अरविंद केजरीवाल की तिहाड़ से रिहाई-Arvind Kejriwal Released
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत स्वीकार की
केरजीवाल की रिहाई के क्या मायने ?
रिहाई से आप,कांग्रेस और इंडी गठबंधन को कितना फायदा ?
क्या लोकसभा चुनाव पर होगा कोई असर?
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आए तिहाड़ से बाहर.. क्या लोकसभा चुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिलेगा.. क्या इंडिया गठबंधन में मजबूती आएगी…. इन्हीं सब सवालों का जवाब इस वीडियो को जरिए हम आपको देंगे.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS.. शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. -Arvind Kejriwal Released
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने अंतरिम जमानत का आदेश पारित करते हुए कहा, ‘लोकसभा चुनाव इस साल की सबसे महत्वपूर्ण घटना है. करोड़ों मतदाता अगले पांच साल के लिए इस देश की सरकार चुनने के लिए अपना वोट डालेंगे. ‘इसके महत्व को देखते हुए हम अभियोजन पक्ष की ओर से दिए गए उस तर्क को खारिज करते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि जमानत देने से राजनेताओं को इस देश के सामान्य नागरिकों की तुलना में लाभकारी स्थिति में होने का फायदा मिलेगा.’ -Arvind Kejriwal Released
इसके बाद देर शाम अरविंद केजरीवाल की गाड़ी तिहाड़ जेल से बाहर निकल गई. आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन के नेताओं के लिए यह एक बड़ी जीत मानी जा सकती है. अरविंद केजरीवाल एक साथ इस देश की जनता के एक बहुत बड़े तबके लिए जहां खलनायक हैं वहीं एक बहुत बड़ी जनसंख्या के लिए नायक भी हैं. उनके व्यक्तित्व का यही कॉम्बिनेशन उनकी राजनीति को धार देता है.-Arvind Kejriwal Released
आइए देखते हैं उनकी जेल से रिहाई से कितने तरह के समीकरण बनेंगे और बिगड़ेंगे. अब सवाल ये है कि केजरीवाल की बाहर आना पार्टी के लिए कितना फायदेमंद होगा.. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने 10 मई को अपना फैसला सुनाते हुए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वो उनके समर्थकों के लिए वो शब्द रामबाण बन जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री और एक राष्ट्रीय दल के नेता हैं. निस्संदेह, गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन अभी उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है.
उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. वह समाज के लिए खतरा नहीं हैं. निश्चित है कि सुप्रीम कोर्ट के ये शब्द दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के लिए सहानुभूति वोट मिलने की संभावना को और बढ़ा देंगे. एक सर्वे में बहुत पहले ही यह बात आई थी कि अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर चुनावी बढ़त हासिल कर ली है. 2014 और 2019 के दोनों लोकसभा चुनावों में राजधानी की सात की सातों सीटें बीजेपी जीतती रही है पर इस बार स्थितियां अलग हैं.
एक तो दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं दूसरे अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से मिलने वाली सहानुभूति के चलते उम्मीद की जा रही है कि इस बार बीजेपी के लिए दिल्ली में सभी सीट जीतना टेढ़ी खीर है.
पर 2109 में मिले बीजेपी को वोट आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को मिले कुल वोट से कहीं अधिक रहा है. पर दिल्ली में पिछले लोकसभा चुनावों में दूसरे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस ने तीसरे स्थान पर रहने वाली आम आदमी पार्टी से कम सीटें लेकर यह साबित कर दिया था कि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली का चुनाव अभियान लीड करने वाले हैं. जाहिर है कि अब केजरीवाल की रिहाई का लाभ दोनों ही पार्टियां उठाने वाली हैं.. अब कांग्रेस के लिए दिल्ली में तो खुशी है लेकिन क्या पंजाब में भी खुशी है…
जहां तक आम आदमी पार्टी की पंजाब में लोकप्रियता की बात है, इस समय अरविंद केजरीवाल वहां के सबसे बड़े लीडर हैं. पंजाब में आम आदमी पार्टी बहुत बड़ी ताकत बन चुकी है. पर दिक्कत यह है कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जहां एक साथ चुनाव लड़ रही हैं, वहीं पंजाब में ये दोनों पार्टियां एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की सहानुभूति की फसल कांग्रेस भी काटेगी पर पंजाब में वह जनता से क्या कहेगी?
