हरियाणा में BJP के सामने मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहली लिस्ट जारी होने के बाद पार्टी के बड़े-बड़े नेता एक-एक करके साथ छोड़ते जा रहे हैं। पार्टी मौजूदा विधायकों के प्रति सत्ता विरोधी लहर की वजह से टिकट काट दिया, लेकिन भाजपा का यह दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है।
पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में BJP को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें पहली समस्या असंतुष्ट नेताओं की है, जो टिकट न मिलने से परेशान हैं। 5 सितंबर को टिकटों की पहली लिस्ट आने के बाद कई नेताओं ने या तो पार्टी या मंत्री पद छोड़ दिया या फिर बगावत का झंडा बुलंद कर दिया।
करण देव कंबोज के इस्तीफे से BJP को लगा बड़ा झटका
सबसे बड़ा झटका OBC मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष करण देव कंबोज का इस्तीफा रहा, जिन्होंने यमुनानगर जिले के रादौर में सभी 36 बिरादरियों की बैठक की अध्यक्षता की, जिस सीट से वे टिकट चाहते थे। बैठक में BJP कार्यकर्ताओं ने फैसला किया कि अगर BJP ने उनके नाम अगली सूची में शामिल नहीं किए तो वे निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं।
करण देव कांबोज ने लगाया गलत तरीके से टिकट बांटने का आरोप
करण देव ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए टिकट गलत तरीके से बांटे गए हैं। हमारे केंद्रीय कार्यालय से जारी की गई लिस्ट में उन बागियों को टिकट दिए हैं, जिन्होंने अतीत में पार्टी की पीठ में छुरा घोंपा है।
रामबिलास शर्मा भी पार्टी से नाराज
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और महेंद्रगढ़ से चार बार विधायक रह चुके रामबिलास शर्मा ने 6 सितंबर को महेंद्रगढ़ में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई। राम बिलास शर्मा ने पहली सूची में नाम न होने पर नाराजगी जताई। शर्मा ने कहा कि उन्होंने 55 साल संघर्ष किया, मुझे खत्म करने की हिम्मत किसी में नहीं है। शर्मा हरियाणा BJP के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं, इसके बावजूद पार्टी ने पहली सूची में महेंद्रगढ़ से उम्मीदवार घोषित नहीं किया।
कांग्रेस ने बजरंग पुनिया को दी बड़ी जिम्मेदारी
इस बीच, शुक्रवार को कांग्रेस ने पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को पार्टी में शामिल कर लिया और विनेश को जुलाना सीट से टिकट दे दिया। पहलवानों के कांग्रेस में शामिल होने के मामले में BJP सावधानी से कदम उठा रही है, क्योंकि उसे पता है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के इतने करीब इन दोनों की आलोचना करना पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है।
BJP ने साधा कांग्रेस पर निशाना
BJP ने कांग्रेस पर निशाना साधा है और यहां तक कहा है कि कांग्रेस ने ही भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की साजिश रची थी। हालांकि, हरियाणा के एक BJP नेता ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने से उन्हें कोई गंभीर नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि राज्य में किसान आंदोलन और पहलवानों के विरोध के कारण पार्टी को पहले ही नुकसान हो चुका है।
फोगाट का कांग्रेस में शामिल होना जीत की गारंटी नहीं
सच तो यह है कि जिस तरह से उन्हें ओलंपिक पदक से वंचित किया गया था, उसके लिए राष्ट्रीय नायक के रूप में मनाए जाने के बाद फोगाट के राजनीति में उतरने के फैसले को लोग शायद पसंद न करें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे लोग BJP को वोट देंगे। BJP नेता ने यह भी स्वीकार किया। यह भी कहा जा सकता है कि विनेश फोगाट भले कांग्रेस में शामिल हो गई हैं, लेकिन यह इस बात की गारंटी नहीं है कि इससे कांग्रेस को बढ़त मिलेगी।
पहलवानों के शामिल होने से कांग्रेस को लगेगा झटका
BJP नेता ने कहा कि एक बात तो तय है कि पहलवानों का शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, जो हरियाणा में BJP के 10 साल से अधिक के शासन के विकल्प के तौर पर खुद को पेश कर रही है।
BJP ने बाहरी लोगों को किया एडजस्ट, वफादारों को नहीं दी तवज्जो
हरियाणा में टिकटों का बंटवारा BJP के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ा कर दिया है। जो दूसरी पार्टियों को छोड़कर BJP में आए थे, उनको तो एडजस्ट कर लिया गया है, लेकिन को पार्टी के प्रति वफादार रहे हैं। उनके बारे में नहीं सोचा गया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पुराने नेता केवल दरी बिछाने का काम करते रहेंगे क्या? उनके त्याग और तपस्या को पार्टी में कोई तवज्जो नहीं मिल रही है। पार्टी नेताओं की इस कदर नाराजगी BJP के लिए बड़ी मुश्किलें लेकर आ सकता है। आने वाले दिनों में BJP इस स्थिति से कैसे निपटती है, इस पर बारीकी से नज़र रखी जाएगी।
BJP ने जम्मू में प्रचार अभियान किया तेज
जम्मू-कश्मीर BJP का घोषणापत्र जारी कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। शाह ने 6 सितंबर को चुनावों के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया, जिसमें 25 गारंटी दी गईं, जिनमें आतंकवादी कृत्यों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए श्वेत पत्र जारी करना, कश्मीर में 100 बर्बाद मंदिरों को बहाल करना और छात्रों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए कई रियायतों की घोषणा करना शामिल है।
अमित शाह ने जारी किया घोषणा पत्र
जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए BJP के वादों में लैपटॉप, टैबलेट और छात्रों के लिए 3,000 रुपये वार्षिक यात्रा भत्ता; युवाओं के लिए पांच लाख नौकरियां; कृषि क्षेत्र के लिए बिजली शुल्क दरों में 50% की कमी और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 10,000 रुपये; मां सम्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला को सालाना 18,000 रुपये; ग्राम रक्षकों के लिए मानदेय बढ़ाना; और जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो सेवाएं। BJP के घोषणा पत्र में कई बड़े-बड़े वादे किए गए हैं। इसको जमीन पर उतारना भी एक चैलेंज वाला काम हो सकता है, क्योंकि जहां-जहां BJP की सरकारें वहां पर किए गए वादे कभी पूरे नहीं किए गए हैं।
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का होगा इंतजाम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए एक बहुत विस्तृत योजना का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के चरम पर कश्मीर छोड़ने वाले कई कश्मीरी पंडितों और सिख समुदाय के लोगों को संकट में अपनी संपत्ति बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। अमित शाह ने कहा कि हमने उनकी संपत्तियां वापस करके या उनकी संपत्तियों के लिए राशि प्रदान करके इस संबंध में काम करना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि हरियाणा में BJP की हालत काफी पतली बताई जा रही है, वहीं जम्मू-कश्मीर में जबसे कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस एक साथ आए हैं। वहां पर भी इंडिया ब्लॉक की स्थिति मजबूत बताई जा रही है। खासकरके, जम्मू में नेशनल कांफ्रेंस की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है। यह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और यहां पर नेशनल कांफ्रेंस काफी अच्छा प्रदर्शन करती आई है। इसलिए यह माना जा रहा है कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के एक साथ आने से इनको और मजबूती मिली है। वहीं, पीडीपी अलग-थलग पड़ गई है। कमोबेश कुछ इसी तरह की स्थिति BJP की भी है।
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