Ashneer Grover ऐसे शख्स हैं जो किसी भी स्थिति या व्यक्ति पर तंज कसने का मौका हाथ से जाने नहीं देते। हाल ही में, Kotak Mahindra Bank पर आरबीआई की कार्रवाई ने इंटरनेट पर कई चर्चाओं को जन्म दिया है।-Ashneer Grover v/s Kotak Mahindra Bank
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आरबीआई के निर्देश के बाद कि Kotak Mahindra Bank ऑनलाइन चैनल से नए ग्राहकों को जोड़ना बंद करे और नए क्रेडिट कार्ड जारी न करे, इसके शेयर की कीमतों में 10% की गिरावट आई है। आरबीआई ने शेयर की कीमत में इस गिरावट को बैंक द्वारा पिछले दो सालों से चल रही आईटी सिस्टम संबंधी चुनौतियों के चलते बताया है।-Ashneer Grover v/s Kotak Mahindra Bank
आपको बता दे की भारतपे के सह-संस्थापक की Kotak Mahindra Bank से साल 2021 से ही तकरार चल रही है। उस वर्ष के अक्टूबर में, Ashneer Grover और उनकी पत्नी माधुरी ने Kotak Mahindra Bank के प्रबंध निदेशक और सीईओ उदय कोटक और उनकी टीम को एक कानूनी नोटिस भेजा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बैंक नायका आईपीओ के लिए धन और शेयर आवंटन में मदद नहीं कर सका। इस कानूनी विवाद ने तब तूल पकड़ा जब ग्रोवर और कोटक ग्रुप के एक कर्मचारी के बीच हुआ झगड़ा सोशल मीडिया पर सामने आया।-Ashneer Grover v/s Kotak Mahindra Bank
इसके अलावा, एक अनाम ट्विटर अकाउंट से एक ऑडियो क्लिप जारी की गई जिसमें कथित तौर पर ग्रोवर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए और कोटक के एक कर्मचारी को धमकी देते हुए सुने जा सकते हैं। ग्रोवर ने तुरंत ऑडियो को “फर्जी” बताते हुए इसे पैसे वसूलने की एक कोशिश बताया। उन्होंने बाद में इस मामले पर अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया।
बाकि Kotak Mahindra Bank पर आरबीआई की कार्रवाई को कई लोगों ने बैंक के लापरवाह व्यवहार और ग्राहकों को हुई असुविधा के लिए एक उचित कदम बताया है। हालांकि, कुछ लोगों ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि यह बैंक के लिए जरूरत से ज्यादा सख्त है और इससे बैंक के संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
आपको बता दे कि Kotak Mahindra Bank पर आरबीआई की कार्रवाई ने बैंकों और आईटी सिस्टम के महत्व पर प्रकाश डाला है। यह मामला यह भी बताता है कि ग्राहकों की जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करना बैंकों के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि बैंक मजबूत और सुरक्षित आईटी सिस्टम बनाए रखें। आरबीआई की कार्रवाई बैंकों को यह संदेश देती है कि आईटी सिस्टम की खामियों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनके परिणाम हो सकते हैं।
इसके अलावा, यह मामला ग्राहकों को अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की सुरक्षा के महत्व के बारे में भी याद दिलाता है। ग्राहकों को केवल विश्वसनीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ व्यापार करना चाहिए और अपने पासवर्ड और पिन को गोपनीय रखना चाहिए।
बाकि Kotak Mahindra Bank पर आरबीआई की हालिया कार्रवाई की जड़ें 2021 में वापस जाती हैं, जब बैंक ने एक नया मोबाइल बैंकिंग ऐप लॉन्च किया था। ऐप को कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे ग्राहकों को अपने खातों तक पहुंचने और लेनदेन करने में कठिनाई हुई।
आरबीआई ने शुरू में बैंक को इन समस्याओं को हल करने और ग्राहकों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए समय दिया। हालांकि, समस्याएं जारी रहीं और आरबीआई को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हालाँकिKotak Mahindra Bank भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक है। जिसकी स्थापना 1985 में उदय कोटक द्वारा की गई थी। लेकिन हाल ही में हुई आरबीआई की कार्रवाई बैंक के शेयर की कीमत में 10% की गिरावट का कारण बनी।
बाकि बैंक ने भी आरबीआई की कार्रवाई को स्वीकार कर लिया है और अपने आईटी सिस्टम को सुधारने के लिए कदम उठा रहा है।
आपको बता दे कि यह पहली बार नहीं है कि आरबीआई ने आईटी सिस्टम की विफलताओं के लिए किसी बैंक पर कार्रवाई की है। 2018 में, आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक पर आईटी सिस्टम की विफलता के कारण नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी।
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