पंजाब में केजरीवाल के जेल से छूटने से वहां आम आदमी पार्टी को तो फायदा मिलेगा और कांग्रेस का बंटाधार होना तय है. कांग्रेस किस तरह अरविंद केजरीवाल पर अब पंजाब में हमले करती है यह देखने लायक होगा. पंजाब कांग्रेस ने ही सबसे पहले अरविंद केजरीवाल और खालिस्तानियों के संबंध को लेकर केंद्र को चिट्ठी लिखी थी. कैप्टन अमरिंदर रहें हों या चरणजीत सिंह चन्नी , दोनों मुख्यमंत्रियों ने अरविंद केजरीवाल के अलगाववादियों से संबंधों को उजागर किया था. यह कुछ वैसा ही है जैसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार पर शराब घोटाले का आरोप सबसे पहले कांग्रेस ने लगाया था.
पर दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच समझौतै हो जाने के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं को अपने मुंह सिलने पड़ गए. पंजाब में राहत की बात यह है कि बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल भी इस बार अकेले ही हैं. दशकों पुराना शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का साथ छूट चुका है.. विपक्ष के लिए अरविंद केजरीवाल की रिहाई से जहां उम्मीद जगती है वहीं बीजेपी के लिए राहत लेकर आई है. कम से कम दिल्ली में बीजेपी के लिए जेल में बंद अरविंद केजरीवाल बीजेपी के लिए ज्यादा खतरनाक थे बनिस्पद जेल के बाहर केजरीवाल से.
अरविंद केजरीवाल जब तक जेल में थे लोगों के लिए वो एक पीड़ित थे. भारतीय जनमानस में पीड़ित के लिए तुरंत संवेदनाएं जगती रही हैं. गिरफ्तार जयप्रकाश नारायण रहे हों या गिरफ्तार इंदिरा गांधी सभी ने देश की जनता का प्यार सबको मिला है. इसलिए दिल्ली बीजेपी के लिए जेल से बाहर अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना ज्यादा आसान होगा. दिल्ली भाजपा के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी कहती थी वो ईमानदार हैं, उन्होंने कोई करप्शन नहीं किया, कोई बेईमानी नहीं की तो फिर उनको 1 तारीख को जेल क्यों जाना होगा?
दिल्ली की जनता ने मनीष सिसौदिया, संजय सिंह को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार होते देखा और इसे बहुत सामान्य माना. बारी-बारी इतने नेता जेल गए पर पर दिल्ली में इसके खिलाफ कोई आंदोलन नहीं खड़ा हो सका है. इसलिए बीजेपी को लगता है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से सहानुभूति का संकट नहीं पैदा होने वाला है… अब एक सवाल ये है कि केजरीवाल की रिहाई इंडिया गठबंधन के लिए क्या मददगार साबित होगी..अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का असली फायदा उठाने की ताक में इंडिया गठबंधन के दल हैं. जिस तरह की प्रतिक्रिया इंडिया गठबंधन के दलों की ओर से केजरीवाल की रिहाई पर आई है वो उनकी उम्मीद को जाहिर करती है.
पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने सर्वोच्च अदालत के फैसले के फौरन बाद एक्स पर पोस्ट लिखकर खुशी का इजाहर किया. उन्होंने लिखा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली है. मौजूदा चुनावों में यह बहुत ही मददगार होगा. शरद पवार ने भी तुरंत खुशी जाहिर की है. इंडिया ब्लॉक इस अंतरिम जमानत को बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ जीत के रूप में स्टैबलिश करेगी. पूरे देश में विपक्ष के संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ आंदोलन को और ताकत मिलेगी. तमाम सर्वे में यह बात सामने आई है कि आम जनता को विपक्ष यह समझाने में सफल हुआ है कि केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल विपक्ष को परेशान करने में कर रहा है. इंडिया ब्लॉक वोटरों को यह दिखाने की कोशिश करेगा कि केजरीवाल की रिहाई से साबित होता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारियां गलत तरीके से की गईं हैं…
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