“Atal Setu: Cracks, Controversies and Nana Patole’s Reaction – AIRR News”

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भारत में विकास हमेशा से एक प्रमुख मुद्दा रहा है। सड़कों, पुलों और अन्य निर्माण परियोजनाओं का समय पर और सुरक्षित रूप से पूरा होना आवश्यक है ताकि जनसामान्य को लाभ मिल सके और दुर्घटनाओं से बचा जा सके। हाल ही में, मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी सेवा-न्हावा सेवा Atal Setu, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के नाम से भी जाना जाता है, के सेवा सड़क पर कुछ मामूली दरारें देखने को मिलीं। यह पुल भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है, जिसका उद्घाटन जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।-Atal Setu update

इस घटना के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने स्थल का निरीक्षण किया और जनसुरक्षा के संभावित खतरे पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह दरारें जनता की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकती हैं। वहीं, परियोजना प्रमुख कैलाश गनात्रा ने स्पष्ट किया कि ये दरारें नए पुल पर नहीं, बल्कि सेवा सड़क पर आई हैं और ये केवल बारिश के कारण उत्पन्न मामूली दरारें हैं जिन्हें जल्दी ही ठीक कर दिया जाएगा।-Atal Setu update

ऐसे में ये जानना जरुरी है कि अतल सेतु पर आई दरारें कितनी गंभीर हैं? क्या यह दरारें पुल की संरचनात्मक अखंडता को प्रभावित कर सकती हैं? परियोजना प्रमुख का दावा कि यह केवल बारिश के कारण मामूली दरारें हैं, कितना सही है? क्या मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक की सुरक्षा को लेकर पहले भी कोई मुद्दे उठे हैं? और अन्य देशों में समुद्री पुलों की संरचनात्मक समस्याओं से कैसे निपटा जाता है? नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। इन सभी सवालों के जवाब इस वीडियो में मिलेंगे, इसलिए अंत तक बने रहें।-Atal Setu update

अटल बिहारी वाजपेयी सेवा-न्हावा सेवा Atal Setu, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है। यह 21.8 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 16.5 किलोमीटर समुद्र के ऊपर है। यह पुल मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ता है और हर दिन लगभग 70,000 वाहनों की आवाजाही को संभालता है। इस पुल का उद्घाटन जनवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।

बाकि ये सड़क, जो Atal Setu को शहर से जोड़ने के लिए एक अस्थायी मार्ग है, पर कुछ मामूली दरारें दिखाई दीं। परियोजना प्रमुख कैलाश गनात्रा के अनुसार, ये दरारें केवल बारिश के कारण उत्पन्न हुई हैं और इन्हें जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह दरारें नए उद्घाटित पुल पर नहीं, बल्कि सेवा सड़क पर हैं।

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने स्थल का निरीक्षण किया और जनसुरक्षा के संभावित खतरे पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संरचनात्मक समस्याएं जनता की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकती हैं और इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।

वैसे इस घटना से कुछ दिन पहले बिहार के अररिया जिले में एक नव-निर्मित पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया। इस घटना के बाद बिहार ग्रामीण कार्य विभाग के तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया। राज्य सरकार इस पुल के निर्माण के लिए जिम्मेदार थी और अभी तक इस पुल को जनता के लिए खोलने का काम नहीं हुआ था क्योंकि इसके पहुंच मार्ग अभी भी निर्माणाधीन थे।

आपको बता दे कि भारत में अधोसंरचना परियोजनाओं के साथ संरचनात्मक समस्याओं का इतिहास रहा है। चाहे वह कोलकाता का विवेकानंद फ्लाईओवर हो, या मुंबई का एलफिंस्टन ब्रिज हादसा, इन घटनाओं ने हमें यह सिखाया है कि संरचनात्मक अखंडता और सुरक्षा को प्राथमिकता देना कितना महत्वपूर्ण है।

बाकि सेवा सड़क पर दरारें आने की घटना ने जनसुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रकार की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए ताकि जनता को किसी प्रकार की दुर्घटना से बचाया जा सके। परियोजना प्रमुख का दावा कि यह केवल मामूली दरारें हैं, सही हो सकता है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

क्योंकि मार्च 2016 में कोलकाता के विवेकानंद फ्लाईओवर का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। यह घटना यह दर्शाती है कि निर्माण परियोजनाओं में गुणवत्ता और सुरक्षा का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है।

ऐसे ही सितंबर 2017 में मुंबई के एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर एक फुटओवर ब्रिज पर भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस घटना ने रेलवे स्टेशनों पर संरचनात्मक समस्याओं और भीड़ प्रबंधन की कमी को उजागर किया।

और सबसे ताज़ा भयावह हादसा गुजरात के मोरबी में नवंबर 2022 में हुआ जिसमे एक सस्पेंशन ब्रिज ढह गया, जिसमें कई लोग मारे गए और कई घायल हो गए। यह हादसा भी यह दिखाता है कि पुलों और अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं की संरचनात्मक अखंडता की नियमित जांच कितनी महत्वपूर्ण है।

बाकि इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि अधोसंरचना परियोजनाओं में गुणवत्ता और सुरक्षा को प्राथमिकता देना कितना महत्वपूर्ण है। सेवा सड़क पर आई दरारें मामूली हो सकती हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। नियमित निरीक्षण और रखरखाव, गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग, और विशेषज्ञों की सलाह से ही हम भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बच सकते हैं।

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नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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