Aurangzeb Row: महाराष्ट्र में औरंगजेब के नाम से शुरू हुआ विवाद थम नहीं रहा है. नौबत औरंगजेब की कब्र को तोड़ने तक पहुंच गई है. हिंदूवादी संगठनों के साथ धर्मवीर संभाजी महाराज फाउंडेशन भी सुर्खियों में आ गया है. धर्मवीर संभाजी महाराज फाउंडेशन के अध्यक्ष मिलिंद रमाकांत एकबोटे ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की चेतावनी दी थी. पुलिस ने धमकी के बाद पूर्व विधायक मिलिंद एकबोटे की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
छत्रपति संभाजीनगर के अतिरिक्त कलेक्टर विनोद खिरलकर ने प्रतिबंध आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक, जिला प्रशासन का आदेश 5 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा. कल से एकबोटे और समर्थक संभाजी नगर में कार्यक्रम नहीं कर सकेंगे. समर्थकों के साथ एकबोटे की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी. गौरतलब है कि 29 मार्च को संभाजी महाराज की पुण्यतिथि है. पुलिस ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर बड़ा फैसला लिया है.
मिलिंद रमाकांत एकबोटे पर प्रशासन सख्त
प्रशासन को गुप्त सूचना मिली है कि संभाजी महाराज की पुण्यतिथि पर मिलिंद एकबोटे औरंगजेब की कब्र को तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं. खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस भी अलर्ट में आ गई है. दरअसल, फिल्म छावा रिलीज होने के बाद संभाजी महाराज की कहानी लोगों के सामने आई. छावा संभाजी महाराज की वीरता पर बनाई गई है.
औरंगजेब की कब्र तोड़ने की दी थी धमकी
फिल्म देखने के बाद संभाजी महाराज पर औरंगजेब की क्रूरता पर बात कर रहे हैं. लोगों में औरंगजेब के खिलाफ गुस्सा है. खासकर संभाजी नगर के लोग और संभाजी महाराज के विचारों का प्रचार प्रसार करने वाले आक्रोशित हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि शहर में औरंगजेब की कब्र नहीं रहने देंगे. औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमाई है. महाराष्ट्र पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती.
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