Assam CM on Electoral Commission’s Actions: A Critical Assessment
चुनाव आयोग की कार्रवाइयों पर असम के मुख्यमंत्री: एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन
इलेक्शन कमिशन ने छत्तीसगढ़ चुनाव प्रचार के दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को उनके ‘अकबर’ टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग ने सरमा को 30 अक्टूबर को शाम पांच बजे तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है।चुनाव आयोग का यह कदम कांग्रेस द्वारा बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान उनकी टिप्पणियों ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सरमा ने कवर्धा से उसके उम्मीदवार मोहम्मद अकबर के खिलाफ सांप्रदायिक भाषण दिया था आपको बताते है की आखिर हिमंत बिस्व सरमा ने क्या कहा था जिस पर इतना बवाल मचा हुआ है।
उन्हों ने कहा था कि एक अकबर अगर एक जगह आते हैं। वो सौ अकबर बुला लाते हैं। इसलिए, जितनी जल्दी हो सके अकबर को अलविदा कहें, अन्यथा माता कौशल्या की यह भूमि अपवित्र हो जाएगी’। चुनाव आयोग के नोटिस के अनुसार, शर्मा ने ऐसा बयान दिया।सरमा ने कहा, ‘तो इसलिए भाइयों-बहनों, आप लोगों को छत्तीसगढ़ को बचाना है। मां कौशल्या की इस पवित्र भूमि को बचाना है और इसलिए आप सभी को विजय भैया को विजयी बनाना चाहिए। ‘ सरमा ने कवर्धा से भाजपा उम्मीदवार के समर्थम में यह बात कही। माना जाता है कि भगवान राम की माता कौशल्या छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं।चुनाव आयोग द्वारा सरमा के भाषण के दूसरे हिस्से में कहा गया, “आज, हमारे देश में कांग्रेस शासन के दौरान लव जिहाद शुरू हुआ। आज छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और हमारे असम जैसे आदिवासियों को आए दिन इस्लाम अपनाने के लिए उकसाया जाता है और जब उनके खिलाफ आवाज उठती है तो मुकेश बघेल जी कहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं। क्या यह हिंदुओं को पीटना आपकी धर्मनिरपेक्षता का रूप है? यह हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का ही रहेगा।’ हमें धर्मनिरपेक्षता की यह भाषा मत सिखाएं।”उन्हें नोटिस जारी करते हुए चुनाव पैनल ने मुख्यमंत्री को चुनाव संहिता के एक प्रावधान की याद दिलाई है, जिसमें कहा गया है कि “कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकता है।
Assam CM on Electoral Commission’s Actions: A Critical Assessment
The Election Commission has issued a show cause notice to Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma over his ‘Akbar’ comment during the Chhattisgarh election campaign. The Commission has asked Sarma to respond to the notice by 5 p.m. on October 30. The Election Commission’s move comes after the Congress on Wednesday filed a complaint with the Election Commission against Union Home Minister Amit Shah and Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma. The latter has come forward, alleging that his comments during the Chhattisgarh Assembly election campaign violated the Model Code of Conduct. The Congress party, in its complaint to the Election Commission, alleged that Sarma had made communal remarks against its candidate from Kawardha, Mohammad Akbar. Having given the speech, let us tell you what Himanta Biswa Sarma had said on which there was so much ruckus.
He had said that if one Akbar comes to one place. They call 100 Akbars. Therefore, say goodbye to Akbar as soon as possible, otherwise this land of Mata Kaushalya will become defiled. According to the Election Commission’s notice, Sharma made such a statement. Sarma said, ‘So brothers and sisters, you people have to save Chhattisgarh. This sacred land of Maa Kaushalya has to be saved and hence you all should make Vijay Bhaiya victorious. Sarma said this in support of the BJP candidate from Kawardha. Kaushalya, the mother of Lord Ram, is believed to be from Chhattisgarh. The second part of Sarma’s speech was quoted by the Election Commission as saying, “Today, love jihad started in our country during the Congress rule. Today, the tribals of Chhattisgarh and our Assam are instigated every day to adopt Islam and when a voice is raised against them, Mukesh Baghel ji says that we are secular. Is this your form of secularism to beat up Hindus? This is a country of Hindus and will remain of Hindus only. Do not teach us this language of secularism.” Issuing him the notice, the election panel reminded the Chief Minister of a provision of the Election Code which states that “No party or candidate shall indulge in any activity which is inconsistent with the existing Can aggravate differences or create mutual hatred or create tension between different castes and communities.
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