, 2008 और 2014) हुए, जिनमें से तीन (1996, 2001 और 2008) को आमतौर पर निष्पक्ष और व्यापक रूप से जनभागीदारी वाला माना जाता है।
हालांकि, 2006-2008 के दौरान, एक दीर्घकालिक CTG ने देश पर आपातकाल लगाया, और अनेक राजनीतिक नेताओं को गिरफ्तार किया, जिसने इस प्रणाली को विवादित बना दिया।
गौरतलब है कि , 2011 में, AL सरकार ने संविधान में एक संशोधन पारित किया, जिसने CTG प्रणाली को समाप्त कर दिया, और चुनावों के दौरान सत्ता को वर्तमान सरकार के हाथ में रखने का फैसला किया गया।
इस संशोधन के बाद, बांग्लादेश ने दो चुनाव (2014 और 2018) में हुए।
2014 और 2018 के चुनावों में, BNP और उसके साथी दलों ने CTG प्रणाली की मांग करते हुए चुनावों का बहिष्कार कर दिया, जिससे AL को लगभग अविरोधित जीत मिली।
इन चुनावों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अधिकांशतः अवैध और अप्रत्यक्ष माना, और बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति को गंभीर रूप से खतरे में माना। इन चुनावों में, चुनाव आयोग, न्यायिक प्रणाली, पुलिस, मीडिया और सामाजिक संगठनों पर AL सरकार का दबाव बढ़ा, और विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के ऊपर हिंसा, गिरफ्तारी और उत्पीड़न की वृद्धि हुई। इन चुनावों के दौरान, मतदाताओं को भी धोखा दिया गया, जब उन्हें अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से रोका गया, या उनके मतों को बदल दिया गया।
इस तरह, बांग्लादेश के आम चुनावों की तैयारी जोरों पर है। लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी उठ रहे हैं। जैसे बांग्लादेश की राजनीतिक दलों का इन चुनाव में क्या रुख होगा?
जनता के किन मुद्दों को उन्होंने अपने चुनावी एजेंडा में शामिल किया है?
और सबसे महत्वपूर्ण, इन चुनावों में किसकी जीत की संभावना ज्यादा है?
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